जयपुर: वैरिकोज वेन्स यानी पैरों में नसों के गहरे रंग की नजर आना मेडिकल साइंस की नजर में एक बीमारी है. क्या आप जानते हैं कि इसके कारण क्या हैं? वैरिकोज वेन्स/मकड़ी नस, वह नसें होती हैं जो त्वचा की ऊपरी सतह से उभरी हुई दिखाई देती हैं. आयुर्वेद चिकित्सक डॉक्टर रोहित गुप्ता इस बीमारी का कारण और इलाज का तरीका बता रहे हैं कि बीमारी में त्वचा के ऊपर उभरी हुई नसों का नजर आना पैरों पर अधिक दबाव पड़ने के कारण होता है. इसका कारण यह है कि पैरों पर ज्यादा जोर पड़ने से नसों के वाल्व (द्वार) खराब हो जाते हैं. जिसकी वजह से सूजी, मुड़ी हुई और उभरी हुई ये नसें लाल या नीले रंग की होती हैं, जो मुख्य रूप से जांघों या पिंडलियों में दिखाई देती हैं.
वैरिकोज वेन्स के कारण : वैरिकोज वेन्स का प्रमुख कारण खराब दिनचर्या और व्यायाम और अच्छे खानपान की कमी से भी ये समस्या होती है. घंटों तक बैठे रहना, शारीरिक गतिविधि की कमी, अधिक जंक फूड खाना, गर्भावस्था, लम्बे समय तक कब्ज आदि के कारण भी नसों में उभार आ सकता है. इसके अलावा भारी वजन उठाने या कठिन अभ्यास करने से भी ये समस्या हो सकती है.
विटामिन-सी की कमी से आने वाली कमजोरी से भी ऐसा हो सकता है. किसी-किसी में लीवर की खराबी, ह्रदय रोग और गठिया की वजह से भी ये होता है. कई बार ज्यादा वजन उठाने और काफी कठोर व्यायाम करने से पैरों पर अत्यधिक दबाव पड़ता है, जिसकी वजह से इन नसों की उत्पत्ति होती हुई देखी जा सकती है. आनुवांशिकता भी एक ऐसा कारण है, जिसकी वजह से वैरिकोज नसों की समस्या पैदा हो सकती है. ऐसा भी कई बार पाया गया है कि दिल के दौरे, गुर्दे की किसी बीमारी और ट्यूमर (Tumour) की वजह से भी शरीर में वैरिकोज नसें उत्पन्न हो जाती हैं.
लोगों में जागरूकता की कमी : ज्यादातर लोग वैरिकोज वेन के बारे में जागरूक न होने के कारण, इस पर ध्यान नहीं देते हैं. जबकि आज के समय में 10% लोग वैरिकोज वेन्स से पीड़ित हैं. महिलाओं में यह संख्या पुरुषों की अपेक्षा और भी अधिक है. यदि मकड़ी नसों की समस्या का इलाज न किया जाए, इससे बेचैनी, खिंचाव, पैरों में सूजन, खुजली जैसी परेशानियां उत्पन्न होती हैं.
वैरिकोज वेन के लक्षण : वैरिकोज वेन की समस्या पुरुषों से अधिक महिलाओं में पाई जाती है. इसकी वजह से जरूरी नहीं कि सबको परेशानी हो, लेकिन कुछ लोगों में पैरों में सूजन, खून का जमना, त्वचा का रंग बदलना जैसी गंभीर समस्याएं देखने को मिलती हैं. इसके साथ ही त्वचा का सूखना, खुजली होना और त्वचा का फटना जैसी परेशानियां भी हो सकती हैं.
कुछ अन्य कारण :
- नसों के वाल्व (द्वार) का ठीक से काम न करना.
- उम्र के कारण वाल्व (द्वार) का ठीक से काम न करना और साथ ही नसों में खून के भरने से सूजन आ जाना.
- महिलाओं में हार्मोनल बदलाव के कारण.
- मोटापे के कारण भी नसें सूज जाती हैं.
- आनुवांशिकता भी एक कारण हो सकती है.
- जब वॉल्व्स ठीक से कार्य नहीं करते तो रक्त धमनियों में ही रहता है, जिसकी वजह से इसमें सूजन आ जाती है और वैरिकोज नसों की समस्या उत्पन्न हो जाती है. त्वचा की सतह पर दिखने वाली छोटी नसों को स्पाइडर नसें कहा जाता है.
- उम्र का कारक भी वैरिकोज नसों की बढ़त में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. उम्र के साथ नसें अपनी लचक खोती रहती हैं. इन नसों के वॉल्व्स कमजोर हो जाते हैं और दिल में रक्त जाने में समस्या उत्पन्न हो जाती है. ये धमनियां नीली इसलिए दिखती हैं, क्योंकि इनमें ऑक्सीजन से रहित खून होता है, जो फेफड़ों से सारे शरीर में जाने की प्रक्रिया में होता है.
- गर्भावस्था और रजोनिवृत्ति (Menopause) की अवस्था में महिलाओं के शरीर में हार्मोनल परिवर्तन होते हैं, जिसकी वजह से वैरिकोज नसें दिखने लगती हैं.
- कई बार हार्मोनल पूरक उत्पाद और गर्भनिरोधक गोलियों की वजह से भी ये धमनियां वैरिकोज नसों में बदल जाती हैं.
वैरिकोज वेन्स के घरेलू उपचार :
- आहार - विटामिन, मिनरल्स, लो फैट और कार्बोहाइड्रेट से युक्त संतुलित आहार लें. जंक फूड, आइसक्रीम, तम्बाकू, अल्कोहल, अधिक शक्कर और नमक जैसी चीजों से दूर रहें.
- कसरत और कपड़े - नियमित तौर पर व्यायाम करें, तंग कपड़ों को पहनने से बचें. खासकर टाइट जूते और मोजे कभी न पहनें.
- घंटों तक न बैठे रहें और न खड़े रहें. ऐसा करना पड़े तो पैरों की स्थिति को थोड़े-थोड़े समय में बदलते रहें. भारी वजन उठाते समय पैरों की स्थिति सही रखें. सही तरीके से बैठें.
- संतरे जैसे फल जिनमें विटामिन-सी होता है, अवश्य खाएं. अरंडी के तेल से मालिश करें. यह तेल रक्त के बहाव को बढ़ाता है और सूजन को कम करता है. अमरुद जरूर खाएं. इसमें उपस्थित विटामिन-सी नसों को मजबूती देता है और विटामिन-के खून के बहाव को नियंत्रित करता है. काले जामुन और स्ट्रॉबेरी का काफी मात्रा में सेवन करें. ये वैरिकोज नसों के लक्षण को दूर करने में काफी लाभदायक सिद्ध होते हैं.
- सरसों का तेल दिन में दो बार मालिस करने से रक्त परिसंचरण ठीक रहता है और नसों के वॉल्व सही तरीके से काम करते हैं.
- संतुलित खानपान ग्रहण करने से कोई भी बीमारी आपको छू भी नहीं पाती और आप एक स्वास्थ्यकर जीवन व्यतीत कर पाते हैं. लाभदायक सब्जियां, हरी पत्तेदार सब्जियां, मछलियां आदि काफी मात्रा में ग्रहण करें. तम्बाकू, धूम्रपान, शराब, जंक फूड जैसी चीजों से दूरी बनाए रखें. चीनी, आइसक्रीम आदि से दूर रहें, क्योंकि इनसे भी वैरिकोज नसों की समस्या हो सकती है.
- लहसुन, अदरक और प्याज का सेवन अच्छे से करने पर भी काफी लाभ होता है, क्योंकि ये एंटीऑक्सीडेंटस (Anti Oxidants) की तरह कार्य करते हैं.
- लम्बे समय तक कुर्सी पर बैठकर काम करने से भी ये समस्या हो सकती है. छोटे-छोटे अंतराल लें, घूमने जाएं, हल्का व्यायाम करें और शरीर को चलायमान बनाए रखें. इन सब चीजों के फलस्वरूप आपको वैरिकोज नसों की समस्या नहीं सताएगी.
- वैरिकोज नसों की त्वचा खुजली युक्त होती हैं और इसीलिए इसे खुजलाने का प्रयास ना करें. इससे खून निकलने और अलसर जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं.