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दिन में गर्मी और रात में ठंड बिगाड़ रही बच्चों की सेहत, ऐसे रखें ध्यान - COLD AND COUGH INCREASED IN JIND

मौसम में परिवर्तन के चलते संक्रमण के मरीजों की संख्या बढ़ गई है. सबसे ज्यादा असर बच्चों पर दिखाई दे रहा है.

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By ETV Bharat Haryana Team

Published : 6 hours ago

जींद: हरियाणा के कई जिलों में कम हो रहा है. जींद जिले का एक्यूआई लगातार घट रहा है. जिससे लोगों को स्वच्छ हवा सांस लेने को मिल रही है लेकिन मौसम में बदलाव के चलते लोग बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं. इस समय दिन के समय तेज धूप निकल रही है तो रात के समय पारा गिर रहा है. जो ठंड का अहसास करवा रहा है.

ओपीडी पर बढ़ मरीजों की संख्या

बदलते मौसम की वजह से अधिक परेशानी छोटे बच्चों को हो रही है. मौसम में बदलाव से बच्चों को निमोनिया, बुखार, जुकाम, खांसी की समस्या अधिक हो रही है. जिसके कारण बच्चों की ओपीडी दोगुनी हो गई है. बदलते मौसम का सीधा असर लोगों की प्रतिरोधक क्षमता पर पड़ रहा है. शहर के निजी और नागरिक अस्पतालों में पिछले कुछ दिनों से मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोत्तरी देखी जा रही है. नागरिक अस्पताल की बात की जाए तो यहां प्रतिदिन 1600 के आसपास ओपीडी होती है.

अब मौसम गर्म-सर्द रहने के चलते बच्चों से संबंधित बीमारियों की ओपीडी ज्यादा होने लगी है. चिकित्सकों के अनुसार निमोनिया और वायरल बुखार के मामलों में सबसे ज्यादा इजाफा हुआ है. बच्चों को होने वाली सर्दी, जुकाम और खांसी की वजह से अभिभावकों की चिंता बढ़ गई है. इसलिए मौसम में हो रहे बदलाव के कारण ठंड और गर्मी के बीच संतुलन बनाए रखना बेहद जरूरी है. इसके अलावा हलके गर्म कपड़े पहनने, संतुलित आहार लेने और साफ.-सफाई का ध्यान रखने से बीमारियों से बचा जा सकता है. हल्के लक्षण नजर आने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें और भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें.

मौसम परिवर्तन से बिगड़ रही सेहत

ठंड के मौसम में इम्यून सिस्टम पर सबसे ज्यादा असर पड़ता है. खासकर इन दिनों बच्चों की इम्युनिटी कमजोर हो जाती है. जिससे उन्हें वायरल इंफेक्शन होने का जोखिम बढ़ जाता है. बच्चों में अधिकतर सर्दी, जुकाम, गले में खराश, हलका बुखार और फ्लू जैसी बीमारी हो सकती है. बच्चों में होने वाले वायरल इन्फेक्शन के लक्षणों में नाक बहना, गले में खराश, बुखार, थकान और खांसी जैसी समस्या हो सकती है.

बच्चों को फर्श पर ना चलने दें नंगे पांव- डॉक्टर रघुवीर पूनिया

जींद नागरिक अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर रघबीर पूनिया ने बताया कि इन दिनों समय मौसम बदल रहा है. बच्चों को नंगे पांव फर्श पर ना चलने दें. बच्चों के खानपान पर विशेष ध्यान दें. सुबह व शाम गर्म कपड़े पहनाकर रखें. गुनगुना पानी पिलाएं. किसी प्रकार की समस्या होने पर चिकित्सक को दिखाएं. वहीं इन दिनों शादियों का मौसम भी चल रहा है. बच्चे शादियों में कोल्ड ड्रिंक, आइसक्रीम का सेवन कर रहे हैं. जिसकी वजह से निमोनिया, बुखार, जुखाम, खांसी की समस्या अधिक हो रही है. बच्चों को ठंडी चीजों से दूर रखें.

मौसम में उतार-चढ़ाव को लेकर बच्चों का रखें विशेष ध्यान

डॉ. रघबीर पूनिया ने कहा कि मौजूदा समय में बच्चों सहित कई लोग सर्दी, जुखाम और गले के दर्द से पीड़ित हैं. रोजाना ओपीडी में भी ज्यादातर वायरल बुखार, खांसी, जुखाम व गले में खराश को लेकर मरीज पहुंच रहे हैं. बच्चों की सेहत पर विशेषकर ध्यान रखें. आए दिन हो रहे मौसम में बदलाव के चलते सुबह और शाम ठंड बढ़ गई है. ऐसे में स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें.

ये भी पढ़ें- हरियाणा में सामान्य से 2.9 डिग्री ज्यादा न्यूनतम तापमान, 8 दिसंबर के बाद मौसम में बड़े बदलाव की संभावना

ये भी पढ़ें- ठंड के मौसम में बीमारियों से रहना है दूर तो जरूर खाएं सिंघाड़ा, सेहत के लिए है बहुत फायदेमंद

जींद: हरियाणा के कई जिलों में कम हो रहा है. जींद जिले का एक्यूआई लगातार घट रहा है. जिससे लोगों को स्वच्छ हवा सांस लेने को मिल रही है लेकिन मौसम में बदलाव के चलते लोग बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं. इस समय दिन के समय तेज धूप निकल रही है तो रात के समय पारा गिर रहा है. जो ठंड का अहसास करवा रहा है.

ओपीडी पर बढ़ मरीजों की संख्या

बदलते मौसम की वजह से अधिक परेशानी छोटे बच्चों को हो रही है. मौसम में बदलाव से बच्चों को निमोनिया, बुखार, जुकाम, खांसी की समस्या अधिक हो रही है. जिसके कारण बच्चों की ओपीडी दोगुनी हो गई है. बदलते मौसम का सीधा असर लोगों की प्रतिरोधक क्षमता पर पड़ रहा है. शहर के निजी और नागरिक अस्पतालों में पिछले कुछ दिनों से मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोत्तरी देखी जा रही है. नागरिक अस्पताल की बात की जाए तो यहां प्रतिदिन 1600 के आसपास ओपीडी होती है.

अब मौसम गर्म-सर्द रहने के चलते बच्चों से संबंधित बीमारियों की ओपीडी ज्यादा होने लगी है. चिकित्सकों के अनुसार निमोनिया और वायरल बुखार के मामलों में सबसे ज्यादा इजाफा हुआ है. बच्चों को होने वाली सर्दी, जुकाम और खांसी की वजह से अभिभावकों की चिंता बढ़ गई है. इसलिए मौसम में हो रहे बदलाव के कारण ठंड और गर्मी के बीच संतुलन बनाए रखना बेहद जरूरी है. इसके अलावा हलके गर्म कपड़े पहनने, संतुलित आहार लेने और साफ.-सफाई का ध्यान रखने से बीमारियों से बचा जा सकता है. हल्के लक्षण नजर आने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें और भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें.

मौसम परिवर्तन से बिगड़ रही सेहत

ठंड के मौसम में इम्यून सिस्टम पर सबसे ज्यादा असर पड़ता है. खासकर इन दिनों बच्चों की इम्युनिटी कमजोर हो जाती है. जिससे उन्हें वायरल इंफेक्शन होने का जोखिम बढ़ जाता है. बच्चों में अधिकतर सर्दी, जुकाम, गले में खराश, हलका बुखार और फ्लू जैसी बीमारी हो सकती है. बच्चों में होने वाले वायरल इन्फेक्शन के लक्षणों में नाक बहना, गले में खराश, बुखार, थकान और खांसी जैसी समस्या हो सकती है.

बच्चों को फर्श पर ना चलने दें नंगे पांव- डॉक्टर रघुवीर पूनिया

जींद नागरिक अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर रघबीर पूनिया ने बताया कि इन दिनों समय मौसम बदल रहा है. बच्चों को नंगे पांव फर्श पर ना चलने दें. बच्चों के खानपान पर विशेष ध्यान दें. सुबह व शाम गर्म कपड़े पहनाकर रखें. गुनगुना पानी पिलाएं. किसी प्रकार की समस्या होने पर चिकित्सक को दिखाएं. वहीं इन दिनों शादियों का मौसम भी चल रहा है. बच्चे शादियों में कोल्ड ड्रिंक, आइसक्रीम का सेवन कर रहे हैं. जिसकी वजह से निमोनिया, बुखार, जुखाम, खांसी की समस्या अधिक हो रही है. बच्चों को ठंडी चीजों से दूर रखें.

मौसम में उतार-चढ़ाव को लेकर बच्चों का रखें विशेष ध्यान

डॉ. रघबीर पूनिया ने कहा कि मौजूदा समय में बच्चों सहित कई लोग सर्दी, जुखाम और गले के दर्द से पीड़ित हैं. रोजाना ओपीडी में भी ज्यादातर वायरल बुखार, खांसी, जुखाम व गले में खराश को लेकर मरीज पहुंच रहे हैं. बच्चों की सेहत पर विशेषकर ध्यान रखें. आए दिन हो रहे मौसम में बदलाव के चलते सुबह और शाम ठंड बढ़ गई है. ऐसे में स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें.

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