रायपुर/बलरामपुर/दुर्ग: छत्तीसगढ़ के कई जिलों में इन दिनों बारिश मूसलाधार आफत बनकर पड़ रही है. शनिवार को राजधानी सहित कई इलाकों में मूसलाधार बारिश ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी. कभी तेज तो कभी रुक रुककर हो रही बारिश ने कई जगह सड़क जाम के हालात बना दिए. लगातार हो रही बारिश के चलते निचली बस्तियों में पानी भरने से लोग काफी परेशान नजर आए.
बारिश से बिगड़े कई जिलों में हालात: मॉनसून के फुल एक्टिव होने से प्रदेश के ज्यादातर बांधों में पानी तेजी से भरने लगा है. गंगरेल सहित कई बांधों के गेट भी खोले जा रहे हैं. बांधों से पानी छोड़े जाने के बाद प्रभावित इलाकों में लोगों के लिए अलर्ट भी जारी किया गया है. कांकेर में मेंढकी नदी का जलस्तर भी इन दिनों बढ़ा हुआ है. महानदी में भी पानी का बहाव तेज होता जा रहा है.
मौसम विभाग ने दी चेतावनी: मेट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट ने 10 से ज्यादा जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है. मौसम विभाग की मानें तो आने 24 घंटों में बिलासपुर संभाग के कुछ जिलों में भारी से अति भारी बारिश होने की संभावना है. जिन जिलों के लिए अलर्ट जारी किया गया है उसमें कांकेर, मोहला-मानपुर, राजनांदगांव, खैरागढ़, कवर्धा, बेमेतरा, दुर्ग, मुंगेली, बिलासपुर, एमसीबी, सूरजपुर शामिल हैं.
बलरामपुर में भारी बारिश से बिगड़े हालात: बलरामपुर रामानुजगंज जिले में बीते तीन दिनों से लगातार बारिश का दौर जारी है. भारी बारिश के कारण क्षेत्र के सभी नदी-नाले उफान पर हैं. सुरक्षा के लिहाज से पुलिस और प्रशासन की टीम लगातार गश्त कर प्रभावित इलाकों का दौरा कर लोगों को सचेत कर रही है.
प्रशासन ने किया अलर्ट: मूसलाधार बारिश के चलते कन्हर नदी भी पूरे उफान पर है. पुलिस ने कन्हर नदी के किनारे रहने वाले लोगों को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं. कन्हर एनीकट और पलटन घाट पर पानी के तेज बहाव को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग भी पहुंच रहे हैं. कुछ लोग जान जोखिम में डालकर सेल्फी भी ले रहे हैं. पुलिस लगातार इलाके में गश्त के जरिए लोगों को खतरे से दूर करने की हिदायत दे रही है. लोगों का कहना है कि कई सालों के बाद बाढ़ जैसा नजारा यहां देखने को मिला है. इससे पहले साल 2018 में बाढ़ जैसे हालात बने थे.
दुर्ग में घरों में घुसा बारिश का पानी: दुर्ग के इस्पात कॉलोनी में भारी बारिश के बाद लोगों के घरों में पानी भर गया. इलाके के लोग पूरे दिन पानी निकासी के काम में जुटे रहे. स्थानीय लोगों की शिकायत है कि नाले की दीवार नीची होने के चलते हर साल बारिश में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. बारिश की वजह से इलाके के लोगों का खाने पीने और कपड़े गद्दे सब भीग गए हैं.