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ज्ञानवापी पर टिप्पणी मामला; अखिलेश और ओवैसी के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग पर नहीं हो सकी सुनवाई

ज्ञानवापी (Gyanvapi Case) में मिले कथित शिवलिंग पर टिप्पणी मामले में अखिलेश यादव और असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई शनिवार (दो मार्च) को होनी थी. लेकिन वकीलों के न्यायिक कार्य से विरत रहने के कारण अगली तिथि 16 मार्च कोर्ट ने तय की है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 2, 2024, 11:11 AM IST

Updated : Mar 2, 2024, 5:23 PM IST

वाराणसी : ज्ञानवापी में मिले कथित शिवलिंग को लेकर दिए गए बयान और वहां पर भीड़ जुटने के बाद सनातन धर्म को लेकर की गई टिप्पणी को लेकर दाखिल मुकदमे में अखिलेश यादव और असदुद्दीन ओवैसी समय हजारों की संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोगों के खिलाफ दायर परिवार में सुनवाई नहीं हो सकी. कोर्ट ने 16 मार्च आगली तिथि निर्धारित की है.

इस मामले में अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय की तरफ से समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव और एआइएमआइएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ कोर्ट में एप्लीकेशन देकर मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई है. अपर जिला जज नवम की अदालत में धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप लगाते हुए वजूखाने में मिले कथित शिवलिंग को बार-बार फव्वारा कहने पर अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय ने एप्लीकेशन दी थी.

अखिलेश यादव ने पीपल के पेड़ के नीचे पत्थर रखकर झंडा लगा देने और उसे भी शिवलिंग बताने की बात भी कही थी. ओवैसी ने भी भड़काऊ बयान देते हुए हिंदू भावनाओं को आहत किया था. यह आरोप लगाते हुए हरिशंकर पांडे की तरफ से दी गई एप्लीकेशन पर सुनवाई लगातार जारी है.

निचली अदालत इस प्रार्थना पत्र को निरस्त कर चुकी है. इसके बाद इसे पुनः निगरानी याचिका के तौर पर दायर किया गया है. जिस पर सुनवाई हो रही है. प्रतिवादी अखिलेश यादव की तरफ से अधिवक्ता अनुज यादव अपना पक्ष रख चुके हैं. असदुद्दीन ओवैसी की तरफ से अधिवक्ता एहतेशाम और अन्य ने कोर्ट में जवाब दाखिल किया है. अन्य आरोपियों का जवाब देने के लिए कोर्ट ने अंतिम मौका दिया है. इसके बाद जज सभी पक्षों को सुनेंगे.

यह भी पढ़ें : ज्ञानवापी मामला: हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी, मुस्लिम पक्ष की याचिका स्वीकार

यह भी पढ़ें : ज्ञानवापी के मुख्य वाद में पक्षकार बनने की याचिका खारिज, दाखिल हुई एक नई एप्लीकेशन

वाराणसी : ज्ञानवापी में मिले कथित शिवलिंग को लेकर दिए गए बयान और वहां पर भीड़ जुटने के बाद सनातन धर्म को लेकर की गई टिप्पणी को लेकर दाखिल मुकदमे में अखिलेश यादव और असदुद्दीन ओवैसी समय हजारों की संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोगों के खिलाफ दायर परिवार में सुनवाई नहीं हो सकी. कोर्ट ने 16 मार्च आगली तिथि निर्धारित की है.

इस मामले में अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय की तरफ से समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव और एआइएमआइएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ कोर्ट में एप्लीकेशन देकर मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई है. अपर जिला जज नवम की अदालत में धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप लगाते हुए वजूखाने में मिले कथित शिवलिंग को बार-बार फव्वारा कहने पर अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय ने एप्लीकेशन दी थी.

अखिलेश यादव ने पीपल के पेड़ के नीचे पत्थर रखकर झंडा लगा देने और उसे भी शिवलिंग बताने की बात भी कही थी. ओवैसी ने भी भड़काऊ बयान देते हुए हिंदू भावनाओं को आहत किया था. यह आरोप लगाते हुए हरिशंकर पांडे की तरफ से दी गई एप्लीकेशन पर सुनवाई लगातार जारी है.

निचली अदालत इस प्रार्थना पत्र को निरस्त कर चुकी है. इसके बाद इसे पुनः निगरानी याचिका के तौर पर दायर किया गया है. जिस पर सुनवाई हो रही है. प्रतिवादी अखिलेश यादव की तरफ से अधिवक्ता अनुज यादव अपना पक्ष रख चुके हैं. असदुद्दीन ओवैसी की तरफ से अधिवक्ता एहतेशाम और अन्य ने कोर्ट में जवाब दाखिल किया है. अन्य आरोपियों का जवाब देने के लिए कोर्ट ने अंतिम मौका दिया है. इसके बाद जज सभी पक्षों को सुनेंगे.

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Last Updated : Mar 2, 2024, 5:23 PM IST
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