टोंक. जिले में निवाई, पीपलू और मालपुरा क्षेत्र में भारी बरसात के बाद इन क्षेत्रों के नदी-नाले उफान पर हैं. वहीं तालाबों और बांधों में पानी की आवक जारी है. इस बीच बरसात का सबसे ज्यादा असर पीपलू कस्बे ओर उपखण्ड क्षेत्र में देखने को मिल रहा है, जिसका सम्पर्क जिला मुख्यालय सहित अन्य कस्बों से पूरी तरह से कट चुका है. हालात यह है कि पीपलू से बगड़ी रोड पर मासी नदी उफान पर चल रही है. इसके रपट पर 3 फीट से अधिक पानी की चादर चल रही है. बीती रात इसको पार करते समय दो पिकअप पानी में पलट गई, जिसमें से एक पिकअप को लोगों ने जेसीबी की सहायता से बाहर निकाला, लेकिन दूसरी में लोहे के सरिया भरा होने से बाहर नहीं निकाला जा सका. टोंक जिले में इस मानसून सत्र 509 एमएम बरसात हो चुकी है जिसमें सर्वाधिक बरसात 687 एमएम मालपुर क्षेत्र में हुई है. वहीं पिछले 24 घंटों में 179 एमएम बरसात निवाई क्षेत्र में हुई है.
मासी बांध में पानी की आवक तेज : पीपलू क्षेत्र में माशी नदी पर बने 10 फिट भराव क्षमता वाले माशी बांध में बरसात के बाद पानी की आवक तेज है. शुक्रवार सुबह 8 बजे तक बांध में 8 फीट पानी की आवक हो चुकी है. बांध पीपलू क्षेत्र के 29 गांवों के लिए लाइफ लाइन है. रबी सीजन में 29 गांवों की 6985 हेक्टेयर जमीन के लिए इस बांध से सिंचाई का पानी मिलता है.
पीपलू आने जाने के सभी रास्ते हुए बंद : भारी बारिश के चलते पीपलू आने जाने के सारे रास्ते बंद हो चुके है. कई सरकारी विद्यालय भी जलमग्न हो गए लेकिन जिला कलेक्टर ने स्कूलों की छुट्टी नहीं की, इसी के चलते कहीं पर शिक्षकों को जान जोखिम में डालकर स्कूल पहुंचना पड़ रहा है, तो कहीं जगह स्टूडेंट्स भी परेशान है.
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पीपलू से बगड़ी रोड पर मासी नदी में दो पिकअप पलटने के बाद पीपलू तहसीलदार इंद्रजीत सिंह चौहान ने मौके पर जाकर हालात देखे और मौके पर मौजूद लोगों को जान जोखिम में डालकर नदी पार नहीं करने की अपील की. उन्होंने लोगों से कहा कि ग्रामीण प्रशासन का सहयोग करें. पीपलू में भारी बरसात के चलते राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय पीपलू तालाब बन चुका है. बरसता पानी पुस्तकालय में भरने से लगभग 10 हजार से अधिक पुस्तकें खराब हो चुकी है. कई कक्षा कक्षों की छतों से पानी टपक रहा है.