नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने गढ़वाल मंडल के तत्कालीन अपर निदेशक और वर्तमान में निदेशक (माध्यमिक शिक्षा) महाबीर सिंह बिष्ट के खिलाफ कानूनी कार्यवाही नहीं किये जाने के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की.सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की तरफ से कोर्ट को अवगत कराया गया कि सरकार 10 दिनों के भीतर उक्त मामले में अपना निर्णय ले लेगी. जिस पर कोर्ट की खण्डपीठ ने राज्य सरकार से 10 दिनों के भीतर की गई कार्यवाही पर शपथ पत्र पेश करने को कहा है. मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट ने 10 दिन बाद की तिथि नियत की.
मामले के अनुसार देहरादून निवासी बेरोजगार संगठन के अध्यक्ष बॉबी पंवार ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि गढ़वाल मंडल के अपर निदेशक पद पर रहते हुए महाबीर सिंह बिष्ट पर गंभीर आरोप हैं. विभागीय जांच में उनपर लगे आरोपों की पुष्टि हुई है, लेकिन, शासन ने अभी तक महाबीर सिंह बिष्ट के खिलाफ कोई विभागीय कार्यवाही नहीं की. यही नहीं आरोपित को सरकार ने निदेशक माध्यमिक शिक्षा के पद का इंचार्ज बना दिया गया है.
याचिकाकर्ता का कहना है कि गढ़वाल मंडल के अपर निदेशक पद पर रहते हुए अपने पद का दुरप्रयोग किया. बिष्ट पर आरोप है कि उनके द्वारा बीते वर्ष के सहायक अध्यापकों की स्थानांतरण सूची में छेड़छाड़ की गई. जिसमें अपने नजदीकी रिश्तेदार की नियुक्ति प्रक्रिया तथा बिना विधि की डिग्री पाए व्यक्ति को विधि अधिकारी नियुक्ति करने में अनियमितता पाई गई. जनहित याचिका में आरोपित के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की गयी है.