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अशोक गहलोत के खिलाफ गजेंद्र सिंह शेखावत की मानहानि याचिका पर सुनवाई टली, अगली सुनवाई 12 अगस्त को - Sekhawat defamation case - SEKHAWAT DEFAMATION CASE

Sekhawat defamation case: दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने राजस्थान के अशोक गहलोत के खिलाफ गजेंद्र सिंह शेखावत की मानहानि याचिका पर सुनवाई टाल दी. अगली सुनवाई 12 अगस्त को होगी.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jul 20, 2024, 3:18 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने शनिवार को केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ दर्ज मानहानि मामले में आरोपी तय करने के मामले पर सुनवाई टाल दी. एडिशनल चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट तान्या बामनियाल ने मामले की अगली सुनवाई 12 अगस्त को करने का आदेश दिया है. आज कोर्ट में बताया गया कि इससे जुड़ा मामला दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई के लिए लंबित है. जिसके बाद कोर्ट ने सुनवाई टाल दी.

दरअसल, "सत्र न्यायालय ने 13 दिसंबर को एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की कोर्ट से अशोक गहलोत को जारी समन के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दिया था. सत्र न्यायालय के आदेश को अशोक गहलोत ने दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. जहां मामला अभी लंबित है. बता दें कि 19 सितंबर 2023 को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने अशोक गहलोत की बरी करने की मांग खारिज कर दिया था. कोर्ट ने 6 जुलाई 2023 को बतौर आरोपी अशोक गहलोत को समन जारी किया था.

दिल्ली पुलिस ने 25 मई 2023 को अपनी जांच रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल किया था. इस मामले में गजेंद्र सिंह शेखावत ने कोर्ट में दिए अपने बयान में कहा था कि संजीवनी घोटाले से मेरा कोई संबंध नहीं है. शेखावत ने कहा था कि जांच एजेंसियों ने मुझे आरोपी नहीं माना, मेरे ऊपर झूठे आरोप लगाए गए हैं. शेखावत ने कहा था कि अशोक गहलोत ने उनकी छवि खराब करने के लिए उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाए हैं.

यह भी पढ़ें- पुराने आपराधिक कानून से जुड़ी अग्रिम जमानत याचिका पर भी नए कानून के मुताबिक सुनवाई होगी- दिल्ली हाईकोर्ट

यह है पूरा मामला: शेखावत की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि अशोक गहलोत ने सार्वजनिक बयान दिया कि संजीवनी कोऑपरेटिव सोसायटी घोटाले में शेखावत के खिलाफ स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) की जांच में आरोप साबित हो चुका है. गहलोत ने ट्वीट कर कहा कि संजीवनी कोआपरेटिव सोसायटी ने करीब एक लाख लोगों की गाढ़ी कमाई लूट ली.

घोटाले में करीब नौ सौ करोड़ रुपए की हेराफेरी का आरोप लगाया गया है. याचिका में कहा गया है कि गहलोत ने अपने ट्वीट में कहा कि ईडी को संपत्ति जब्त करने का अधिकार है न कि एसओजी को, एसओजी ने कई बार ईडी से संजीवनी कोआपरेटिव सोसायटी की संपत्ति जब्त करने का आग्रह किया है लेकिन ईडी ने कोई कार्रवाई नहीं की.

यह भी पढ़ें- जस्टिस मनमोहन ने तीस हजारी कोर्ट परिसर में किया हाइब्रिड कोर्ट और स्पीच टू टेक्स्ट सुविधा का उद्घाटन

नई दिल्ली: दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने शनिवार को केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ दर्ज मानहानि मामले में आरोपी तय करने के मामले पर सुनवाई टाल दी. एडिशनल चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट तान्या बामनियाल ने मामले की अगली सुनवाई 12 अगस्त को करने का आदेश दिया है. आज कोर्ट में बताया गया कि इससे जुड़ा मामला दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई के लिए लंबित है. जिसके बाद कोर्ट ने सुनवाई टाल दी.

दरअसल, "सत्र न्यायालय ने 13 दिसंबर को एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की कोर्ट से अशोक गहलोत को जारी समन के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दिया था. सत्र न्यायालय के आदेश को अशोक गहलोत ने दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. जहां मामला अभी लंबित है. बता दें कि 19 सितंबर 2023 को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने अशोक गहलोत की बरी करने की मांग खारिज कर दिया था. कोर्ट ने 6 जुलाई 2023 को बतौर आरोपी अशोक गहलोत को समन जारी किया था.

दिल्ली पुलिस ने 25 मई 2023 को अपनी जांच रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल किया था. इस मामले में गजेंद्र सिंह शेखावत ने कोर्ट में दिए अपने बयान में कहा था कि संजीवनी घोटाले से मेरा कोई संबंध नहीं है. शेखावत ने कहा था कि जांच एजेंसियों ने मुझे आरोपी नहीं माना, मेरे ऊपर झूठे आरोप लगाए गए हैं. शेखावत ने कहा था कि अशोक गहलोत ने उनकी छवि खराब करने के लिए उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाए हैं.

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यह है पूरा मामला: शेखावत की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि अशोक गहलोत ने सार्वजनिक बयान दिया कि संजीवनी कोऑपरेटिव सोसायटी घोटाले में शेखावत के खिलाफ स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) की जांच में आरोप साबित हो चुका है. गहलोत ने ट्वीट कर कहा कि संजीवनी कोआपरेटिव सोसायटी ने करीब एक लाख लोगों की गाढ़ी कमाई लूट ली.

घोटाले में करीब नौ सौ करोड़ रुपए की हेराफेरी का आरोप लगाया गया है. याचिका में कहा गया है कि गहलोत ने अपने ट्वीट में कहा कि ईडी को संपत्ति जब्त करने का अधिकार है न कि एसओजी को, एसओजी ने कई बार ईडी से संजीवनी कोआपरेटिव सोसायटी की संपत्ति जब्त करने का आग्रह किया है लेकिन ईडी ने कोई कार्रवाई नहीं की.

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