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विधायक आशीष शर्मा, पूर्व MLA के पिता व पूर्व सीएम के सलाहकार को राहत, HC ने 2 अगस्त तक बढ़ाई जमानत अवधि - HC in political instability case

HC in political instability case: हमीरपुर के एमएलए आशीष शर्मा, गगरेट के पूर्व एमएलए चैतन्य शर्मा के पिता राकेश शर्मा व हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल के सलाहकार तरुण भंडारी पर हिमाचल प्रदेश में राजनीतिक अस्थिरता पैदा करने का आरोप था.

HP high court
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (फाइल फोटो)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jul 16, 2024, 7:49 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने हमीरपुर के एमएलए आशीष शर्मा, गगरेट के पूर्व एमएलए चैतन्य शर्मा के पिता राकेश शर्मा व हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल के सलाहकार तरुण भंडारी को राहत दी है. कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश में राजनीतिक अस्थिरता पैदा करने की कोशिश करने को लेकर इन आरोपियों की अंतरिम अग्रिम जमानत की अवधि 2 अगस्त तक बढ़ा दी है.

कोर्ट ने तीनों आरोपियों को पुलिस द्वारा मांगे गए मोबाइल फोन सौंपने के लिए 10 दिनों का टाइम दिया है. न्यायाधीश संदीप शर्मा के समक्ष तीनों आरोपियों की जमानत याचिकाओं पर हुई सुनवाई के दौरान डीएसपी सिटी शिमला रिकॉर्ड सहित उपस्थित थे. उन्होंने अंतरिम जमानत का विरोध करते हुए कहा कि आरोपियों से फोन जब्त किए जाने बाकी हैं और उन मोबाइल फोनों की जानकारी आरोपियों को दी जा चुकी है लेकिन आरोपियों की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.

कोर्ट ने इन्हें 10 दिन का समय देते हुए जांच कार्य में सहयोग देने के आदेश दिए. याचिकाओं में दिए तथ्यों के मुताबिक शिमला के बालूगंज पुलिस स्टेशन में कांग्रेस के बागी एवं गगरेट से विधायक रहे चैतन्य शर्मा के पिता राकेश शर्मा, हमीरपुर के विधायक आशीष शर्मा और हरियाणा के मुख्यमंत्री के तत्कालीन पब्लिसिटी एडवाइजर तरुण भंडारी के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. तीनों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420,171 A, 171 C, 120B और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 एवं 8 के तहत मामला दर्ज करवाया गया है. एफआईआर में राकेश और आशीष शर्मा पर राज्यसभा चुनाव को गलत तरीके से प्रभावित करने का आरोप है. शिकायतकर्ताओं ने दोनों पर वोटों की खरीद-फरोख्त करने, रिश्वत एवं पैसों के लेन-देन के आरोप लगाए हैं.

शिकायत में कहा गया है कि आरोपियों ने सरकार गिराने के लिए साजिश रची जबकि तरुण भंडारी पर आरोप है कि उन्होंने हरियाणा की भाजपा सरकार के इशारे पर हिमाचल प्रदेश में राजनीतिक अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की. हिमाचल प्रदेश में सरकार को अस्थिर करने के षड्यंत्र रचने के आरोप में तरुण भंडारी के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई थी.

राज्यसभा के चुनाव में क्रॉस वोटिंग के मामले में भी तरुण भंडारी का नाम सामने आया था. बालूगंज थाना पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है. हरियाणा में तरुण भंडारी भाजपा नेताओं की उस कमेटी में शामिल रहे हैं, जो दूसरे दलों के नेताओं को भाजपा में शामिल करवाने का काम करती है. शिकायतकर्ताओं ने आरोपियों के बैंक खातों की जांच करवाए जाने की भी मांग की है. तीनों याचिकाओं पर 2 अगस्त को सुनवाई होगी.

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने हमीरपुर के एमएलए आशीष शर्मा, गगरेट के पूर्व एमएलए चैतन्य शर्मा के पिता राकेश शर्मा व हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल के सलाहकार तरुण भंडारी को राहत दी है. कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश में राजनीतिक अस्थिरता पैदा करने की कोशिश करने को लेकर इन आरोपियों की अंतरिम अग्रिम जमानत की अवधि 2 अगस्त तक बढ़ा दी है.

कोर्ट ने तीनों आरोपियों को पुलिस द्वारा मांगे गए मोबाइल फोन सौंपने के लिए 10 दिनों का टाइम दिया है. न्यायाधीश संदीप शर्मा के समक्ष तीनों आरोपियों की जमानत याचिकाओं पर हुई सुनवाई के दौरान डीएसपी सिटी शिमला रिकॉर्ड सहित उपस्थित थे. उन्होंने अंतरिम जमानत का विरोध करते हुए कहा कि आरोपियों से फोन जब्त किए जाने बाकी हैं और उन मोबाइल फोनों की जानकारी आरोपियों को दी जा चुकी है लेकिन आरोपियों की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.

कोर्ट ने इन्हें 10 दिन का समय देते हुए जांच कार्य में सहयोग देने के आदेश दिए. याचिकाओं में दिए तथ्यों के मुताबिक शिमला के बालूगंज पुलिस स्टेशन में कांग्रेस के बागी एवं गगरेट से विधायक रहे चैतन्य शर्मा के पिता राकेश शर्मा, हमीरपुर के विधायक आशीष शर्मा और हरियाणा के मुख्यमंत्री के तत्कालीन पब्लिसिटी एडवाइजर तरुण भंडारी के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. तीनों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420,171 A, 171 C, 120B और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 एवं 8 के तहत मामला दर्ज करवाया गया है. एफआईआर में राकेश और आशीष शर्मा पर राज्यसभा चुनाव को गलत तरीके से प्रभावित करने का आरोप है. शिकायतकर्ताओं ने दोनों पर वोटों की खरीद-फरोख्त करने, रिश्वत एवं पैसों के लेन-देन के आरोप लगाए हैं.

शिकायत में कहा गया है कि आरोपियों ने सरकार गिराने के लिए साजिश रची जबकि तरुण भंडारी पर आरोप है कि उन्होंने हरियाणा की भाजपा सरकार के इशारे पर हिमाचल प्रदेश में राजनीतिक अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की. हिमाचल प्रदेश में सरकार को अस्थिर करने के षड्यंत्र रचने के आरोप में तरुण भंडारी के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई थी.

राज्यसभा के चुनाव में क्रॉस वोटिंग के मामले में भी तरुण भंडारी का नाम सामने आया था. बालूगंज थाना पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है. हरियाणा में तरुण भंडारी भाजपा नेताओं की उस कमेटी में शामिल रहे हैं, जो दूसरे दलों के नेताओं को भाजपा में शामिल करवाने का काम करती है. शिकायतकर्ताओं ने आरोपियों के बैंक खातों की जांच करवाए जाने की भी मांग की है. तीनों याचिकाओं पर 2 अगस्त को सुनवाई होगी.

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