अजमेर. मौसम बदल रहा है और गर्मी का आगमन होने जा रहा है. गर्मी की चिलचिलाती धूप और गर्म हवाओं से त्वचा को सुरक्षित रखना आवश्यक है. ऐसा नहीं करने पर त्वचा संबंधी रोग होने की संभावनाएं रहती है. गर्मी के मौसम में त्वचा का ख्याल कैसे रखें, इसके लिए जानते हैं चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ संजय पुरोहित से हेल्थ टिप्स.
मौसम में बदलाव के साथ ही तापमान भी बढ़ने लगा है और दिनोंदिन तापमान में बढ़ोतरी ही होगी. तापमान बढ़ने के साथ ही तेज गर्मी भी पड़ने लगेगी. ऐसे में गर्मी के मौसम में त्वचा में जलन, तेज खुजली, फोड़े-फुंसी आदि चर्म रोग की समस्या उत्पन्न हो सकती है. चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ संजय पुरोहित बताते हैं कि सर्द मौसम में नहाने के बाद शरीर पर तेल लगाना त्वचा के लिए बेहतर रहता है.
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लेकिन गर्मी आते ही त्वचा पर तेल लगाना नुकसानदायक होता है. ऐसे में गर्मी शुरू होते ही शरीर पर तेल लगाना बंद कर देना चाहिए. इससे पसीने की ग्रंथियां में अवरोध आता है और चिकनाई पसीने के रूप में बाहर नहीं आ पाती है. गर्मी के मौसम में शरीर से पसीना निकलना जरूरी है. पसीने की ग्रंथियां में अवरोध होने पर त्वचा संबंधी समस्याएं उत्पन्न होती हैं. गर्मी के मौसम में त्वचा का ख्याल रखना आवश्यक है.
गर्मी के मौसम में यह होती है समस्या:
- प्रिकली हिट (घमोरियां)
- फोड़े-फुंसियां
- फंगल इंफेक्शन
- त्वचा का कालापन
डॉ पुरोहित बताते हैं कि गर्मी के मौसम में शरीर पर तेल लगाने के कारण घमोरियां हो जाती हैं. इनमें चुभन या खुजली होती है. साथ ही तेल मालिश करने पर फोड़े फुंसी होने की भी संभावना रहती है. इसलिए सर्दी के मौसम में शरीर पर तेल लगाने की आदत को गर्मी आते ही छोड़ देना चाहिए. शरीर पर तेल मालिश करने से बाल टूटते हैं और उन छिद्र में कीटाणु पनपने लगते हैं. इस कारण उसमें (फोड़ा) बाल तोड़ हो जाता है. इसके अलावा शरीर के किसी हिस्से में नमी और गर्मी साथ में मिलती है तो फंगल इंफेक्शन होता है.
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गर्मी में पसीना आना भी जरूरी: चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ संजय पुरोहित बताते हैं कि गर्मी के मौसम में बाहर का तापमान बढ़ता जाता है और शरीर का तापमान 98.7 फेरेनाइट पर फिक्स है जो 37 डिग्री सेंटीग्रेड पर फिक्स है. जबकि बाहर का तापमान गर्मियों में 45 से 48 डिग्री तक हो जाता है. शरीर के तापमान को मेंटेन करने के लिए त्वचा से पसीना निकलता है और वह सूख जाता है. लू से बचने के लिए हर व्यक्ति को सामान्यतः 5 लीटर पानी पीना चाहिए. शरीर में पानी की कमी रहेगी, तो पसीना नहीं निकल पाएगा, तो शरीर का तापमान मेंटेन नहीं हो पाएगा. शरीर का तापमान मेंटेन करने के लिए ही प्रकृति ने हमें पसीने की ग्रंथियां दी है.
ऐसे रखें त्वचा का ख्याल: डॉ पुरोहित बताते हैं कि चिलचिलाती धूप में त्वचा को सीधे धूप के संपर्क में ना लाएं. यदि बाहर चिलचिलाती धूप में जाना आवश्यक है, तो पूरे कपड़े पहनें. चेहरे को भी कपड़े से ढक कर रखें. कैप या हेट लगाकर निकलें. फुल बांह की शर्ट पहनें. तेज धूप के कारण त्वचा झुलस सकती है. मसलन त्वचा काली पड़ जाती है. जिन लोगों की त्वचा का रंग जितना साफ होता है, उनकी त्वचा उतनी ही संवेदनशील होती है. यानी तेज धूप में उनकी त्वचा के झुलसने की संभावना ज्यादा रहती है. ऐसे लोगों की त्वचा में पानीदार छाले भी बन आते हैं.
उन्होंने बताया कि गर्मी के मौसम में टाइट कपड़े पहनने से बचना चाहिए. टाइट कपड़े पहनने से फंगल इन्फेक्शन होने की संभावनाएं ज्यादा रहती है. उन्होंने बताया कि गर्मी के मौसम में कॉटन के ढीले कपड़े ज्यादा फायदेमंद रहते हैं. यह कपड़े पसीने को सोख लेते हैं. वहीं कपड़े ढीले होने के कारण हवा से भी पसीना सूख जाता है. उन्होंने बताया कि पर्याप्त पानी पीने के अलावा हरी सब्जियों, फलों और छाछ दही का सेवन करना भी लाभदायक रहता है.