वाराणसीः पूर्व विधायक और माफिया मुख्तार अंसारी के खिलाफ आज धोखाधड़ी से असलहा लाइसेंस लेने के मामले में सुनवाई होगी. 36 साल पुराने इस मामले में मुख्तार अंसारी ने दोनाली बंदूक खरीदने के लिए फर्जी हस्ताक्षर करके अपना लाइसेंस बनवाया था और लंबे समय तक शस्त्र का उपयोग भी किया था. मुख्तार के खिलाफ कोर्ट में अब तक 10 गवाहों ने अपनी गवाही दर्ज कराई है.
विशेष न्यायाधीश (एमपी एमएलए) अवनीश गौतम की अदालत में फर्जीवाड़ा कर 36 साल पहले बंदूक का लाइसेंस प्राप्त करने के मामले में आरोपी मुख्तार अंसारी की तरफ से अधिवक्ता श्रीनाथ त्रिपाठी व आदित्य वर्मा बहस की. अदालत ने बहस को जारी रखते हुए सुनवाई की अगली तारीख 24 जनवरी नियत की थी. बहस के दौरान सीबीसीआईडी के अभियोजन अधिकारी उदय राज शुक्ल व एडीजीसी विनय कुमार सिंह कोर्ट में अभियोजन की तरफ से मौजूद रहे. अब इस मामले की अगली सुनवाई एक फरवरी को होगी.
बता दें कि मुख्तार अंसारी पर आरोप है कि दस जून 1987 को दोनाली बंदूक के लाइसेंस के लिए जिला मजिस्ट्रेट के यहां प्रार्थना पत्र दिया था. जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक के फर्जी हस्ताक्षर से संस्तुति प्राप्त कर शस्त्र लाइसेंस प्राप्त कर लिया था. यह फर्जीवाड़ा उजागर होने पर सीबीसीआईडी द्वारा चार दिसंबर 1990 को मुहम्मदाबाद थाना में मुकदमा दर्ज कराया गया था गया था. मामले में साजिश में शामिल आर्म बाबू की मौत हो गई है, सिर्फ मुख़्तार के खिलाफ कोर्ट में विचारण अंतिम दौर में है.
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