जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा है कि खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम एक विशेष कानून है. इस कानून और सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार पुलिस को प्रकरण में कार्रवाई करने का प्रथम दृष्टया कोई अधिकार ही नहीं है. इसके साथ ही अदालत ने मामले में मिलावट के आरोपी को अग्रिम जमानत का लाभ दिया है. जस्टिस शुभा मेहता की एकलपीठ ने यह आदेश साहब सिंह की अग्रिम जमानत याचिका पर दिए.
याचिका में कहा गया कि उसके खिलाफ धौलपुर की राजाखेड़ा थाना पुलिस ने खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम और आईपीसी की विभिन्न आधारों में एफआईआर दर्ज की थी. याचिका में कहा गया कि खाद्य सुरक्षा अधिनियम एक विशेष कानून है. इस कानून के तहत दंडनीय अपराधों के संबंध में पुलिस को एफआईआर दर्ज करने और कार्रवाई करने का कोई अधिकार नहीं है.
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अधिनियम के तहत नियुक्त खाद्य सुरक्षा अधिकारी को ही मामले में प्रकरण दर्ज करने और कार्रवाई के लिए अधिकृत किया गया है. उस पर सिर्फ खाद्य सुरक्षा अधिनियम में ही जमानतीय प्रकृति के अपराध करने का आरोप है, लेकिन पुलिस ने गैर जमानतीय मामला बनाने के कारण इसमें आईपीसी की धारा 420 जोड़ दी. ऐसे में उसे अग्रिम जमानत का लाभ दिया जाए. जिसका विरोध करते हुए सरकारी वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता के कब्जे से मिलावटी खोआ बरामद हुआ है. इसलिए उसे अग्रिम जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने याचिकाकर्ता को अग्रिम जमानत का लाभ दिया है.