लखनऊ : प्रदेश के 18 जिलों में मलेरिया के मामले तेजी से बढ़े हैं. इनमें से कई जिलों में आंकड़ा एक हजार के ऊपर पहुंच चुका है. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों की मानें तो जनवरी से अगस्त तक प्रदेश में 5962 मरीज मिले हैं, जिनमें 34 की मौत हुई है. पिछले साल इस दौरान 3139 मामले थे, जिनमें एक की भी मौत नहीं हुई थी. आपको बता दें कि इन दिनों अस्पतालों में मलेरिया के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं.
मरीजों की हो रही निगरानीः मौजूदा हालात को देखते हुए अब मरीज की रिपोर्ट पॉजिटिव आते ही उसकी निगरानी संयुक्त निदेशक स्तर से की जा रही है. एक ही गांव में दो से तीन मरीज मिलने पर टीम भेजी जा रही है. स्वस्थ्य विभाग के प्रदेश को 2027 तक मलेरिया मुक्त करने के लक्ष्य के तहत सभी सरकारी और निजी पैथोलॉजी सेंटरों को पॉजिटिव मरीज की जानकारी पोर्टल पर अपडेट करते का निर्देश दिया है.
टॉप 10 मलेरिया के मामले वाले जिले (स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक)
बदायूं | 1277 |
हरदोई | 1054 |
बरेली | 815 |
सीतापुर | 578 |
शाहजहांपुर | 414 |
लखीमपुर खीरी | 366 |
शाहजहांपुर | 414 |
लखीमपुर खीरी | 366 |
लखनऊ | 327 |
पीलीभीत | 318 |
(नोटः जनवरी से अगस्त तक सामने आए मामले)
इन जिलों में भी सामने आए मामले
संभल 63, बहराइच 28, बाराबंकी 40, बुलंदशहर 29, फर्रुखाबाद 43, गौतमबुद्ध नगर 49, कन्नौज 33, कानपुर नगर 30, कानपुर देहात 29 और सोनभद्र में 43 मरीज मिले हैं.
कहां बढ़े मरीजः तराई वाले जिलों में मलेरिया के मरीजों की संख्या बढ़ी है. लिहाजा, प्रदेश मुख्यालय ने अचानक मरीज बढ़ने या मरीजों की मौत वाले 18 जिलों को प्राथमिकता पर रखा है. संयुक्त निदेशक (डेंगू मलेरिया) डॉ. विकास सिंघल ने बताया कि मलेरिया के मरीज मिलने वाली जगहों पर तत्काल टीम भेज रहे हैं. ये टीम उपचार की जानकारी लेने के साथ ही साफ सफाई और रोकथाम के तरीके भी समझाती है. बाद में यह भी देखा जा रहा है कि गांव में दूसरा मरीज तो नहीं मिला.
एंटी फॉगिंग भी हो रही: उन्होंने कहा कि संचारी रोग से बचाव के लिए लगातार एंटी फॉगिंग का कार्यक्रम चल रहा है. स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम दोनों मिलकर एंटी फॉगिंग अभियान चला रहे हैं जिन क्षेत्रों में मैरिज अधिक मिल रहे हैं उन क्षेत्रों में त्वरित एंटी-फॉगिंग करवाई जा रही है. इसके अलावा शनिवार व रविवार को 10 क्षेत्र में टीमें जाकर एंटी फॉगिंग करवाती है. जुलाई से ही संचारी रोग अभियान शुरू हो गया था क्योंकि ऐसे में मौसम परिवर्तित होता है परिवर्तित मौसम में संचारी रोग से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ने लगती है ऐसे मरीजों की संख्या न बढ़े इसलिए शहर भर में एंटी फॉगिंग कराई जाती है ताकि गंदगी में पनपने वाले मच्छरों को समाप्त किया जा सकें.
अब तक 34 मरीजों की मौतः मलेरिया से 8 मरीजों की बदायूं में, बरेली में तीन, अलीगढ़ में दो, हरदोई में एक, कानपुर देहात में तीन, लखीमपुर खीरी में एक, लखनऊ में तीन, मुरादाबाद में तीन, शाहजहांपुर में पांच, सीतापुर में पांच मरीजों की अब तक मौत हुई है.
मलेरिया के लक्षण क्या हैः केजीएमयू के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. डी हिमांशु के मुताबिक, मलेरिया के मरीज को कंपकंपी के साथ तेज बुखार आता है और हर 48 घंटे में फिर चढ़ता है. शरीर में ऐंठन, दर्द, पसीना आने पर बुखार घटना, बढ़ना और कमजोरी इसके लक्षण हैं.
मच्छरों से ऐसे करें बचाव
1. मच्छरों के काटने से बचने के लिए फुल कपड़े पहनें.
2. मच्छरों को पनपने से रोकने के लिए घर के आस-पास गंदगी या जलभराव न होने दें.
3. गमलों, कूलर के पानी या खाली बर्तनों में पानी को जमा होने से रोकें.
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