जयपुर: भांकरोटा थाने की पुलिस चौकी में गुरुवार सुबह एक हेड कांस्टेबल ने आत्महत्या कर ली थी. जिसके बाद दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने की मांग को लेकर परिजन बीती देर रात से सवाई मानसिंह अस्पताल की मोर्चरी के बाहर धरने पर बैठकर न्यायिक जांच की मांग कर रहे हैं. पुलिस ने शव को अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया है और अभी तक पोस्टमार्टम नहीं हो पाया. भीम आर्मी ने भी परिजनों के समर्थन में न्याय की मांग की है.
भीम आर्मी के ने कहा कि जब तक न्याय नहीं मिलेगा तब तक धरने पर बैठे रहेंगे. वहीं मृतक हेड कांस्टेबल बाबूलाल बैरवा के बेटे की रिपोर्ट पर भांकरोटा थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है. तीन पुलिस अधिकारियों समेत चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. एडिशनल डीसीपी वेस्ट नीरज पाठक के मुताबिक मृतक के बेटे तनुज ने रिपोर्ट दर्ज करवाई है कि उनके पिता हेड कांस्टेबल बाबूलाल बैरवा भांकरोटा थाने में पद स्थापित थे. उनको प्रताड़ित कर मरने के लिए मजबूर किया गया. पुलिसकर्मियों और एक पत्रकार ने परेशान करके मरने पर मजबूर किया. एक साल से इन लोगों की वजह से वह मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रहे थे. गुरुवार सुबह घर में ड्यूटी पर जाने की कह कर गए थे. बाद में सूचना मिली कि उन्होंने सुसाइड कर लिया है. मामले की जांच एसीपी बगरू अमीर हसन को सौंपी गई है.
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पुलिस के आला अधिकारी लगातार परिजनों से समझाइश का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन परिजन दोषी पुलिसकर्मियों और यूट्यूबर पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. आत्महत्या करने वाले हेड कांस्टेबल बाबूलाल ने 6 पन्नों का एक सुसाइड नोट भी लिखा. जिसमें हेड कांस्टेबल बाबूलाल ने पुलिसकर्मियों और एक यूट्यूबर पर गंभीर आरोप लगाए हैं. परिजनों का कहना है कि सुसाइड नोट में जिन लोगों के नाम है उन पर कार्रवाई की जाए.
सुसाइड नोट में यह लिखा: आत्महत्या करने वाले हेड कांस्टेबल बाबूलाल ने सुसाइड नोट में लिखा कि 11 माह से प्रताड़ित हो रहा हूं. झूठे सस्पेंड के कारण समाज व रिश्तेदार ऐसे व्यवहार करते हैं, जैसे मैंने कोई मर्डर किया हो. बाबूलाल ने सस्पेंड से जुड़े तीन मामलों की सीबीआई जांच करने की भी मांग सुसाइड नोट में लिखी. इसके साथ ही 5 माह का लंबित वेतन बच्चों को दिलाने व बेटे तनुज को किसी भी पद नौकरी देने के लिए लिखा है.