लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अब ऑन कॉल गायनोकॉलॉजिस्ट और एनेस्थेटिस्ट एक्सपर्ट डॉक्टरों की सुविधा मरीजों को मिलेगी. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से बजट आवंटित किया जा रहा है. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बताया कि, उच्च स्तरीय स्वास्थ सेवाएं उपलब्ध कराने की दिशा में यह एक और महत्वपूर्ण कदम है. इससे मरीजों को और बेहतर इलाज मिलेगा. इसके लिए प्रदेश सरकार की ओर से बजट आवंटित किया जा रहा है.
ब्रजेश पाठक ने बताया कि, जिन जिला महिला अस्पताल या ज्वाइंट हॉस्पिटल पर केवल एक ही गायनोकॉलॉजिस्ट और एक ही एनेस्थेटिस्ट तैनात हैं, वहां रात्रिकालीन आकस्मिक सिजेरियन प्रसव के लिए ऑनकॉन सुविधा उपलब्ध रहेगी. ऑनकॉल विशेषज्ञ डॉक्टर को स्वास्थ्य इकाई छोड़ने से पहले यह सुनिश्चित करना होगा कि मरीज की हालत स्थिर है. इसके साथ ही उन्हें उस समय मौजूद डॉक्टर को मरीज की स्थिति के बारे में भी अवगत भी कराना होगा. डिप्टी सीएम ने बताया कि, ऑनकॉल विशेषज्ञ चिकित्सक की ओर से इकाई छोड़ने के बाद प्रसूता के पोस्ट ऑपरेटिव केयर का दायित्व स्वास्थ्य इकाई पर तैनात चिकित्सा अधीक्षक का होगा. वहीं जरूरत पड़ने पर ऑनकॉल विशेषज्ञ डॉक्टर को फिर से फॉलोअप विजट पर बुलाया जा सकता है.
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बताया कि, सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक ऑनकॉल विशेषज्ञ चिकित्सक और एनेस्थेटिस्ट को दो-दो हजार रुपए मानदेय दिया जाएगा. रात आठ बजे से सुबह आठ बजे तक विजिट करने पर यह राशि चार हजार रुपये होगी. साथ ही एक हजार रुपए यात्रा भत्ता और प्रत्येक फॉलोअप विजिट के लिए 1500 रुपये देय होंगे. ऑनकॉल विशेषज्ञ चिकित्सकों को सिजेरियन प्रसव के लिए धनराशि का भुगतान सीएचसी के प्रभारी चिकित्साधिकारी की ओर से मंत्रा एप्लीकेशन पर उपलब्ध डाटा के सत्यापन के बाद किया जाएगा.
सरकार की ओर से इस योजना के लिए 1.41 करोड़ रुपये प्रदेश के सभी 75 जिलों में जिला स्वास्थ्य समिति के माध्यम से आवंटित किए जा रहे हैं. डिप्टी सीएम ने बताया कि आगरा के लिए 3.21 लाख रुपये, अयोध्या के लिए 1.73 लाख, गोरखपुर के लिए 3.12 लाख, झांसी के लिए 1.45 लाख, लखनऊ के लिए 3.42 लाख, मथुरा के लिए 1.81 लाख, प्रयागराज के लिए 4.22 लाख, वाराणसी 2.67 लाख रुपये आवंटित किए जा रहे हैं.