रायपुर : बारिश के दिनों में आंखों का ध्यान रखना भी बेहद जरूरी हो जाता है. क्योंकि नमी की वजह से आंखों में इंफेक्शन होता है. ऐसी स्थिति में अपनी आंखों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है. लापरवाही बरतने पर आपको आंखों से संबंधित कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. बरसात के दौरान आंखों में दो तरह की समस्याएं ज्यादातर दिखाई देती हैं, जिसमें एलर्जी और रिएक्शन प्रमुख हैं.
बारिश के दौरान आंखों का रखें ध्यान : नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ चारूदत्त कलमकर के मुताबिक, "बारिश के दिनों में आंखों में कुछ विशेष तरह का प्रभाव देखने को मिलते हैं. इसमें दो तरीके का प्रभाव ज्यादा देखने को मिलते हैं. पहला इंफेक्शन बढ़ना, जिसे सामान्य भाषा में आंख आना बोला जाता है. कंजेक्टिवाइटिस होने पर आंखों का लाल होना, कीचड़ आना, चिपचिपा होने लगता है. बारिश के दिनों में दूसरा प्रभाव आंखों पर एलर्जी का होता है. एलर्जी की वजह से आंखों में गड़न-चुभन महसूस होना और आंसू आने लगता है."
"बारिश के दिनों में आंखों का विशेष ध्यान इसलिए रखना पड़ता है, क्योंकि वातावरण में नमी बढ़ जाती है. हाथों से कई बार अपनी आंखों को छूने से भी आंखों में रिएक्शन या एलर्जी हो सकता है. ऐसा होने पर नेत्र रोग विशेषज्ञ से सलाह लेकर आंखों का इलाज कराना जरूरी होता है. अपने मन से कोई भी इलाज नहीं करें, नहीं तो आपकी परेशानियां और बढ़ सकती हैं." - डॉ चारूदत्त कलमकर, नेत्र रोग विशेषज्ञ
डॉक्टर से सलाह लेकर ही करें इलाज : नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर चारुदत्त कलमकर ने बताया, "आंखों में इन्फेक्शन और एलर्जी होने पर नेत्र रोग विशेषज्ञ से सलाह लेकर आंखों में दवाई डाली जा सकती है. लेकिन कुछ ऐसी सावधानी है, जिसको बरतने से बारिश के मौसम में आंखों में होने वाली परेशानी से बचा जा सकता है."
आंखों को बीमारियों से बचाने के उपाय : बारिश के दिनों में वातावरण में नमी बढ़ने की वजह से आंखों में समस्या होती है. हम हाथों से कई बार अपनी आंखों को छूने लग जाते हैं, जिससे समस्या हो सकती है. ऐसे में लगातार अपने हाथों की सफाई करते रहें. दिन में तीन से चार बार पीने के पानी से आंख को धोना चाहिए. आंखों में खुजली होने पर उसे उंगलियों से रगड़ना नहीं चाहिए. आंखों में अगर इस तरह की परेशानी हो तो सीधे नेत्र रोग विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए. ताकि आंखों में होने वाली परेशानी से बचा जा सके.
नोट: यहां प्रस्तुत सारी जानकारी नेत्र रोग विशेषज्ञ की तरफ से बताई गई हैं. इसकी पुष्टि ईटीवी भारत नहीं करता है.