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बिलासपुर के गांवों में हाईटेंशन तार से करंट लगने का मामला, हाईकोर्ट में केंद्र नहीं पेश कर सकी रिपोर्ट - Hearing in Chhattisgarh High Court

बिलासपुर के रतनपुर गांव में हाईटेंशन तार से करंट फैलने के मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है. कोर्ट ने केंद्र सरकार को इस केस में रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था. मंगलवार को सुनवाई में केंद्र सरकार रिपोर्ट पेश नहीं कर पाई. उसके बाद कोर्ट ने मोदी सरकार को एक सप्ताह का समय दिया है.

HEARING IN CHHATTISGARH HIGH COURT
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Aug 20, 2024, 10:53 PM IST

बिलासपुर: रतनपुर के खेतों में हाईटेंशन तार से करंट की घटना पर हाईकोर्ट सख्त है. इस मुद्दे पर अदालत ने केंद्र सरकार को रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए मंगलवार 20 अगस्त तक का समय दिया था, लेकिन केंद्र मंगलवार को कोर्ट में रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं कर सका. जिसके बाद कोर्ट ने पूरे मामले की सुनवाई को एक सप्ताह के लिए बढ़ा दिया है.

अब केंद्र सरकार को एक सप्ताह के अंदर इस मुद्दे पर कोर्ट में रिपोर्ट दाखिल करना होगा.पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केंद्र से कहा था कि किसी भी कंपनी को सिर्फ लाइसेंस देकर आप जवाबदारी से बच नहीं सकते.

हाईटेंशन तार से हादसों का खतरा बढ़ा: हाईटेंशन बिजली के तार के कारण रतनपुर के कई गांवों में गांववालों और मवेशियों की जान का खतरा बढ़ गया है. हादसे की आशंका के मद्देनजर ग्रामीणों ने खेती बंद कर दी है. इस खबर का प्रकाशन मीडिया में हुआ जिसके बाद कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने जनहित याचिका के तौर पर इसकी सुनवाई शुरू की.

केंद्र को रिपोर्ट पेश करने का कोर्ट ने दिया आदेश: सुनवाई के बाद चीफ जस्टिस ने हाईटेंशन तार बिछाने वाली कंपनी पावर ग्रिड कॉरपोरेशन को जांच कराने के लिए कहा. इसके साथ ही इसको पूरा कराने वाली जबलपुर की कंपनी के इंजीनियरों को पूरी जांच करने का निर्देश दिया. इसकी रिपोर्ट व्यक्तिगत शपथपत्र पर कोर्ट में प्रस्तुत करने का भी आदेश कोर्ट ने दिया था. आदेश के बाद भी कोर्ट में मंगलवार को रिपोर्ट पेश नहीं हो सकी.

बिलासपुर के कितने गांव प्रभावित ?: बिलासपुर के रतनपुर क्षेत्र में कुल 8 गांवों के खेतों से हाईटेंशन तार गया है. जिसकी वजह से तार के नीचे खेत और टावरों के पास करंट के झटके महसूस किए जाते हैं. इस करंट से बचने के लिए लोग रबड़ के जूते पहन रहे हैं इसके बावजूद भी करंट लग रहा है. इस करंट से मवेशियों और बच्चों को सबसे ज्यादा खतरा है.

इसके अलावा कछार, लोफंदी, भरारी, अमतरा, मोहतराई, लछनपुर, नवगंवा और मदनपुर गांव के साथ साथ 20 गांव के लोग इससे ज्यादा प्रभावित है. इस वजह से किसानों की खेती किसानी बुरी तरह प्रभावित हो रही है. अब देखना होगा कि अगली सुनवाई में केंद्र इस मुद्दे पर क्या रिपोर्ट सौंपती है.

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बिलासपुर: रतनपुर के खेतों में हाईटेंशन तार से करंट की घटना पर हाईकोर्ट सख्त है. इस मुद्दे पर अदालत ने केंद्र सरकार को रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए मंगलवार 20 अगस्त तक का समय दिया था, लेकिन केंद्र मंगलवार को कोर्ट में रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं कर सका. जिसके बाद कोर्ट ने पूरे मामले की सुनवाई को एक सप्ताह के लिए बढ़ा दिया है.

अब केंद्र सरकार को एक सप्ताह के अंदर इस मुद्दे पर कोर्ट में रिपोर्ट दाखिल करना होगा.पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केंद्र से कहा था कि किसी भी कंपनी को सिर्फ लाइसेंस देकर आप जवाबदारी से बच नहीं सकते.

हाईटेंशन तार से हादसों का खतरा बढ़ा: हाईटेंशन बिजली के तार के कारण रतनपुर के कई गांवों में गांववालों और मवेशियों की जान का खतरा बढ़ गया है. हादसे की आशंका के मद्देनजर ग्रामीणों ने खेती बंद कर दी है. इस खबर का प्रकाशन मीडिया में हुआ जिसके बाद कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने जनहित याचिका के तौर पर इसकी सुनवाई शुरू की.

केंद्र को रिपोर्ट पेश करने का कोर्ट ने दिया आदेश: सुनवाई के बाद चीफ जस्टिस ने हाईटेंशन तार बिछाने वाली कंपनी पावर ग्रिड कॉरपोरेशन को जांच कराने के लिए कहा. इसके साथ ही इसको पूरा कराने वाली जबलपुर की कंपनी के इंजीनियरों को पूरी जांच करने का निर्देश दिया. इसकी रिपोर्ट व्यक्तिगत शपथपत्र पर कोर्ट में प्रस्तुत करने का भी आदेश कोर्ट ने दिया था. आदेश के बाद भी कोर्ट में मंगलवार को रिपोर्ट पेश नहीं हो सकी.

बिलासपुर के कितने गांव प्रभावित ?: बिलासपुर के रतनपुर क्षेत्र में कुल 8 गांवों के खेतों से हाईटेंशन तार गया है. जिसकी वजह से तार के नीचे खेत और टावरों के पास करंट के झटके महसूस किए जाते हैं. इस करंट से बचने के लिए लोग रबड़ के जूते पहन रहे हैं इसके बावजूद भी करंट लग रहा है. इस करंट से मवेशियों और बच्चों को सबसे ज्यादा खतरा है.

इसके अलावा कछार, लोफंदी, भरारी, अमतरा, मोहतराई, लछनपुर, नवगंवा और मदनपुर गांव के साथ साथ 20 गांव के लोग इससे ज्यादा प्रभावित है. इस वजह से किसानों की खेती किसानी बुरी तरह प्रभावित हो रही है. अब देखना होगा कि अगली सुनवाई में केंद्र इस मुद्दे पर क्या रिपोर्ट सौंपती है.

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