रायपुर : छत्तीसगढ़ में दसवीं और बारहवीं के नतीजे आ चुके हैं.जिसमें कई छात्रों ने मेरिट लिस्ट में जगह बनाई है.लेकिन कुछ छात्र ऐसे भी हैं जिनके परिणाम उम्मीद के मुताबिक नहीं रहे. आज हम ऐसे ही छात्रों के बारे में बात करेंगे. हर अभिभावक को अपने बेटे या बेटी से बोर्ड परीक्षाओं में अच्छे नंबर की आशा होती है.लेकिन ये जरुरी नहीं कि जो आप अपने बेटे या बेटी से चाहते हैं,वो हो ही जाए. कॉम्पटीशन के जमाने की बात कहकर अक्सर अभिभावक छात्रों पर प्रेशर बनाते हैं. ऐसे में जब परिणाम अच्छे नहीं होते तो छात्र आत्मघाती कदम उठा लेते हैं.इसके बाद पूरा परिवार ताउम्र इस चीज को लेकर अफसोस करता है कि ऐसा किया ना होता तो वैसा होता.
कैसे अभिभावक खुद को करें तैयार : तो जनाब ये नौबत आने ही ना दें,क्योंकि परीक्षा में टॉप आना, कम नंबरों से पास होना या फिर फेल हो जाने से किसी भी छात्र के हौंसले को नहीं आंका जा सकता.ठीक उसी तरह से जिस तरह से पंख तो सभी पक्षियों के होते हैं,लेकिन बाज जितनी उड़ान एक गौरेया नहीं लगा सकती.लेकिन आप अपने घर के आंगन में गौरेया देखना पसंद करेंगे, बाज को नहीं. ये बातें हम यहां इसलिए कह रहे हैं क्योंकि बोर्ड परीक्षाओं के रिजल्ट के बाद अक्सर ऐसी खबरें आती हैं कि किसी छात्र ने कम नंबर आने पर या फेल होने पर खुद का जीवन समाप्त कर लिया.या तो वो अपने अभिभावक से डर रहा होता है या फिर ये सोचता है कि समाज क्या कहेगा. इसलिए जितने भी अभिभावक हैं जिनके बच्चों ने बोर्ड या किसी भी एग्जाम में सफलता हासिल ना की हो कम से कम अपने आप को बदलें.क्योंकि आपका बच्चा पहले ही रिजल्ट के कारण भारी अवसाद में होगा.यदि आपने उस पर इस वक्त जरा सा भी प्रेशर बनाया तो ना जाने वो कौन सा कदम उठा लेगा.
जांजगीर चांपा में छात्रा ने उठाया आत्मघाती कदम : बच्चों में अच्छे परिणाम का प्रेशर क्या होता है,इसकी बानगी भी शुक्रवार सुबह देखने को मिली.जांजगीर चांपा के एक गांव में 12वीं की छात्रा ने रिजल्ट अच्छा ना आने पर अपनी जान दे दी.इस पूरी घटना में जब परिवार से बात की गई तो पता चला कि बेटी रिजल्ट के बाद से ही अपसेट थी.लेकिन किसी ने भी छात्रा से बात नहीं की.इसका नतीजा ये हुआ कि रात को सोने गई बिटिया फिर कभी सुबह का सूरज ना देख पाई. यदि परिवार ने वक्त रहते बेटी को ये समझाया होता कि परीक्षा तो सिर्फ आपकी तैयारी को जांचने का तरीका है,ना की आपके भविष्य को गढ़ने का,तो शायद आज छात्रा इतना बड़ा कदम ना उठाती.
छात्रों को रखना होगा धैर्य : जीवन में उतार चढ़ाव आते हैं.किसी भी परीक्षा में पास या फेल होने का सिलसिला चलता रहेगा.आप यदि किसी भी परीक्षा में असफल होते हैं,तो आपको ये समझना होगा कि आपने कहीं ना कहीं तैयारी में कुछ कमी जरुर की होगी.इसलिए फेल हो चुके छात्रों को एक बार फिर कमर कसके पढ़ाई करनी शुरु कर देनी चाहिए.वहीं जिन छात्रों के कम नंबर आए हैं,उन्हें आगे की कक्षाओं में एडमिशन लेकर उन गलतियों को नहीं दोहराना चाहिए जो उन्होंने बोर्ड एग्जाम में की थी.
पैरेंट्स ना खोए अपना आपा : यदि आपके परीक्षा में कम नंबर आए हैं और पैरेंट्स का बर्ताव अचानक से आपके प्रति बदला है तो इसे अपने दिल और दिमाग पर ना लें.ठीक ऐसे ही अभिभावकों को भी चाहिए कि रिजल्ट अच्छा ना आने पर सबसे पहले अपने बच्चे के मानसिक अवसाद को दूर करें.क्योंकि उम्मीद जब टूटती है तो सबसे ज्यादा दिमाग पर असर डालती है.यदि आप मुश्किल घड़ी में अपने बच्चों के साथ खड़े रहेंगे तो यकीनन आगे आने वाले समय में वो आपको बेहतर रिजल्ट देंगे. किसी छात्र के साथ रिजल्ट को लेकर अपना बर्ताव चेंज करना कहीं ना कहीं उसकी पूरी जिंदगी पर असर डाल सकता है.जो बच्चे सेंसटिव होते हैं,वो इसी नाजुक पल में आत्मघाती कदम उठा सकते हैं.इसलिए रिजल्ट का प्रेशर बच्चों पर ना आने दें.
कम नंबर के बाद भी हासिल की तरक्की : आप यदि छात्र हैं और आपकी तैयारी के बाद भी अच्छे नंबर नहीं आए तो इसमें निराश होने की कोई बात नहीं है.क्योंकि यदि आप अपने आसपास नजर घुमाएंगे तो ऐसे कई कामयाब लोग मिलेंगे जिन्होंने अपने स्कूल के दिनों में औसत नंबर दर्ज किए थे.लेकिन कम नंबरों ने उनके रास्ते को नहीं रोका.बल्कि उनकी सोच और उनकी बुद्धि ने कई टॉपर्स को अपने यहां नौकरी पर रखे हुए हैं.कई तो ऐसे हैं जो आईएएस और आईपीएस बनकर देश सेवा में लगे हुए हैं.इसलिए यदि आपके कम नंबर आए हैं या फिर आप परीक्षा में असफल हुए हैं तो बिल्कुल भी घबराने की जरुरत नहीं हैं.क्योंकि आपके जीवन से बड़ा कुछ भी नहीं है.
आपका गलत कदम और समझिए सब तबाह : आपने यदि किसी भी तरह का आत्मघाती कदम उठाया तो इससे ना ही आपके समाज और ना ही उन लोगों को कोई फर्क पड़ेगा जो आज आपको भला बुरा कह रहे हैं.फर्क पड़ेगा तो आपके परिवार को,इसलिए आप अपनी असफलता को बीता हुआ बुरा वक्त मानकर आगे की तैयारियों में जुट जाईए. मन से स्ट्रेस हटाने के लिए अपनी बातों को माता पिता या भाई बहन से शेयर करें.अकेले में समय ना बिताएं. अच्छे राइटर्स की किताबें पढ़ें, थोड़े दिन रेस्ट लें.