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हाथरस सत्संग भगदड़; आगरा में हाथरस से भी बड़े दो सत्संग होने थे, प्रशासन ने दोनों आयोजन की अनुमति निरस्त की - Hathras Satsang Stampede - HATHRAS SATSANG STAMPEDE

आगरा में हर साल भोले बाबा का विशाल सत्संग होता है. जिसमें आगरा के साथ ही राजस्थान और मप्र के अनुयायी भी शामिल होने आते हैं. आगरा में पहले कोठी मीना बाजार में सत्संग होता था. मगर, यहां पर अनुयायियों की संख्या अधिक होने लगी तो शहर के बाहर शास्त्रीपुरम में सत्संग होने लगा है.

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हाथरस के सत्संग में आई भीड़. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 3, 2024, 10:19 AM IST

आगरा: हाथरस के सिकंदराराऊ के गांव फुलरई मुगलगढ़ी में नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा के सत्संग में भगदड़ में 121 लोगों की जान चली गई. हाथरस के बाद आगरा के सैंया और सिकंदरा थाना क्षेत्र में नारायण साकार विश्व हरि भोले बाबा के सत्संग होने थे. जो हाथरस से भी बड़े आयोजन थे. जिसके लिए आयोजकों ने अनुमति ले ली थी. मगर, हाथरस हादसे के बाद आगरा पुलिस प्रशासन ने मंगलवार देर रात सत्संग की अनुमति को निरस्त कर दिया.

बता दें कि, आगरा में नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा के लाखों अनुयायी हैं. आगरा में हर साल भोले बाबा का विशाल सत्संग होता है. जिसमें आगरा के साथ ही राजस्थान और मप्र के अनुयायी भी शामिल होने आते हैं. आगरा में पहले कोठी मीना बाजार में सत्संग होता था. मगर, यहां पर अनुयायियों की संख्या अधिक होने लगी तो शहर के बाहर शास्त्रीपुरम में सत्संग होने लगा है.

दरअसल, भोले बाबा का आगरा के सैंया थाना क्षेत्र में ग्वालियर रोड पर नगला केसरी में विशाल सत्संग होना था. जिसे अनुयायियों ने मानव पावन महापर्व नाम दिया है. इस सत्संग के लिए करीब 40 बीघा जमीन पर पंडाल लगाया जाना था. जिसकी तैयारी अंतिम चरण में थी. पास के ही रिसॉर्ट में भोले बाबा के रुकने की व्यवस्था की गई थी.

भोले बाबा के मानव पावन महापर्व कार्यक्रम चार जुलाई से 11 जुलाई तक चलता. मगर, हाथरस हादसे के बाद पुलिस ने सत्संग की अनुमति निरस्त कर दी. इसके बाद शास्त्रीपुरम में जेसीबी चौराहा के पास मैदान में 13 से 23 जुलाई तक भोले बाबा का सत्संग होना प्रस्तावित था. इसके लिए भी आगरा कमिश्नरेट पुलिस से अनुमति ले ली गई थी. इस सत्संग कार्यक्रम को लेकर तैयारी चल रही थीं.

डीसीपी पश्चिमी जोन सोनम कुमार ने बताया कि, हाथरस में सत्संग की दुर्घटना को देखकर आगरा में आयोजित होने वाले सत्संग कार्यक्रम की अनुमति पर चर्चा की गई. इसके बाद सैंया और सिकंदरा थाना क्षेत्र में होने वाले सत्संग की दी गई अनुमति को निरस्त करने का निर्णय लिया गया है.

ये भी पढ़ेंः कौन हैं संत भोले बाबा; जिनके सत्संग में मची भगदड़, क्यों छोड़ी थी यूपी पुलिस की नौकरी

ये भी पढ़ेंः श्मशान बना सत्संग स्थल; पंडाल में लाशें ही लाशें, चीख-पुकार, टेंपो-ठेली से पहुंचाए अस्पताल, लगा शवों का अंबार

ये भी पढ़ेंः लाइवहाथरस सत्संग भगदड़; मरने वालों की संख्या 121 तक पहुंची, सीएम योगी आज घायलों से मिलेंगे

आगरा: हाथरस के सिकंदराराऊ के गांव फुलरई मुगलगढ़ी में नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा के सत्संग में भगदड़ में 121 लोगों की जान चली गई. हाथरस के बाद आगरा के सैंया और सिकंदरा थाना क्षेत्र में नारायण साकार विश्व हरि भोले बाबा के सत्संग होने थे. जो हाथरस से भी बड़े आयोजन थे. जिसके लिए आयोजकों ने अनुमति ले ली थी. मगर, हाथरस हादसे के बाद आगरा पुलिस प्रशासन ने मंगलवार देर रात सत्संग की अनुमति को निरस्त कर दिया.

बता दें कि, आगरा में नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा के लाखों अनुयायी हैं. आगरा में हर साल भोले बाबा का विशाल सत्संग होता है. जिसमें आगरा के साथ ही राजस्थान और मप्र के अनुयायी भी शामिल होने आते हैं. आगरा में पहले कोठी मीना बाजार में सत्संग होता था. मगर, यहां पर अनुयायियों की संख्या अधिक होने लगी तो शहर के बाहर शास्त्रीपुरम में सत्संग होने लगा है.

दरअसल, भोले बाबा का आगरा के सैंया थाना क्षेत्र में ग्वालियर रोड पर नगला केसरी में विशाल सत्संग होना था. जिसे अनुयायियों ने मानव पावन महापर्व नाम दिया है. इस सत्संग के लिए करीब 40 बीघा जमीन पर पंडाल लगाया जाना था. जिसकी तैयारी अंतिम चरण में थी. पास के ही रिसॉर्ट में भोले बाबा के रुकने की व्यवस्था की गई थी.

भोले बाबा के मानव पावन महापर्व कार्यक्रम चार जुलाई से 11 जुलाई तक चलता. मगर, हाथरस हादसे के बाद पुलिस ने सत्संग की अनुमति निरस्त कर दी. इसके बाद शास्त्रीपुरम में जेसीबी चौराहा के पास मैदान में 13 से 23 जुलाई तक भोले बाबा का सत्संग होना प्रस्तावित था. इसके लिए भी आगरा कमिश्नरेट पुलिस से अनुमति ले ली गई थी. इस सत्संग कार्यक्रम को लेकर तैयारी चल रही थीं.

डीसीपी पश्चिमी जोन सोनम कुमार ने बताया कि, हाथरस में सत्संग की दुर्घटना को देखकर आगरा में आयोजित होने वाले सत्संग कार्यक्रम की अनुमति पर चर्चा की गई. इसके बाद सैंया और सिकंदरा थाना क्षेत्र में होने वाले सत्संग की दी गई अनुमति को निरस्त करने का निर्णय लिया गया है.

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