टोंक. मानसून की पहली बरसात कई जगहों पर आफत बनकर बरसी है. पहली बरसात के बाद टोंक के सोहेला-डिग्गी, मालपुरा-टोडारायसिंह के साथ ही टोडारायसिंह से केकड़ी जाने वाले कई रास्ते बंद पड़े हैं. लावा के रामसागर बांध के टूटने के साथ ही जिले में दर्जनों तालाबों और एनीकटों पर चादर चल रही है. टोंक में बनास नदी में पानी बढ़ चुका है. शुक्रवार की रात बनास में पानी बढ़ने के बाद लगभग 20 युवकों को रेस्क्यू किया गया.
पांच बांधों पर चल रही चादर : टोंक जिले में मालपुरा के टोरडी सागर, चांदसेन, मालपुरा शहर और लावा के साथ ही देवली और टोंक मुख्यालय पर सर्वाधिक बरसात हुई है. अब तक जिले में औसतन 211 एमएम बरसात दर्ज हो चुकी है, जिसमें से टोरडी सागर पर 411 एमएम, वहीं चांदसेन में 369 एमएम, मालपुरा में 334 एमएम के साथ ही बीसलपुर बांध पर 141 एमएम बरसात दर्ज हुई है. जिले के पांच बांधों पर फिलहाल चादर चल रही है.
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मालपुरा में पानी बना परेशानी : मालपुरा उपखण्ड में भारी बरसात के चलते कई गांवों के बांधों और तालाबों का पानी ओवरफ्लो हो गया है. शुक्रवार की दोपहर से ही गांवों में जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. इस दौरान दर्जनों गांवों के घरों और स्कूलों में पानी दाखिल हो गया. शुक्रावर रात को मालपुरा के कलमंडा और डूंगरी कला गांवों में पानी में फंसे लोगों को एसडीआरएफ की टीम ने घरों से रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया. वहीं, प्रसाशन ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों के लिए भोजन के पैकेट भी बांटे हैं.
स्कूलों में छुट्टी : जिले में सभी सरकारी कर्मचारियों की छुट्टियां टोंक में रद्द कर दी गई है. जिले में सरकारी और निजी स्कूलों की छुट्टी के आदेश जिला कलेक्टर सौम्या झा ने जारी किए हैं. शनिवार दोपहर बाद भी जिले के कुछ इलाकों में बारिश के कारण हालात बिगड़े रहे. क्षेत्र की सहोदरा नदी में उफान के बाद उसका पानी चांदसेन गांव में घुस गया. इससे कई कच्चे मकान धराशायी हो गए हैं. नदी के बहाव में फंसे तीन लोगों को भी बचाने के लिए कड़ी मशक्कत की गई. इस दौरान एक पिकअप भी बहाव में पटल गई, जिसे कड़ी मशक्कत के बाद भी पानी से नहीं निकाला जा सका है.
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पिकनिक मनाने आए युवक बनास नदी में फंसे : शुक्रवार की रात बनास नदी में बड़ा हादसा उस समय टल गया, जब बनास नदी में पिकनिक मनाने गए युवक पानी के बीच फंस गए. युवक बनास पुल के पिलर के प्लेटफॉर्म पर चढ़ गए और मोबाइल से बचाव की गुहार लगाई. इसके बाद बनास नदी पहुंची रेस्क्यू टीम ने रस्सों और ट्यूब डालकर सभी युवकों को बाहर निकालने में सफलता पाई.
पीपलू में भी बिगड़े हालात : टोंक जिले के पीपलू उपखंड के कई कार्यालयों और स्कूलों में पानी भर गया. यहां तीन से चार फीट पानी भरने से आमजन जीवन अस्त व्यस्त हो गया. पिछले 15 घंटों से बिजली गायब है. पावर हाउस के अलावा तहसील, उपकोष, न्यायालय, पंचायत समिति और कस्तूरबा छात्रावास परिसर में घुटनों से ज्यादा पानी भरा है. बिजली निगम के पावर हाउस में पानी भरने से शुक्रवार शाम से पीपलू क्षेत्र की बिजली गुल है.
लाइफलाइन हो रही है गुलजार : राजधानी जयपुर, अजमेर, टोंक की लाइफलाइन बीसलपुर बांध में 24 घंटों में 47 सेंटीमीटर पानी की आवक हुई है. बांध में 1 टीएमसी से ज्यादा पानी आने के बाद लगभग 50 दिनों का पानी बांध में आया है. इसके बाद एक बार फिर से बांध से उम्मीदें जगी हैं. बांध के कैचमेंट एरिया में हुई अच्छी बारीश से पानी की लगातार आवक बनी हुई है. 315.50 आरएल मीटर की भराव क्षमता वाले बांध का जलस्तर शनिवार की सुबह 8 बजे तक 310.16 आरएल मीटर हो गया है. 38 टीएमसी की क्षमता बाले बांध में फिलहाल 11.218 टीएमसी पानी मौजूद है और उसमें पानी की लगातार आवक बनी हुई है.
कलेक्टर ने किया बरसात प्रभावित गांवों का दौरा : जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी और कलेक्टर सौम्या झा ने बरसात से बिगड़े हालात को देखने के साथ ही बचाव और राहत कार्यों का जायजा लिया. कलेक्टर ने मालपुरा उपखण्ड में भारी बरसात से प्रभावित गांवों कलमंडा, झिराना, बोरखण्डी कला, झिराना का दौरा किया. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले दो दिनों में जिले में भारी बरसात हुई है. मालपुरा में 335 एमएम बारिश हुई है. इसी तरह दूनी, देवली और पीपलू को मिलाकर सभी जगह 211 MM बारिश हुई है. उन्होंने अपील की कि लोग बारिश के समय घरों से न निकलें. कई बार लोग एनिकट पर चल रहे होते हैं या पानी के बहाव से वाहन पार करने की कोशिश करने में बह जाते हैं, ऐसी गलती न करें.