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डिप्थीरिया से रहिए सावधान, ऐसे बच सकती है आपकी जान

राजस्थान में डिप्थीरिया बीमारी के कहर के बाद हरियाणा में ख़तरा बढ़ गया है. जानिए क्या है डिप्थीरिया, क्या है लक्ष्ण और कैसे करें बचाव.

HAVOC OF DIPHTHERIA DISEASE
DIPHTHERIA DISEASE (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Oct 22, 2024, 8:08 PM IST

नूंह: हरियाणा के नूंह जिले से सटे राजस्थान के अलवर में डिप्थीरिया (गलघोंटू) बीमारी कहर बरपा रही है. राजस्थान में इस बीमारी ने पिछले 20 दिनों में 8 बच्चों की जिंदगी लील कर दी. ऐसे में अब नूंह का स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट हो गया है. हरियाणा के स्वास्थ्य विभाग में खलबली मची हुई है. जिले भर में 0 - 16 वर्ष तक की आयु के बच्चों को गलघोंटू का टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया है. राजस्थान में इस बीमारी ने ऐसा भयावह रूप धारण कर लिया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की टीम भी नूंह से सटे डीग में पहुंच गई है.

डिप्थीरिया जानलेवा संक्रामक बीमारी : दरअसल, डिप्थीरिया जानलेवा बीमारी है. इस बीमारी के लक्षण जिस बच्चे में पाए जाते हैं, उसको खाना निगलने में दिक्कत होती है. आगे जाकर ये बीमारी भयावह रूप ले लेती है, समय पर इलाज न मिले तो ये जान तक ले लेती है. लिहाजा इस जानलेवा बीमारी से पार पाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने पड़ोसी जिले में केस मिलने के बाद पूरे इंतजाम करने शुरू कर दिए हैं. जब इस बारे में डॉक्टर सर्वजीत थापा सिविल सर्जन नूंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि डिप्थीरिया के लिए अक्टूबर माह के अंत में केस निकलने शुरू हुए हैं. अलवर के डीग इलाके में इसके केस सामने आए हैं. उन्होंने हमारे डीजीएचएस को सूचना दी थी. उसके बाद हमने नूंह जिले को अलर्ट मोड पर रखा हुआ है. पिछले चार दिन में 35,000 के करीब बच्चों को इंजेक्शन लगा दिए गए हैं. एक लाख बच्चों को टीके लगाने का टारगेट रखा गया है. चाहे स्कूल के छात्र - छात्राएं हो या अन्य बच्चे, सभी को टीके लगाए जाएंगे. लोगों को जागरूक करने के लिए तरह-तरह के अभियान चलाए जा रहे हैं.

HAVOC OF DIPHTHERIA DISEASE
क्या है डिप्थीरिया (Etv Bharat)

2018 में भी बरपाया था कहर : बता दें कि साल 2024 से पहले 2018 में भी इसी तरह इस बीमारी ने विकराल रूप दिखाया था, तब भारत में 8788 केस सामने आए थे. अब लगातार इसके बढ़ते आंकड़ों ने एक बार फिर प्रदेश और देश की चिंताएं बढ़ा डाली है.

ये है डिप्थीरिया के लक्षण :

सिविल सर्जन ने बताया कि डिप्थीरिया 0 - 16 वर्ष के बच्चों को होता है. ये एक संक्रामक बीमारी है. ये एक बच्चे से दूसरे बच्चे में फैलती है. इसके लक्षण निम्न प्रकार है -

  1. इसमें खाने में दिक्कत होती है.
  2. तेज बुखार आता है.
  3. खाना निगलने में खासकर दिक्कत आती है. खाना कई बार मुंह से भी बाहर आ जाता है.
  4. गले में सूजन के साथ दर्द.
  5. सांस लेने में समस्या होती है.
  6. गले में खराश होती है.
  7. जुखाम और खांसी होती है.
  8. लगातार थकान और कमजोरी रहती है.
  9. नजर में धुंधलापन आता है.
HAVOC OF DIPHTHERIA DISEASE
डिप्थीरिया के लक्षण (Etv Bharat)

ये बीमारी कैसे फैलती है -

  1. एक दूसरे के संपर्क में आने से.
  2. बैक्टीरिया वाली वस्तु के छूने से.
  3. संक्रमित व्यक्ति के छींकने या खांसने से.

आपको बता दें कि इस बीमारी के लक्षण शुरुआत में नजर नहीं आते हैं, लेकिन शरीर को नुकसान पहुंचाते रहते हैं.

HAVOC OF DIPHTHERIA DISEASE
डिप्थीरिया कैसे फैलता है ? (Etv Bharat)

हर साल 92 लोगों की जाती है जान : WHO बताता है कि भारत में 2005 से 2014 के मध्य औसत रूप से डिप्थीरिया के 4167 केस सामने आए हैं. हर साल करीब 92 लोग इस बीमारी से जिंदगी की जंग हारते भी आए हैं. नूंह में राजकीय शहीद हसन खान मेवाती मेडिकल कॉलेज नलहड़ में अलग से शिशु वार्ड डिप्थीरिया केस के लिए बना दिया गया है. घबराने की जरूरत नहीं है. बीमारी ठीक हो सकती है, लेकिन समय पर पता लगने के बाद तुरंत बच्चों को इलाज के लिए हॉस्पिटल लाएं.

किसे सबसे ज्यादा खतरा ? : इस बीमारी का सबसे ज्यादा खतरा बच्चों को होता है. साथ ही गर्भवती महिलाओं को भी इससे ज्यादा खतरा है. 5 साल से छोटे बच्चों के लिए विशेष सावधानी बरतें. जिन लोगों ने वैक्सीन नहीं लगाई है, वो भी इसके प्रभाव में आ सकते हैं.

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डिप्थीरिया का इलाज (Etv Bharat)

डिप्थीरिया का इलाज :

  1. संक्रमित व्यक्ति को एंटीटॉक्सिन इंजेक्शन दिए जाते हैं. क्योंकि बीमारी से शरीर में काफी मात्रा में टॉक्सिंस इकट्टा हो जाता है.
  2. एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल.
  3. बच्चों को पहले ही DPT के टीके की 5 डोज लगाई जाए, ताकि वो जिंदगी भर सुरक्षित रहे.

डिप्थीरिया हो गया तो क्या करें -

  • ज्यादा से ज्यादा आराम करें.
  • शारीरिक व्यायाम, कसरत और फिजिकल एक्टिविटी से बचें. इससे हार्ट अटैक का खतरा रहता है.
  • नरम भोजन करें.
  • संक्रमित व्यक्ति क्वारैंटाइन में रहे.

सिर्फ स्वास्थ्य विभाग नूंह ही नहीं बल्कि मुख्यालय पंचकूला में बैठे स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी भी डिप्थीरिया को लेकर जरूर दिशा निर्देश दे रहे हैं और टीमों को पूरी तरह से फील्ड में उतार दिया गया है. कुल मिलाकर हरियाणा का स्वास्थ्य विभाग डिप्थीरिया बीमारी को लेकर गंभीर हो गया है.

नूंह: हरियाणा के नूंह जिले से सटे राजस्थान के अलवर में डिप्थीरिया (गलघोंटू) बीमारी कहर बरपा रही है. राजस्थान में इस बीमारी ने पिछले 20 दिनों में 8 बच्चों की जिंदगी लील कर दी. ऐसे में अब नूंह का स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट हो गया है. हरियाणा के स्वास्थ्य विभाग में खलबली मची हुई है. जिले भर में 0 - 16 वर्ष तक की आयु के बच्चों को गलघोंटू का टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया है. राजस्थान में इस बीमारी ने ऐसा भयावह रूप धारण कर लिया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की टीम भी नूंह से सटे डीग में पहुंच गई है.

डिप्थीरिया जानलेवा संक्रामक बीमारी : दरअसल, डिप्थीरिया जानलेवा बीमारी है. इस बीमारी के लक्षण जिस बच्चे में पाए जाते हैं, उसको खाना निगलने में दिक्कत होती है. आगे जाकर ये बीमारी भयावह रूप ले लेती है, समय पर इलाज न मिले तो ये जान तक ले लेती है. लिहाजा इस जानलेवा बीमारी से पार पाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने पड़ोसी जिले में केस मिलने के बाद पूरे इंतजाम करने शुरू कर दिए हैं. जब इस बारे में डॉक्टर सर्वजीत थापा सिविल सर्जन नूंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि डिप्थीरिया के लिए अक्टूबर माह के अंत में केस निकलने शुरू हुए हैं. अलवर के डीग इलाके में इसके केस सामने आए हैं. उन्होंने हमारे डीजीएचएस को सूचना दी थी. उसके बाद हमने नूंह जिले को अलर्ट मोड पर रखा हुआ है. पिछले चार दिन में 35,000 के करीब बच्चों को इंजेक्शन लगा दिए गए हैं. एक लाख बच्चों को टीके लगाने का टारगेट रखा गया है. चाहे स्कूल के छात्र - छात्राएं हो या अन्य बच्चे, सभी को टीके लगाए जाएंगे. लोगों को जागरूक करने के लिए तरह-तरह के अभियान चलाए जा रहे हैं.

HAVOC OF DIPHTHERIA DISEASE
क्या है डिप्थीरिया (Etv Bharat)

2018 में भी बरपाया था कहर : बता दें कि साल 2024 से पहले 2018 में भी इसी तरह इस बीमारी ने विकराल रूप दिखाया था, तब भारत में 8788 केस सामने आए थे. अब लगातार इसके बढ़ते आंकड़ों ने एक बार फिर प्रदेश और देश की चिंताएं बढ़ा डाली है.

ये है डिप्थीरिया के लक्षण :

सिविल सर्जन ने बताया कि डिप्थीरिया 0 - 16 वर्ष के बच्चों को होता है. ये एक संक्रामक बीमारी है. ये एक बच्चे से दूसरे बच्चे में फैलती है. इसके लक्षण निम्न प्रकार है -

  1. इसमें खाने में दिक्कत होती है.
  2. तेज बुखार आता है.
  3. खाना निगलने में खासकर दिक्कत आती है. खाना कई बार मुंह से भी बाहर आ जाता है.
  4. गले में सूजन के साथ दर्द.
  5. सांस लेने में समस्या होती है.
  6. गले में खराश होती है.
  7. जुखाम और खांसी होती है.
  8. लगातार थकान और कमजोरी रहती है.
  9. नजर में धुंधलापन आता है.
HAVOC OF DIPHTHERIA DISEASE
डिप्थीरिया के लक्षण (Etv Bharat)

ये बीमारी कैसे फैलती है -

  1. एक दूसरे के संपर्क में आने से.
  2. बैक्टीरिया वाली वस्तु के छूने से.
  3. संक्रमित व्यक्ति के छींकने या खांसने से.

आपको बता दें कि इस बीमारी के लक्षण शुरुआत में नजर नहीं आते हैं, लेकिन शरीर को नुकसान पहुंचाते रहते हैं.

HAVOC OF DIPHTHERIA DISEASE
डिप्थीरिया कैसे फैलता है ? (Etv Bharat)

हर साल 92 लोगों की जाती है जान : WHO बताता है कि भारत में 2005 से 2014 के मध्य औसत रूप से डिप्थीरिया के 4167 केस सामने आए हैं. हर साल करीब 92 लोग इस बीमारी से जिंदगी की जंग हारते भी आए हैं. नूंह में राजकीय शहीद हसन खान मेवाती मेडिकल कॉलेज नलहड़ में अलग से शिशु वार्ड डिप्थीरिया केस के लिए बना दिया गया है. घबराने की जरूरत नहीं है. बीमारी ठीक हो सकती है, लेकिन समय पर पता लगने के बाद तुरंत बच्चों को इलाज के लिए हॉस्पिटल लाएं.

किसे सबसे ज्यादा खतरा ? : इस बीमारी का सबसे ज्यादा खतरा बच्चों को होता है. साथ ही गर्भवती महिलाओं को भी इससे ज्यादा खतरा है. 5 साल से छोटे बच्चों के लिए विशेष सावधानी बरतें. जिन लोगों ने वैक्सीन नहीं लगाई है, वो भी इसके प्रभाव में आ सकते हैं.

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डिप्थीरिया का इलाज (Etv Bharat)

डिप्थीरिया का इलाज :

  1. संक्रमित व्यक्ति को एंटीटॉक्सिन इंजेक्शन दिए जाते हैं. क्योंकि बीमारी से शरीर में काफी मात्रा में टॉक्सिंस इकट्टा हो जाता है.
  2. एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल.
  3. बच्चों को पहले ही DPT के टीके की 5 डोज लगाई जाए, ताकि वो जिंदगी भर सुरक्षित रहे.

डिप्थीरिया हो गया तो क्या करें -

  • ज्यादा से ज्यादा आराम करें.
  • शारीरिक व्यायाम, कसरत और फिजिकल एक्टिविटी से बचें. इससे हार्ट अटैक का खतरा रहता है.
  • नरम भोजन करें.
  • संक्रमित व्यक्ति क्वारैंटाइन में रहे.

सिर्फ स्वास्थ्य विभाग नूंह ही नहीं बल्कि मुख्यालय पंचकूला में बैठे स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी भी डिप्थीरिया को लेकर जरूर दिशा निर्देश दे रहे हैं और टीमों को पूरी तरह से फील्ड में उतार दिया गया है. कुल मिलाकर हरियाणा का स्वास्थ्य विभाग डिप्थीरिया बीमारी को लेकर गंभीर हो गया है.

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