हाथरस : प्रधानमंत्री के बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के संदेश से प्रेरित हाथरस के एक शख्स ने अनोखा संकल्प लिया. शख्स ने अपनी जुड़वां बेटियों को कांवड़ बैठाकर तीर्थ दर्शन कराए तो यह घटना क्षेत्र के लिए लोगों के लिए मिसाल बन गई. शख्स ने अपनी दोनों को कांवड़ में बैठाकर सोरों गंगाघाट से अपने गांव तक लाया. युवक के घर पहुंचने पर लोग उसकी खूब सराहना कर रहे हैं.
हाथरस के गांव बदनपुर के रहने वाले अनिल ने सावन में भोले बाबा को गंगाजल चढ़ाने का संकल्प लिया था. इस दौरान वह कांवड़ लेकर घर से निकला तो उसने अपनी जुड़वां बेटियों को भी कांवड़ में बैठा लिया. सोरों गंगाघाट से गंगा जल लेकर वह कांवड़ में बैठाए बेटियों को जिधर ने निकलता लोग कौतूहलवश उसे देखते रहते. करीब 100 किलोमीटर के सफर में उसे हर कोई शुभकामनाएं दे रहा था.
अनिल के घर पहुंचने पर गांववालों ने भी स्वागत किया और इस नेक कार्य की सराहना की. अनिल का कहना है कि उसने अपनी जुड़वां बेटियों को कांवड़ यात्रा कराकर 'बेटियां किसी भी मायने में लड़कों से कम नहीं' होने का संदेश देने की कोशिश की है. हमें किसी भी दशा में देवी स्वरूप बेटियों को सम्मान देना चाहिए. बेटियों के साथ दुर्व्यवहार नहीं करना चाहिए. बेटियों को पढ़ा लिखा कर उन्हें तरक्की के समान अवसर देने चाहिए, ताकि उनका भविष्य उज्ज्वल हो सके.