पटना: पटना हाई कोर्ट में मुजफ्फरपुर पुलिस द्वारा सड़क दुर्घटना में मरे एक शख्स के शव को बगैर अस्पताल पहुंचाए नदी में फेंक दिये जाने के मामले पर अंतिम रूप से सुनवाई अगले सप्ताह की जाएगी. इस मामले पर स्वतः संज्ञान लेते हुए चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की खंडपीठ द्वारा सुनवाई की जा रही है.
कोर्ट में प्रस्तूत किया गया अंतरिम रिपोर्ट: बता दें कि पिछली सुनवाई में राज्य सरकार की ओर से की गयी कार्रवाईयों का ब्यौरा देते हुए एक अंतरिम रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत किया गया था. इसमें इस मामले में की गयी कार्रवाईयों के संबंध में कोर्ट को जानकारी दी गई थी.
राज्य सरकार को आवश्यक कदम उठाने के निर्देश: पूर्व की सुनवाई में राज्य सरकार को दिशानिर्देश जारी करने के लिए कहा था. इस मामले पर टिपण्णी करते हुए कहा था कि राज्य सरकार को राज्य की पुलिस को संवेदनशील बनाने हेतु आवश्यक कदम उठाने चाहिए. पिछली सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता पी के शाही ने कोर्ट को बताया था कि इस मामले में सरकार द्वारा संज्ञान लिया जा चुका है और दोषी पुलिस अधिकारियों के ख़िलाफ़ कार्यवाही की जा रही है.
शव को फेंकने का मामला: गौरतलब है कि मुजफ्फरपुर पुलिस द्वारा शव को सीधे नदी में फेंक कर ठिकाने लगा दिया गया था. जिसका वीडियो 8 अक्टूबर को वायरल हो गया. वीडियो के व्यापक रूप से वायरल होने के बाद पुलिस की आलोचना बढ़ गई. वीडियो में साफ दिखा कि खून से लथपथ शव को पुलिसवालों ने लाठी से पुल से नदी में धकेल कर ठिकाने लगा दिया.
सड़क हादसे में हुई थी व्यक्ति की मौत: घटना राष्ट्रीय राजमार्ग 22 पर घटी थी. जहां एक अज्ञात ट्रक द्वारा कुचले जाने के बाद एक व्यक्ति की दर्दनाक मौत हो गई. जिसके बाद घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने न तो शव को अस्पताल पहुंचाया और न ही पोस्टमार्टम कराया. इसके बजाय, कुछ पुलिस कर्मियों ने बेरहमी से शव को सड़क से उठाया और अमानवीय तरीके से एक पुल के ऊपर से लाठियों का उपयोग कर शव को नदी में फेंक दिया.