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बूंदी में 10 मोरों की मौत, वन्यजीव प्रेमियों ने जताई चिंता - Peacocks Died

Heat Wave in Bundi, राजस्थान में भीषण गर्मी व लू का प्रकोप लगातार जारी है. इसी बीच 10 मोरों की मौत का मामला सामने आया है. इस घटना को लेकर जीव प्रेमियों ने चिंता जताई है.

10 Peacocks Died
बूंदी जिले में 10 मोरों की मौत (ETV Bharat File Photo)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 27, 2024, 7:34 PM IST

बूंदी. जिले में शनिवार को रामगढ़ विषधारी अभयारण्य क्षेत्र में महुआ गांव के निकट जंगल में देवजी के थानक के पास 10 नर एवं मादा मोर मृत मिले. प्रथम दृष्टया चिकिसकों ने भीषण गर्मी एवं लू से मौत होना बताया है. जबकि वन्यजीव प्रेमियों ने इतनी बड़ी संख्या में मोरों की मौत एक साथ होने को संदिग्ध माना है. हालांकि, मोरों की मौत का क्या कारण रहा है, इसका तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने पर ही पता चल सकेगा.

वन्यजीव प्रेमी श्रीराम मीना के अनुसार इतनी संख्या में किसी के द्वारा जहरीला दाना डालने और मोरों द्वारा चुग लेने से मौत का कारण प्रतीत होता है. इन्होंने वन विभाग को सजग रहने की जरूरत बताते हुए कहा कि फॉरेंसिक लैब से जांच आने के बाद में मौत होने के कारणों का पता लगाया जा सकता है. वहीं, वन्य प्रेमी राधेश्याम सैनी ने भी प्यास के कारण एक ही स्थान पर बड़ी संख्या में मोरों की मौत को चिंताजनक बताते हुए संदेह जताया है.

पढ़ें : तेज गर्मी का असर: पानी की कमी और तेज गर्मी से खैरथल में सात मोरों की मौत - Death Cases Of Peacocks

आरवीटीआर के उप क्षेत्र निदेशक (कोर) संजीव शर्मा ने बताया कि पोस्टमार्टम के दौरान चिकित्सकों ने प्रथम दृष्टया मोरों के मरने का कारण भीषण गर्मी एवं लू को माना है. ऐसे में इनकी मौत जहरीली दाने या पेयजल की कमी से होना नजर नहीं आ रहा है. वन कार्मिकों द्वारा किए गए मौका मुआयना के दौरान मौके पर किसी भी प्रकार के दाने नहीं पाए गए हैं और जहां यह मोर मृत मिले हैं, वहां नजदीक में ही देव की का थानक है, जहां पीने के पानी का उपलब्धता थी. संजीव शर्मा ने बताया कि अभयारण्य क्षेत्र में वन्य जीवों के लिए पेयजल की पर्याप्त व्यवस्थाएं की जा रही हैं. इस संदर्भ में सभी वन कार्मिकों को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं.

गौरतलब है कि शनिवार को ग्रामीणों की सूचना पर गेण्डोली नाका प्रभारी सुरेश कुमार जाट ने मौके पर पहुंच कर 10 नर एवं मादा मोर के शव कब्जे में लेकर मौका मुआयना किया था. इन्द्रगढ़ रेंज प्रभारी दुर्गेश कुमार कहार ने बताया कि लाखेरी पशु चिकित्सालय में पशु चिकित्सक डॉ. हरिमोहन के नेतृत्व में गठित मेडिकल बोर्ड ने प्रथम दृष्टया मोरों के मरने का कारण भीषण गर्मी एवं लू को माना है.

बूंदी. जिले में शनिवार को रामगढ़ विषधारी अभयारण्य क्षेत्र में महुआ गांव के निकट जंगल में देवजी के थानक के पास 10 नर एवं मादा मोर मृत मिले. प्रथम दृष्टया चिकिसकों ने भीषण गर्मी एवं लू से मौत होना बताया है. जबकि वन्यजीव प्रेमियों ने इतनी बड़ी संख्या में मोरों की मौत एक साथ होने को संदिग्ध माना है. हालांकि, मोरों की मौत का क्या कारण रहा है, इसका तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने पर ही पता चल सकेगा.

वन्यजीव प्रेमी श्रीराम मीना के अनुसार इतनी संख्या में किसी के द्वारा जहरीला दाना डालने और मोरों द्वारा चुग लेने से मौत का कारण प्रतीत होता है. इन्होंने वन विभाग को सजग रहने की जरूरत बताते हुए कहा कि फॉरेंसिक लैब से जांच आने के बाद में मौत होने के कारणों का पता लगाया जा सकता है. वहीं, वन्य प्रेमी राधेश्याम सैनी ने भी प्यास के कारण एक ही स्थान पर बड़ी संख्या में मोरों की मौत को चिंताजनक बताते हुए संदेह जताया है.

पढ़ें : तेज गर्मी का असर: पानी की कमी और तेज गर्मी से खैरथल में सात मोरों की मौत - Death Cases Of Peacocks

आरवीटीआर के उप क्षेत्र निदेशक (कोर) संजीव शर्मा ने बताया कि पोस्टमार्टम के दौरान चिकित्सकों ने प्रथम दृष्टया मोरों के मरने का कारण भीषण गर्मी एवं लू को माना है. ऐसे में इनकी मौत जहरीली दाने या पेयजल की कमी से होना नजर नहीं आ रहा है. वन कार्मिकों द्वारा किए गए मौका मुआयना के दौरान मौके पर किसी भी प्रकार के दाने नहीं पाए गए हैं और जहां यह मोर मृत मिले हैं, वहां नजदीक में ही देव की का थानक है, जहां पीने के पानी का उपलब्धता थी. संजीव शर्मा ने बताया कि अभयारण्य क्षेत्र में वन्य जीवों के लिए पेयजल की पर्याप्त व्यवस्थाएं की जा रही हैं. इस संदर्भ में सभी वन कार्मिकों को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं.

गौरतलब है कि शनिवार को ग्रामीणों की सूचना पर गेण्डोली नाका प्रभारी सुरेश कुमार जाट ने मौके पर पहुंच कर 10 नर एवं मादा मोर के शव कब्जे में लेकर मौका मुआयना किया था. इन्द्रगढ़ रेंज प्रभारी दुर्गेश कुमार कहार ने बताया कि लाखेरी पशु चिकित्सालय में पशु चिकित्सक डॉ. हरिमोहन के नेतृत्व में गठित मेडिकल बोर्ड ने प्रथम दृष्टया मोरों के मरने का कारण भीषण गर्मी एवं लू को माना है.

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