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मंगलौर पालिका अनियमितता मामला, हाईकोर्ट में हुई सुनवाई, हाजी दिलशाद को एक माह में पेश होने के आदेश - Haji Dilshad Ali case

uttarakhand high court नैनीताल हाईकोर्ट ने मंगलौर के तत्कालीन पालिकाध्यक्ष हाजी दिलशाद अली मामले में सुनवाई की. इसी बीच खंडपीठ ने हाजी दिलशाद अली को नोटिस जारी कर व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में उपस्थित होने के निर्देश दिए.

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नैनीताल हाईकोर्ट (photo- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 20, 2024, 9:25 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट में मंगलौर हरिद्वार के तत्कालीन पालिकाध्यक्ष हाजी दिलशाद अली द्वारा अपने कार्यकाल के दौरान की गई अनियमितताओं को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायधीश रितु बाहरी और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने तत्कालीन पालिकाध्यक्ष को एक माह का नोटिस जारी कर व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने को कहा है.

दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए 22 अक्टूबर की तिथि नियत की है. आज हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने कोर्ट से कार्रवाई करने हेतु अतरिक्त समय मांगा गया और कहा कि इसकी जांच करने के लिए राज्य सरकार ने कमेटी गठित कर ली है, जिसकी रिपोर्ट अभी आई नहीं है, इसलिए सरकार को रिपोर्ट पेश करने के लिए अतिरिक्त समय दिया जाए.

मामले के अनुसार रुड़की निवासी मोहम्मद याकूब ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की, जिसमें कहा गया कि रुड़की पालिकाध्यक्ष ने पद पर रहते हुए डोर टू डोर कूड़ा निस्तारण सहित पालिका द्वारा कराए गए निर्माण कार्यों में सरकारी धन का दुरुपयोग किया. याचिकाकर्ता का कहना है कि तत्कालीन पालिकाध्यक्ष हाजी दिलशाद अली ने स्कूल द्वारा बनाई गई दीवार को पालिका द्वारा निर्माण दिखाकर पालिका फंड से पैसा निकाल लिया गया. याचिका में हाजी दिलशाद अली के खिलाफ जांच कर दंडात्मक कार्रवाई की जाए.

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दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए 22 अक्टूबर की तिथि नियत की है. आज हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने कोर्ट से कार्रवाई करने हेतु अतरिक्त समय मांगा गया और कहा कि इसकी जांच करने के लिए राज्य सरकार ने कमेटी गठित कर ली है, जिसकी रिपोर्ट अभी आई नहीं है, इसलिए सरकार को रिपोर्ट पेश करने के लिए अतिरिक्त समय दिया जाए.

मामले के अनुसार रुड़की निवासी मोहम्मद याकूब ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की, जिसमें कहा गया कि रुड़की पालिकाध्यक्ष ने पद पर रहते हुए डोर टू डोर कूड़ा निस्तारण सहित पालिका द्वारा कराए गए निर्माण कार्यों में सरकारी धन का दुरुपयोग किया. याचिकाकर्ता का कहना है कि तत्कालीन पालिकाध्यक्ष हाजी दिलशाद अली ने स्कूल द्वारा बनाई गई दीवार को पालिका द्वारा निर्माण दिखाकर पालिका फंड से पैसा निकाल लिया गया. याचिका में हाजी दिलशाद अली के खिलाफ जांच कर दंडात्मक कार्रवाई की जाए.

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