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बीमार पड़े हैं नूंह में बने कई उप स्वास्थ्य केंद्र, दरवाजों पर लटके ताले, सीएचओ के पद खाली - NUH SUB HEALTH CENTER

Health care in Mewat

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बंद पड़े नूंह के उप केंद्र (Photo- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Dec 10, 2024, 5:29 PM IST

Updated : Dec 10, 2024, 5:58 PM IST

नूंह: कागजों में मेवात के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने वाले औथा गंगवानी, मोहमदपुर के अलावा कई उप स्वास्थ्य केंद्र लंबे समय से खुद बीमार हैं. इनमें से कुछ को एएनएम के सहारे तो कुछ को बगैर डॉक्टरों के चलाया जा रहा है. यहां लंबे समय से सीएचओ का पद खाली है. इन सब सेंटरों पर ओपीडी का ग्रामीणों को लाभ नहीं मिल पा रहा है.

झोलाछाप डॉक्टरों पर निर्भर लोग- हजारों आबादी वाले इन गांवों के लोगों की स्वास्थ्य सेवाएं झोलाछाप डॉक्टरों पर निर्भर हैं. काफी दिन से ओथा गांव का सब सेंटर बंद पड़ा है. समय पर साफ-सफाई भी नहीं हो रही है. यहां ड्यूटी देने वाली एएनएम सप्ताह में दो दिन सब सेंटर पर बैठती हैं. चार दिन टीकारण के काम में व्यस्त रहती है. जिसके चलते ये सब सेंटर अक्सर बंद रहते हैं. इस केंद्रों पर सीएचओ नहीं बैठने का सीधा फायदा झोलाछाप डॉक्टरों को पहुंच रहा है. लोग मजबूरी में झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज कराने को मजबूर हैं. जिन्हें इलाज की एवज में मोटी रकम देनी पड़ती है. लेकिन स्वास्थ्य विभाग से लेकर सरकार तक का इस ओर कोई ध्यान नहीं है.

बीमार पड़े हैं मेवात में बने कई स्वास्थ्य सेंटर (वीडियो- ईटीवी भारत)

केवल टीकाकरण के लिए खुलता है- सरपंच अरशद इब्राहिम का कहना है कि इन सब सेंटरों की तरफ ध्यान देने की जरूरत है. सरकार ने जिस मकसद से लाखों रुपये खर्च कर लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए ग्रामीणों को सब सेंटरों की सौगात दी थी, उसके हिसाब से यहां पर स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं. उक्त सब सेंटरों पर गर्भवति महिलाओं को टीकाकरण के अलावा कोई दूसरा लाभ नहीं मिल पा रहा है.

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उप स्वास्थ्य केंद्र पर लटके ताले. (Photo- ETV Bharat)

अधिकारी के खोखले दावे- लोग कई बार विभाग और सरकार से इन सेंटरों में सीएचओ बैठाने की मांग कर चुके हैं, लेकिन उनकी यह मांग सिरे नहीं चढ़ पाई है. ग्रामीणों के मताबिक सरकार को इन सब सेंटरों की तरफ ध्यान देने की ज़रूरत है, ताकि लोगों को फायदा मिल सके. सिविल सर्जन डॉक्टर सर्वजीत थापर का कहना है कि विभाग द्वारा उप स्वास्थ्य केंद्रों पर बेहतर सुविधाएं दी जा रही हैं. दवाई और जांचों का पूरा इंतजाम है. जहां पर सीएचओ नहीं है, वहां एएनएम सेवाएं दे रही हैं और जहां पर डॉक्टरों की कमी है वहां डॉक्टर भेजे जाएंगे. जहां बिल्डिंग जर्जर है उनकी मरम्मत भी कराई जाएगी.

ये भी पढ़ें- चाकू उद्योग में सबसे आगे है हरियाणा का पिछड़ा जिला, ऐसा चाकू केवल नूंह में बनता है

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ये भी पढ़ें- ड्यूटी से घर लौट रहे होमगार्ड जवान को अज्ञात वाहन ने मारी टक्कर, मौत

नूंह: कागजों में मेवात के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने वाले औथा गंगवानी, मोहमदपुर के अलावा कई उप स्वास्थ्य केंद्र लंबे समय से खुद बीमार हैं. इनमें से कुछ को एएनएम के सहारे तो कुछ को बगैर डॉक्टरों के चलाया जा रहा है. यहां लंबे समय से सीएचओ का पद खाली है. इन सब सेंटरों पर ओपीडी का ग्रामीणों को लाभ नहीं मिल पा रहा है.

झोलाछाप डॉक्टरों पर निर्भर लोग- हजारों आबादी वाले इन गांवों के लोगों की स्वास्थ्य सेवाएं झोलाछाप डॉक्टरों पर निर्भर हैं. काफी दिन से ओथा गांव का सब सेंटर बंद पड़ा है. समय पर साफ-सफाई भी नहीं हो रही है. यहां ड्यूटी देने वाली एएनएम सप्ताह में दो दिन सब सेंटर पर बैठती हैं. चार दिन टीकारण के काम में व्यस्त रहती है. जिसके चलते ये सब सेंटर अक्सर बंद रहते हैं. इस केंद्रों पर सीएचओ नहीं बैठने का सीधा फायदा झोलाछाप डॉक्टरों को पहुंच रहा है. लोग मजबूरी में झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज कराने को मजबूर हैं. जिन्हें इलाज की एवज में मोटी रकम देनी पड़ती है. लेकिन स्वास्थ्य विभाग से लेकर सरकार तक का इस ओर कोई ध्यान नहीं है.

बीमार पड़े हैं मेवात में बने कई स्वास्थ्य सेंटर (वीडियो- ईटीवी भारत)

केवल टीकाकरण के लिए खुलता है- सरपंच अरशद इब्राहिम का कहना है कि इन सब सेंटरों की तरफ ध्यान देने की जरूरत है. सरकार ने जिस मकसद से लाखों रुपये खर्च कर लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए ग्रामीणों को सब सेंटरों की सौगात दी थी, उसके हिसाब से यहां पर स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं. उक्त सब सेंटरों पर गर्भवति महिलाओं को टीकाकरण के अलावा कोई दूसरा लाभ नहीं मिल पा रहा है.

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उप स्वास्थ्य केंद्र पर लटके ताले. (Photo- ETV Bharat)

अधिकारी के खोखले दावे- लोग कई बार विभाग और सरकार से इन सेंटरों में सीएचओ बैठाने की मांग कर चुके हैं, लेकिन उनकी यह मांग सिरे नहीं चढ़ पाई है. ग्रामीणों के मताबिक सरकार को इन सब सेंटरों की तरफ ध्यान देने की ज़रूरत है, ताकि लोगों को फायदा मिल सके. सिविल सर्जन डॉक्टर सर्वजीत थापर का कहना है कि विभाग द्वारा उप स्वास्थ्य केंद्रों पर बेहतर सुविधाएं दी जा रही हैं. दवाई और जांचों का पूरा इंतजाम है. जहां पर सीएचओ नहीं है, वहां एएनएम सेवाएं दे रही हैं और जहां पर डॉक्टरों की कमी है वहां डॉक्टर भेजे जाएंगे. जहां बिल्डिंग जर्जर है उनकी मरम्मत भी कराई जाएगी.

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Last Updated : Dec 10, 2024, 5:58 PM IST
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