जयपुर: राजधानी में भांकरोटा थाने के हैड कांस्टेबल के सुसाइड मामले को लेकर एसएमएस मोर्चरी के बाहर धरने पर बैठे परिजनों ने धरना समाप्त कर दिया है. मंगलवार को सरकार और परिजनों के बीच सहमति बनने के बाद सरकार ने परिवार की 7 मांगें मान ली. मामले में एसआई को सस्पेंड कर दिया गया है. एसीपी और एएसपी को एपीओ कर दिया गया है. मरने से पहले हेड कांस्टेबल बाबूलाल ने तीन पुलिसकर्मियों और एक पत्रकार पर आरोप लगाए थे.
एसआईटी गठित: मामले में सरकार की ओर से एडीजी क्राइम दिनेश एमएन के नेतृत्व में एसआईटी गठित की गई है. आईजी प्रफुल्ल कुमार, प्रहलाद सिंह, सोहेल राजा, सीमा भारती, अशोक कुमार, पुरुषोत्तम और विनोद कुमार को एसआईटी में शामिल किया गया है. डीजीपी यूआर साहू ने आदेश जारी कर दिए हैं. वही सब इंस्पेक्टर आशुतोष सिंह को सस्पेंड कर दिया गया है. एडिशनल एसपी जगदीश व्यास और एसीपी अनिल शर्मा को एपीओ कर दिया गया है. मृतक के पुत्र को अनुकंपा नियुक्ति मिलेगी. वहीं पुत्री को संविदा पर नौकरी दी जाएगी. पुलिस परिवार की ओर से मृतक की पुत्री को गोद लिया जाएगा. शिक्षा से लेकर विवाह तक का पूरा खर्च पुलिस की ओर से वहन किया जाएगा.
सुसाइड प्रकरण अत्यंत दुखद-डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा: उपमुख्यमंत्री डॉ प्रेमचंद बैरवा ने कहा कि इस प्रकरण की त्वरित जांच के लिए एसआईटी गठन कर शीघ्र कार्रवाई की जाएगी. मृतक हैड कांस्टेबल के पुत्र को राजकीय सेवा में अनुकंपा नियुक्ति दी जाएगी. पुत्री को जयपुर में संविदा पर नियुक्ति दी जाएगी. मृतक की पुत्री को पुलिस परिवार की ओर से गोद लिया जाएगा. पुलिस विभाग की तरफ से स्वैच्छिक आर्थिक सहयोग की प्रक्रिया भी एक माह में पूरी कर ली जाएगी. मृतक के सेवा परिलाभ के 55 लाख रुपए और पेंशन की प्रक्रिया भी शीघ्र प्रारंभ कर दी जाएगी.
उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा ने कहा कि हैड कांस्टेबल बाबूलाल बैरवा का आत्महत्या प्रकरण एक अत्यंत दुखद घटना है. मृतक के परिवार ने पार्थिव शरीर का पंचनामा पोस्टमार्टम और दाह संस्कार करने की समिति दे दी है. मंगलवार को ही अंतिम संस्कार किया जा रहा है. उपमुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की शांति और परिजनों को इस दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की कामना की है.