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बिहार में सरकारी नौकरी में 65 प्रतिशत आरक्षण के खिलाफ कल फिर HC में होगी सुनवाई - बिहार में सरकारी नौकरी में आरक्षण

Bihar Reservation: बिहार में सरकारी नौकरी में आरक्षण को लेकर पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई की. इस मामले में फिर मंगलवार को सुनवाई की जाएगी. 65 प्रतिशत आरक्षण के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. पढ़ें पूरी खबर.

पटना हाईकोर्ट
पटना हाईकोर्ट
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Mar 4, 2024, 5:39 PM IST

पटनाः बिहार में सरकारी नौकरी में आरक्षण बढ़ाने के खिलाफ पटना हाईकोर्ट में सोमवार को सुनवाई की गई. इस मामले में कोर्ट ने एक बार फिर मंगलवार को इस मामले में सुनवाई की बात कही है. हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस केवी चन्द्रन की खंडपीठ में गौरव कुमार व अन्य की जनहित याचिकायों पर सुनवाई हुई.

क्या है मामला? पिछले साल बिहार सरकार ने 9 नवंबर 2023 को आरक्षण की सीमा बढ़ा दी थी. जिसमें SC, ST, OBC और EBC को 65 प्रतिशत और आर्थिक रूप से पिछड़े सामान्य वर्ग के लोग यानि EWS को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला किया था. आरक्षण के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. इसी मामले में सुनवाई हुई.

50 प्रतिशत से ज्यादा आरक्षणः बिहार में जातीय सर्वे रिपोर्ट जारी होने के बाद सरकार ने आरक्षण बढ़ाने का काम किया था. सर्वे के मुताबिक सरकार ने OBC को 27, EBC को 36, SC को 19, ST को 1.68, सवर्ण यानि अनारक्षित को 15.52% आरक्षण का है. इसके अलावा आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग को 10 प्रतिशत आरक्षण है. इस हिसाब से आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से ज्यादा है.

अन्य राज्यों में क्या है आरक्षण का प्रावधान? आरक्षण के मामले में अन्य राज्यों की बात करें तो झारखंड में 77, तेलांगना में 75, छत्तीसगढ़ में 76, तमिलनाडु में 79, महाराष्ट्र में 72, कर्नाटक में 56 प्रतिशत आरक्षण है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के प्रावधन के अनुरूप 50 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है. अगर ऐसे में हाईकोर्ट अगर सुप्रीम कोर्ट भेजता है तो मामला फंस सकता है.

यह भी पढ़ेंः ANM की नियुक्ति पर HC का बड़ा फैसला- '19 सितंबर 2023 का विज्ञापन रद्द, प्राप्त अंकों के आधार पर होगी भर्ती'

पटनाः बिहार में सरकारी नौकरी में आरक्षण बढ़ाने के खिलाफ पटना हाईकोर्ट में सोमवार को सुनवाई की गई. इस मामले में कोर्ट ने एक बार फिर मंगलवार को इस मामले में सुनवाई की बात कही है. हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस केवी चन्द्रन की खंडपीठ में गौरव कुमार व अन्य की जनहित याचिकायों पर सुनवाई हुई.

क्या है मामला? पिछले साल बिहार सरकार ने 9 नवंबर 2023 को आरक्षण की सीमा बढ़ा दी थी. जिसमें SC, ST, OBC और EBC को 65 प्रतिशत और आर्थिक रूप से पिछड़े सामान्य वर्ग के लोग यानि EWS को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला किया था. आरक्षण के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. इसी मामले में सुनवाई हुई.

50 प्रतिशत से ज्यादा आरक्षणः बिहार में जातीय सर्वे रिपोर्ट जारी होने के बाद सरकार ने आरक्षण बढ़ाने का काम किया था. सर्वे के मुताबिक सरकार ने OBC को 27, EBC को 36, SC को 19, ST को 1.68, सवर्ण यानि अनारक्षित को 15.52% आरक्षण का है. इसके अलावा आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग को 10 प्रतिशत आरक्षण है. इस हिसाब से आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से ज्यादा है.

अन्य राज्यों में क्या है आरक्षण का प्रावधान? आरक्षण के मामले में अन्य राज्यों की बात करें तो झारखंड में 77, तेलांगना में 75, छत्तीसगढ़ में 76, तमिलनाडु में 79, महाराष्ट्र में 72, कर्नाटक में 56 प्रतिशत आरक्षण है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के प्रावधन के अनुरूप 50 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है. अगर ऐसे में हाईकोर्ट अगर सुप्रीम कोर्ट भेजता है तो मामला फंस सकता है.

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