कोटा. कचौरी के लिए कोटा पूरी दुनिया में मशहूर है और इसको खाने वाले लोग भी चस्का और चटकारा लेकर खाते हैं. लेकिन आज कोटा की कचौरी की दुकानों पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम ने एक्शन लिया. विभाग की एडिशनल चीफ शुभ्रा सिंह के निर्देश पर कोटा में कचौरी की दुकानों पर आज कार्रवाई की गई जिसका तहत जयपुर से ही आई टीम ने निरीक्षण किया और कई खामियां कचौरी की दुकानों पर सामने आई हैं. फूड सेफ्टी टीम इसके बाद एक के बाद एक 24 नमूने भी लिए हैं. इस कार्रवाई के लिए अतिरिक्त आयुक्त फूड सेफ्टी एंड ड्रग कंट्रोल पंकज ओझा कोटा दौरे पर आए थे उन्होंने शहर की प्रसिद्ध कचौरी की दुकानों पर जाकर छापा मारा.
पंकज ओझा ने बताया कि रतन कचौरी एंड स्वीट्स नयापुरा पर मिठाइयों पर उपभोग करने की अंतिम तारीख अंकित नहीं थी. कचौरी जिस तेल में तली जा रही थी उसमें पहले से प्रयोग हुए तेल में ही नया तेल मिलाया जा रहा था. यहां तक कि फूड हैंडलर्स का मेडिकल सर्टिफिकेट मौके पर नहीं पाया गया. कचौरी की दुकानों में गंदगी भी देखने को मिली.
इसके तहत ही दुकानदारों को साफ-सफाई के विशेष निर्देश दिए गए हैं. टीम ने मौके से यूज्ड ऑयल, नमकीन, मिल्क केक, मिर्च, हल्दी, धनिया, घी, साबुदाना खिचड़ी के कुल 8 नमूने लिए है. टीम ने इसके बाद गुमानपुरा स्थित जोधपुर स्वीट्स का निरिक्षण किया. वहां भी मिठाईयों पर बेस्ट बिफोर अंकित नहीं था, कचौरी तलने वाला तेल 6-7 दिन में बदलना बताया, यहां से खाद्य सुरक्षा व मानक अधिनियम के तहत यूज्ड तेल, कचोरी में भरने का मसाला, मैदा का घोल, घी, मिर्च, हल्दी, धनिया, नमक के नमूने लिए. टीम ने महावीर नगर चौराहा रंगबाड़ी रोड स्थित जय अम्बे नमकीन का निरीक्षण किया. वहां भी कचौरी व समोसे में तलने के लिए काम में लिया जा रहा तेल तीन बार से अधिक बार तलने में उपयोग लिया जा रहा था.
सीएमएचओ डॉ. जगदीश सोनी ने बताया कि सभी विक्रेताओं को खाद्य सुरक्षा एंव मानक अधिनियम 2006 के नियम 32 के तहत नोटिस जारी किये जाएंगे. उन्होंने बताया कि मौके से लिए गए सभी सैंपलों को जांच के लिए लैब में भेजा जा रहा है. इनकी रिपोर्ट आने के बाद नियमानुसार कार्रवाई होगी.