शिमला: पिछले कई दिनों से प्रदेश भर में डॉक्टर पेन डाउन स्ट्राइक पर थे. ऐसे में आज स्वास्थ्य मंत्री डॉ. कर्नल धनीराम शांडिल की अध्यक्षता में हिमाचल चिकित्सा अधिकारी संघ के साथ बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में संघ की विभिन्न मांगों को लेकर विस्तृत चर्चा की गई. जिसके बाद संघ ने डॉक्टरों की हड़ताल को समाप्त करने का निर्णय लिया.
स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल ने कहा, डॉक्टर कठिन परिस्थितियों में निरंतर जनसेवा का दायित्व निभा रहे हैं. सरकार उनकी जायज मांगों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि डॉक्टरों के मनोबल को बनाए रखने के लिए एवं उनके हितों की रक्षा के लिए राज्य सरकार आवश्यक एवं व्यावहारिक निर्णय लेती रहेगी. डॉक्टरों का डायनामिक एश्योर्ड करियर प्रोग्रेशन सुनिश्चित करने के दृष्टिगत समिति का गठन किया गया है जो कि तीन महीनों में संघ की मांगों को ध्यान में रखते हुए अपनी रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को सौंपेगी.
इस रिपोर्ट के आधार पर डॉक्टरों के उज्ज्वल भविष्य को ध्यान में रखते हुए आगामी निर्णय लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि डॉक्टरों को पोस्ट ग्रेजुएशन शुरू करने से पूर्व जो अनिवार्य समय सीमा का प्रावधान है, उसे कम करने को लेकर नियमों व कानूनी पहलुओं पर अध्ययन कर निर्णय लिया जाएगा.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टरों व पैरा मेडिकल कर्मचारियों के पदों को आवश्यकतानुसार भरना सुनिश्चित किया जाएगा. ताकि लोगों को घर-द्वार पर उपचार सुविधा मिलने के साथ ही चिकित्सकों पर भी काम के बोझ को कम किया जा सके. इसके अलावा चिकित्सकों को नियुक्ति स्थल पर आवासीय सुविधाएं प्रदान की जाएगी. बैठक में डॉक्टरों की एसीआर प्रक्रिया को मानव संपदा के एसीआर पोर्टल के माध्यम से पूरी तरह से ऑनलाइन करने पर भी सहमति बनी.
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