दौसा: जिले में गुरुवार रात से जारी हुआ बारिश का दौर रुक-रुककर लागतार है. निचले इलाके जलमग्न हो गए. जिले के कई बांधों में पानी की आवक होने से लोगों में खुशी का माहौल है. जिले के महवा उपखंड में बारिश ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए. बारिश के चलते महवा में सड़कें नदी के रूप में तब्दील हो गई. महवा क्षेत्र में पिछले 25 सालों में पहली बार बाणगंगा नदी में पानी नजर आया. जिले के कई बांधों में पानी की चादर चलने से लोग बारिश का लुप्त उठा रहे है. भारी बारिश के चलते क्षेत्र का जलस्तर भी बढ़ रहा है.
जिले के कई बांधों में वर्षों बाद पहली बार पानी आने से चादर चल रही है. इससे क्षेत्र के लोगों में खुशी का माहौल है, लेकिन भारी बारिश के बाद भी जिले के 18 बड़े बाधों में से अब भी 9 बांध सूखे पड़े है, जबकि 9 छोटे बांध सूखे है.
पढ़ें: आज से पूर्वी राजस्थान में बारिश, इन तीन संभागों में रहेगा अलर्ट
सूरजपुरा बांध में 6 साल बाद चली चादर: दौसा जिला मुख्यालय के पास ही स्थित सूरजपुरा बांध में पिछले 6 साल में पहली बार पानी की आवक हुई है. इससे आसपास क्षेत्र के लोग बारिश का लुप्त उठाने के लिए सूरजपुरा बांध पर पहुंच रहे हैं. स्थानीय निवासी जयवीर सिंह नाथावत ने बताया कि सूरजपुरा बांध में पिछले 17 सालों में तीन बार बांध में पानी भरा है,लेकिन इस बार बारिश अच्छी होने के चलते बांध पूरा भर गया है. इससे बांध पर पिछले कई दिनों से चादर चल रही है. ऐसे में बंध में पानी आने से आसपास क्षेत्र की करीब 50 हजार से अधिक आबादी को पानी की आपूर्ति हो सकेगी.
फसल में मिलेगा फायदा: स्थानीय ग्रामीण मुरारीलाल मीना ने बताया कि बांध की भराव क्षमता 13 फिट है. अब ये पूरा भरा हुआ है. ऐसे में अगर बांध की ऊंचाई और बढ़ा दी जाए तो इससे और भी कई गांवों के लोगों को फायदा मिल सकता है. मीना ने बताया कि क्षेत्र में पानी की कमी के चलते किसानों को फसल उत्पादन में नुकसान होता है, लेकिन सुरजपुरा बांध के भरने से आसपास क्षेत्र के हजारों किसानों को इसका सीधा लाभ मिलेगा. उन्होंने बताया कि आसपास क्षेत्र में चना, सरसों और गेहूं की खेती काफी मात्रा में होती है. पानी की आवक होने से इस बार किसानों को फसल में उत्पादन में भी लाभ मिलेगा.
यह भी पढ़ें: धौलपुर में 200 एमएम रिकॉर्ड बारिश, जानिए फिर कब ऐक्टिव होगा मानसून
बांध पर नहीं है सुरक्षा के कोई बंदोबस्त: सुरजपुरा बांध में पानी की आवक होने से यहां बारिश का लुप्त उठाने के लिए प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में लोग आ रहे हैं, लेकिन सुरक्षा मानकों की बात की जाए तो यहां स्थानीय जिला प्रशासन की ओर से किसी प्रकार के सुरक्षा बंदोबस्त नहीं किए गए है. ऐसे में किसी भी समय यहां बड़ा हादसा होने की बात से इंकार नहीं किया जा सकता.
बारिश से गिरी पानी की टंकी: जिले में लगातार हो रही बारिश के कारण कई जगह नुकसान भी देखा जा रहा है. जिला मुख्यालय पर स्थित किला सागर में शुक्रवार को एक साढ़े 4 लाख लीटर पानी की भराव क्षमता की टंकी भरभराकर ढह गई. हालांकि, गनीमत रही कि हादसे में किसी प्रकार की कोई जनहानि नहीं हुई. इसी प्रकार जिले में कई जगह बारिश के चलते पाटोरपोस मकान ढह गए.
जिले में सर्वाधिक बारिश महवा में: सरकारी आंकड़ों के हिसाब से जिले में अब तक पिछले 24 घंटे में सर्वाधिक बारिश में महवा उपखंड में 202 एमएम दर्ज की गई है. अब तक 1064 एमएम बारिश दर्ज की गई है. इसी प्रकार बसवा में 122 एमएम, दौसा में 101 एमएम, लालसोट में 23 एमएम, राहुवास में 33 एमएम, सैंथल में 70 एमएम, सिकराय में 86 एमएम, बैजूपाड़ा में 123 एमएम, बाहरावंडा में 15 एमएम, बांदीकुई में 60 एमएम, भांडारेज में 60 एमएम, कुंडल में 49 एमएम, लवाण में 31 एमएम, मंडावर में 69 एमएम, नांगल राजावतान में 37 एमएम, निर्झरना में 24 एमएम और रामगढ़ पचवारा में 31 एमएम बारिश पिछले 24 घंटे में दर्ज की गई है.
जिले के इन बड़े बांधों में आया पानी: जिले के लालसोट स्थित मोरेल बांध में सर्वाधिक पानी आया है. इसके चलते पिछले कई दिनों से मोरेल बांध पर पानी की चादर चल रही है. साथ ही माधो सागर बांध में 7 फिट, झिलमिली बांध में 9 फिट, गेटोलाव बांध में 5.4 फिट, जगरामपुरा बांध में 5.6 फिट, कोट बांध में 6.4 फिट, सिंथोली बांध में 7.3 फिट और दिवाचली बांध में 1.4 फिट पानी का भराव हुआ है. वहीं 18 में से 9 बांध अभी भी सूखे हुए हैं. ऐसे में ग्रामीण अब सूखे बांधों में पानी आने की आस लगाए बैठे हैं. इसी प्रकार छोटे बांधों की श्रेणी में आने वाले 21 में से 11 बांधों में पानी की आवक हुई है, लेकिन 9 बांध सूखे हुए हैं.