अलवर. जिले पर मानसून मेहरबान है. जिले की प्रमुख रूपारेल नदी में पानी आ गया. इस नदी में पानी के तेज बहाव से मालाखेड़ा- नटनी का बारा सड़क मार्ग पर बना स्थाई पुल बह गया. इससे आसपास के क्षेत्र के गांवों का आपस में संपर्क टूट गया. परेशान ग्रामीणों ने सोशल मीडिया की मदद से जिला प्रशासन से मदद की गुहार लगाई.
स्थानीय ग्रामीण रामजीवन का कहना है कि बारिश के चलते रूपारेल नदी में पानी का बहाव तेज रहा. यहां से निकलने वाले वाहन अब पूरी तरह से बंद हो चुके हैं. इससे लोगों को परेशानी हो रही है. स्थानीय ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से गुहार लगाई कि इस क्षेत्र में बने पुल को पक्का किया जाए. अन्य स्थानीय ग्रामीण ने बताया कि रूपारेल नदी सरिस्का के पहाड़ों से निकलकर भरतपुर क्षेत्र की ओर जाती है. मानसून में अच्छी बारिश के चलते रूपारेल नदी उफान पर है. इसके चलते यहां बना अस्थाई पुल ढह गया. उन्होंने बताया कि पुल टूटने से मौके पर सैकड़ों की संख्या में लोग रोड पर खड़े हो गए. वे अपने गंतव्य स्थान तक पहुंच पा रहे हैं, न ही कहीं अन्य जगह जा पा रहे हैं. पुल टूटने के बाद यातायात बाधित हो गया है.
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कई गांवों के टूटे आपस में कनेक्शन: स्थानीय ग्रामीण ने बताया कि रूपारेल पर अस्थाई पुल के ढह जाने से कई गांवों का आपस में संपर्क टूट गया. उन्होंने बताया कि पृथ्वीपुरा, बालेटा, नावली, बलदेवपुर सहारनपुर मानपुर, घाटी- तलाव, सिया का बास सहित कई गांवों की कनेक्टिविटी खत्म हो गई. ग्रामीण लोगों ने अन्य लोगों से अपील की कि वे इस आपातकालीन स्थिति में अपना ध्यान रखें.
सोशल मीडिया के माध्यम से अपील: स्थानीय ग्रामीण ने बताया कि सोशल मीडिया के माध्यम से भी प्रशासन से अपील की गई है. इस मानसून के चलते गांव में इस तरह की घटना आए दिनों होती रहती हैं. इसके लिए प्रशासन की ओर से ऐसी जगह पर साइन बोर्ड लगाए जाए, जिससे किसी तरह की बड़ी दुर्घटना घटित होने से बचा जा सके. ग्रामीणों ने प्रशासन से गुहार लगाई कि पानी का बहाव रोकने के लिए मिट्टी के कट्टे लगवाने चाहिए व अन्य जरूरी इंतजाम भी किए जाने चाहिए.
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रूपारेल का पानी बटता है अलवर व भरतपुर में : सरिस्का के जंगलों में हुई तेज बारिश के चलते बरसाती नदी रूपारेल नदी आया है. इस नदी में आने वाला पानी भरतपुर व अलवर के मध्य बढ़ता है. रूपारेल नदी बरसाती नदी है, जो मानसून में बारिश आने के बाद ही निकलती है.