जयपुर. चिकित्सा विभाग ने राजधानी के कानोता क्षेत्र में मिलावट को लेकर एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है. अतिरिक्त खाद्य आयुक्त पंकज ओझा के नेतृत्व में जयपुर द्वितीय क्षेत्र के खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने शनिवार को गौरव धारा कॉलोनी, कानोता, तहसील बस्सी में इस कार्रवाई को अंजाम दिया. इस दौरान 25 ड्रमों में रखा 3200 किलो वेजिटेबल सॉस नष्ट किया.
अतिरिक्त खाद्य आयुक्त पंकज ओझा ने बताया कि वेजिटेबल सॉस बनाने वाले एक कारखाने पर छापा मारा गया. इस दौरान परिसर में 25 प्लास्टिक के ड्रमों में रखा 3200 किलो वेजिटेबल सॉस पाया गया, जो कद्दू के पल्प से तैयार किया गया था. ये सॉस घटिया एवं अखाद्य रंग मिलाकर तैयार किया जा रहा था. इस वेजिटेबल सॉस की 900 ग्राम वाली बोतल 25 प्रति बोतल के हिसाब से बेचा जा रहा था. जबकि बाजार में ब्रांडेड कंपनियों की सॉस की बोतल की कीमत लगभग 150 रुपए है. इसके अलावा फैक्ट्री बिना फूड लाइसेंस चल रही थी.
सैंपल उठाए: ओझा ने बताया कि इस फैक्ट्री की कंडीशन बहुत ही दयनीय पाई गई. फैक्ट्री में हाइजीन सैनिटेशन बहुत गंदा था. मौके पर ना तो फूड लाइसेंस पाया गया और ना ही किसी कर्मी का मेडिकल फिटनेस और ना ही पानी की जांच रिपोर्ट पाई गई. इस मौके पर वेजिटेबल सॉस का खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के अंतर्गत नमूना लेने के पश्चात समस्त माल को मौके पर ही नष्ट करवाया गया. इस कार्रवाई में खाद्य सुरक्षा अधिकारी दीपक कुमार सिंधी, रमेश चंद यादव, नन्दकिशोर कुमावत व राजेश कुमार नागर शामिल रहे .
राजस्थान को पहला स्थान: राजस्थान ने खाद्य पदार्थों में मिलावट रोकने के लिए एन्फोर्समेंट सैम्पल लेने में देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है. भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्यों के मुकाबले राजस्थान ने करीब 3 गुना सैम्पल एकत्र कर यह उपलब्धि हासिल की है. भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण की ओर से वर्ष 2023-24 के लिए जारी आंकड़ों में राजस्थान ने निर्धारित लक्ष्य से अधिक सैम्पल लेते हुए 284 प्रतिशत उपलब्धि हासिल की है. प्राधिकरण ने मिलावट के खिलाफ प्रदेश की इस प्रो-एक्टिव अप्रोच को सराहा है.