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Delhi: 1984 सिख विरोधी दंगों के एक मामले में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार के खिलाफ सुनवाई पूरी

पुर्व कांग्रेस नेता सज्जन कुमार पर दिल्ली के सरस्वती विहार में 1984 सिख विरोधी दंगों में भीड़ को हमले के लिए उकसाने का आरोप है.

1984 Anti Sikh Riots Case
1984 Anti Sikh Riots Case (Etv bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 24, 2024, 8:59 PM IST

नई दिल्लीः राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 1984 के सिख विरोधी दंगे के दौरान सरस्वती विहार के एक मामले में आरोपी और पूर्व कांग्रेस नेता सज्जन कुमार के खिलाफ दर्ज मामले की सुनवाई पूरी कर ली है. स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने सभी पक्षों को दो से तीन दिनों में लिखित दलीलें दाखिल करने का निर्देश दिया है. अगली सुनवाई 8 नवंबर को होगी.

गुरुवार को सुनवाई के दौरान जेल से वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए पेश सज्जन कुमार का कोर्ट में वीडियो दिखना अचानक बंद हो गया. उसके बाद कोर्ट के स्टाफ ने जेल प्रशासन से संपर्क किया तो पता चला कि ऐसा तकनीकी परेशानियों की वजह से हुआ था. बता दें, 16 दिसंबर 2021 को सज्जन कुमार ने इस मामले में खुद को निर्दोष बताते हुए ट्रायल का सामना करने की बात कही थी.

पिछले 4 दिसंबर को कोर्ट ने सज्जन कुमार के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था. मामला 1 नवंबर 1984 का है, जिसमें पश्चिमी दिल्ली के राज नगर में सरदार जसवंत सिंह और सरदार तरुण दीप सिंह की हत्या कर दी गई थी. शाम को करीब चार-साढ़े चार बजे दंगाइयों की भीड़ ने पीड़ितों के राज नगर इलाके में स्थित घर पर लोहे के सरियों और लाठियों से हमला कर दिया. शिकायतकर्ताओं के मुताबिक, इस भीड़ का नेतृत्व सज्जन कुमार कर रहे थे जो उस समय बाहरी दिल्ली लोकसभा सीट से कांग्रेस के सांसद थे.

शिकायत के मुताबिक, सज्जन कुमार ने भीड़ को हमला करने के लिए उकसाया. इसके बाद भीड़ ने सरदार जसवंत सिंह और सरदार तरुण दीप सिंह को जिंदा जला दिया. भीड़ ने पीड़ितों के घर में तोड़फोड़, लूटपाट और आगजनी को अंजाम दिया. शिकायतकर्ता की ओर से तत्कालीन रंगनाथ मिश्रा की अध्यक्षता वाली जांच आयोग के समक्ष दिए गए हलफनामे के आधार पर उत्तरी जिले के सरस्वती विहार थाने में एफआईआर दर्ज की गई. इसमें भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 148, 149, 395, 397, 302, 307, 436 और 440 की धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं.

यह भी पढ़ेंः 1984 दंगे के जनकपुरी मामले में सज्जन कुमार के खिलाफ सुनवाई टली, 7 अक्टूबर को अगली सुनवाई

नई दिल्लीः राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 1984 के सिख विरोधी दंगे के दौरान सरस्वती विहार के एक मामले में आरोपी और पूर्व कांग्रेस नेता सज्जन कुमार के खिलाफ दर्ज मामले की सुनवाई पूरी कर ली है. स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने सभी पक्षों को दो से तीन दिनों में लिखित दलीलें दाखिल करने का निर्देश दिया है. अगली सुनवाई 8 नवंबर को होगी.

गुरुवार को सुनवाई के दौरान जेल से वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए पेश सज्जन कुमार का कोर्ट में वीडियो दिखना अचानक बंद हो गया. उसके बाद कोर्ट के स्टाफ ने जेल प्रशासन से संपर्क किया तो पता चला कि ऐसा तकनीकी परेशानियों की वजह से हुआ था. बता दें, 16 दिसंबर 2021 को सज्जन कुमार ने इस मामले में खुद को निर्दोष बताते हुए ट्रायल का सामना करने की बात कही थी.

पिछले 4 दिसंबर को कोर्ट ने सज्जन कुमार के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था. मामला 1 नवंबर 1984 का है, जिसमें पश्चिमी दिल्ली के राज नगर में सरदार जसवंत सिंह और सरदार तरुण दीप सिंह की हत्या कर दी गई थी. शाम को करीब चार-साढ़े चार बजे दंगाइयों की भीड़ ने पीड़ितों के राज नगर इलाके में स्थित घर पर लोहे के सरियों और लाठियों से हमला कर दिया. शिकायतकर्ताओं के मुताबिक, इस भीड़ का नेतृत्व सज्जन कुमार कर रहे थे जो उस समय बाहरी दिल्ली लोकसभा सीट से कांग्रेस के सांसद थे.

शिकायत के मुताबिक, सज्जन कुमार ने भीड़ को हमला करने के लिए उकसाया. इसके बाद भीड़ ने सरदार जसवंत सिंह और सरदार तरुण दीप सिंह को जिंदा जला दिया. भीड़ ने पीड़ितों के घर में तोड़फोड़, लूटपाट और आगजनी को अंजाम दिया. शिकायतकर्ता की ओर से तत्कालीन रंगनाथ मिश्रा की अध्यक्षता वाली जांच आयोग के समक्ष दिए गए हलफनामे के आधार पर उत्तरी जिले के सरस्वती विहार थाने में एफआईआर दर्ज की गई. इसमें भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 148, 149, 395, 397, 302, 307, 436 और 440 की धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं.

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