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बड़ा संकट : पानी के लिए करना पड़ता है घंटों इंतजार, लड़ाई-झगड़े भी, आरोप- नेता केवल वादा करते हैं - Water Crisis

राजस्थान के भीलवाड़ा में झुलसाने वाली गर्मी के बीच 'जिंदगी की जद्दोजहद' जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है. ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल संकट गहराया गया है. पानी के लिए महिलाओं को घंटो इंतजार करना पड़ता है. कई जगह तो लड़ाई-झगड़े भी होते हैं. देखिए ये रिपोर्ट...

WATER CRISIS in Bhilwara
पानी के लिए घंटों इंतजार (ETV Bharat GFX)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 7, 2024, 8:11 PM IST

गर्मी में पारी की किल्लत, जानिए स्थिति... (ETV Bharat Bhilwara)

भीलवाड़ा. बढ़ती गर्मी के साथ ही भीलवाड़ा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल संकट गहरा गया है. वैकल्पिक व्यवस्था नहीं होने के कारण महिलाओं को 40 डिग्री सेल्सियस तापमान में भी घंटों इंतजार करना पड़ता है. ईटीवी भारत ने परिस्थितओं को समझने की कोशिश की तो महिलाओं का दर्द छलक पड़ा. उन्होंने कहा कि राजनेता सिर्फ वोटों के समय वादा करके जाते हैं, लेकिन मतदान के बाद वादा नहीं निभाते.

जैसे-जैसे गर्मी का तापमान बढ़ता जा रहा है, वैसे-वैसे भीलवाड़ा जिले के ग्रामीण अंचल में पेयजल संकट गहराता जा रहा है. आसीन्द विधानसभा क्षेत्र के कई गांवों में अभी तक चंबल का पानी नहीं पहुंचने के कारण सोलर वाटर पंप पर ग्रामीण पेयजल के लिए घंटों इंतजार करते हैं. मई के महीने की इस भीषण गर्मी में जहां तापमान 40 डिग्री सेल्सियस है, उस समय भी महिलाएं पानी के लिए अपनी बारी का इंतजार करती दिखाई देती हैं. झालरी बाण गांव में तो महिलाएं अपनी बारी के लिए बाल्टी लेकर लड़ाई करती दिखाई दीं. वहीं, कई जगह तो लोग महंगे दाम पर टैंकर मंगवाने को मजबूर हैं.

पढ़ें : पानी की किल्लत : 6 हजार हैंड पंपों में पानी सूखा, 1246 रिपेयर लायक भी नहीं - Water Crisis In Dungarpur

पानी की बाल्टी भरने के लिए सोलर पंप पर इंतजार कर रही मांगी बाई ने कहा कि पानी की बहुत समस्या है. पशुओं को पीने के लिए भी पानी नहीं है. इस तेज धूप में पानी भरते हैं, कभी-कभी तो इस सोलर वाटर पंप में भी पानी खत्म होने के बाद हम खाली बर्तन घर पर लेकर जाते हैंं. 50 घरों की आबादी वाले पूरे गांव में सिर्फ एक सेलर पंप है. उन्होंने राजनेताओं एवं प्रशासनिक अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि राजनेता तो सिर्फ वोट के समय आते हैं. मतदान समाप्ति के बाद कोई जनता का दुख-दर्द नहीं पूछता. वहीं, सीता देवी ने कहा कि मैं भी तीन घंटे से इंतजार कर रही हूं. यहां पानी भरने के लिए लड़ाई-झगड़ा करना पड़ता है. पानी की इतनी कमी है कि हम इस गर्मी में स्नान नहीं कर पाते, सिर्फ शरीर को गीले कपड़े से पोछते हैं.

दो-दो, तीन-तीन दिन बाद करते हैं स्नान : इस गांव में एक ही सोलर वाटर पंप होने के कारण पानी की बहुत बड़ी समस्या है. महिलाओं ने कहा कि सिर्फ हमें पीने व बर्तन धोने का पानी भी बड़ी मुश्किल से उपलब्ध होता है. ऐसे में हम दो-दो, तीन-तीन दिनों तक इस गर्मी में भी स्नान नहीं कर पाते हैं, लेकिन हमारी सुनने वाला कोई नहीं है.

दिव्यांग महिला को भी करना पड़ता है इंतजार : गांव में काफी संख्या में महिलाएं इस तेज धूप में पानी का इंतजार करती हैं. इसमें दिव्यांग महिला को भी घंटों इंतजार करना पड़ता है. जब दिव्यांग महिला का पानी के लिए नंबर आता है, तभी उनको नलकूप से पानी मिल पाता है. इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस भीषण गर्मी में लोगों

गर्मी में पारी की किल्लत, जानिए स्थिति... (ETV Bharat Bhilwara)

भीलवाड़ा. बढ़ती गर्मी के साथ ही भीलवाड़ा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल संकट गहरा गया है. वैकल्पिक व्यवस्था नहीं होने के कारण महिलाओं को 40 डिग्री सेल्सियस तापमान में भी घंटों इंतजार करना पड़ता है. ईटीवी भारत ने परिस्थितओं को समझने की कोशिश की तो महिलाओं का दर्द छलक पड़ा. उन्होंने कहा कि राजनेता सिर्फ वोटों के समय वादा करके जाते हैं, लेकिन मतदान के बाद वादा नहीं निभाते.

जैसे-जैसे गर्मी का तापमान बढ़ता जा रहा है, वैसे-वैसे भीलवाड़ा जिले के ग्रामीण अंचल में पेयजल संकट गहराता जा रहा है. आसीन्द विधानसभा क्षेत्र के कई गांवों में अभी तक चंबल का पानी नहीं पहुंचने के कारण सोलर वाटर पंप पर ग्रामीण पेयजल के लिए घंटों इंतजार करते हैं. मई के महीने की इस भीषण गर्मी में जहां तापमान 40 डिग्री सेल्सियस है, उस समय भी महिलाएं पानी के लिए अपनी बारी का इंतजार करती दिखाई देती हैं. झालरी बाण गांव में तो महिलाएं अपनी बारी के लिए बाल्टी लेकर लड़ाई करती दिखाई दीं. वहीं, कई जगह तो लोग महंगे दाम पर टैंकर मंगवाने को मजबूर हैं.

पढ़ें : पानी की किल्लत : 6 हजार हैंड पंपों में पानी सूखा, 1246 रिपेयर लायक भी नहीं - Water Crisis In Dungarpur

पानी की बाल्टी भरने के लिए सोलर पंप पर इंतजार कर रही मांगी बाई ने कहा कि पानी की बहुत समस्या है. पशुओं को पीने के लिए भी पानी नहीं है. इस तेज धूप में पानी भरते हैं, कभी-कभी तो इस सोलर वाटर पंप में भी पानी खत्म होने के बाद हम खाली बर्तन घर पर लेकर जाते हैंं. 50 घरों की आबादी वाले पूरे गांव में सिर्फ एक सेलर पंप है. उन्होंने राजनेताओं एवं प्रशासनिक अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि राजनेता तो सिर्फ वोट के समय आते हैं. मतदान समाप्ति के बाद कोई जनता का दुख-दर्द नहीं पूछता. वहीं, सीता देवी ने कहा कि मैं भी तीन घंटे से इंतजार कर रही हूं. यहां पानी भरने के लिए लड़ाई-झगड़ा करना पड़ता है. पानी की इतनी कमी है कि हम इस गर्मी में स्नान नहीं कर पाते, सिर्फ शरीर को गीले कपड़े से पोछते हैं.

दो-दो, तीन-तीन दिन बाद करते हैं स्नान : इस गांव में एक ही सोलर वाटर पंप होने के कारण पानी की बहुत बड़ी समस्या है. महिलाओं ने कहा कि सिर्फ हमें पीने व बर्तन धोने का पानी भी बड़ी मुश्किल से उपलब्ध होता है. ऐसे में हम दो-दो, तीन-तीन दिनों तक इस गर्मी में भी स्नान नहीं कर पाते हैं, लेकिन हमारी सुनने वाला कोई नहीं है.

दिव्यांग महिला को भी करना पड़ता है इंतजार : गांव में काफी संख्या में महिलाएं इस तेज धूप में पानी का इंतजार करती हैं. इसमें दिव्यांग महिला को भी घंटों इंतजार करना पड़ता है. जब दिव्यांग महिला का पानी के लिए नंबर आता है, तभी उनको नलकूप से पानी मिल पाता है. इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस भीषण गर्मी में लोगों

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