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दो साल पहले मेरठ में हुआ था भोले बाबा का सत्संग, सद्भावना समागम में उमड़ा था जन सैलाब - Bhole Baba Satsang

अब से दो साल पूर्व में 7 सितंबर 2022 को मेरठ के मऊखास में भोले बाबा का समागम हुआ था. जिसे मानव मंगल मिलन सद्भावना समागम का नाम दिया गया था. लगभग एक माह तक समागम कार्यक्रम यहां चला था. उस वक्त मऊखास गांव के मैदान में हुए समागम में बड़ी संख्या में उनके अनुयायी पहुंचे थे. आयोजन की वजह से गढ़ रोड पर भीषण जाम की समस्या उत्पन्न हो गई थी.

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भोले बाबा अपनी पत्नी के साथ. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat Archive)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 3, 2024, 3:30 PM IST

मेरठ: हाथरस में मंगलवार को नारायण साकार हरि भोले बाबा के सत्संग के बाद मची भगदड़ में काफी जान गई हैं. पूरे देश की नजर इस वक्त प्रदेश के हाथरस पर लगी है. अब से लगभग दो वर्ष पूर्व मेरठ में भी भोले बाबा ने सत्संग किया था, जिसमें काफी संख्या में भीड़ उमड़ी थी. उस वक्त भी काफी अव्यवस्था यहां देखने को मिली थी.

हाथरस की घटना ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया है. भोले बाबा के सत्संग के बाद मची भगदड़ में अब तक 121 श्रद्धालुओं की मौत की सूचना है. जबकि कई महिलाएं अभी भी गंभीर अवस्था में अस्पताल में भर्ती हैं.

अब से दो साल पूर्व में 7 सितंबर 2022 को मेरठ के मऊखास में भोले बाबा का समागम हुआ था. जिसे मानव मंगल मिलन सद्भावना समागम का नाम दिया गया था. लगभग एक माह तक समागम कार्यक्रम यहां चला था. उस वक्त मऊखास गांव के मैदान में हुए समागम में बड़ी संख्या में उनके अनुयायी पहुंचे थे. आयोजन की वजह से गढ़ रोड पर भीषण जाम की समस्या उत्पन्न हो गई थी.

उस वक्त कार्यक्रम की व्यवस्था नारायण साकार के वॉलेंटियर्स ने संभाली थी. उनके खुद के निजी सुरक्षा गार्ड बड़ी संख्या में चप्पे-चप्पे पर तैनात थे. वरिष्ठ पत्रकार हरिशंकर जोशी बताते हैं कि उस समागम में अनुयायियों की भारी भीड़ उमड़ी थी. कार्यक्रम में आने वाले लोगों को मोबाइल व कैमरे लेकर जाने पर भी प्रतिबंध था.
जब सड़क से बाइक सवार गुजरते थे तो कुछ लोग वीडियो बनाते थे या फोटो खींचते थे.

बाबा के आदमी उन्हें न सिर्फ हड़काते थे बल्कि फोन छीन लिया करते थे. हालांकि, बाद में वीडियो डिलीट करके मोबाइल लौटा देते थे. तब लगभग 70 पुलिसकर्मियों को वहां व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैनात किया गया था. सत्संग सुनने जाने वाले लोगों की भीड़ के चलते काफी अव्यवस्था यहां रहती थी.

हाथरस में सत्संग करने पहुंचे भोले बाबा कासगंज जिले के पटियाली के बहादुर नगर के रहने वाले हैं, इनका असल नाम एसपी सिंह है. माना जाता है कि भोले बाबा के लाखों अनुयायी हैं. भोले बाबा ने पूर्व में पुलिस में नौकरी की थी.

भोले बाबा का उत्तर प्रदेश के अलावा आसपास के राज्यों में भी फैन फॉलोइंग है. फिलहाल इस घटना के बाद स्वयं प्रदेश के मुख्यमंत्री हर छोटी बड़ी जानकारी हासिल कर अधिकारियों को आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दे रहे हैं. वहीं, उन्होंने स्वयं पीड़ित परिवारों के मध्य जाकर उनका हाल भी जाना है.

ये भी पढ़ेंः मैनपुरी आश्रम में छिपा हो सकता है भोले बाबा, DGP से बोले सीएम योगी- जल्द गिरफ्तार करो इसे

मेरठ: हाथरस में मंगलवार को नारायण साकार हरि भोले बाबा के सत्संग के बाद मची भगदड़ में काफी जान गई हैं. पूरे देश की नजर इस वक्त प्रदेश के हाथरस पर लगी है. अब से लगभग दो वर्ष पूर्व मेरठ में भी भोले बाबा ने सत्संग किया था, जिसमें काफी संख्या में भीड़ उमड़ी थी. उस वक्त भी काफी अव्यवस्था यहां देखने को मिली थी.

हाथरस की घटना ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया है. भोले बाबा के सत्संग के बाद मची भगदड़ में अब तक 121 श्रद्धालुओं की मौत की सूचना है. जबकि कई महिलाएं अभी भी गंभीर अवस्था में अस्पताल में भर्ती हैं.

अब से दो साल पूर्व में 7 सितंबर 2022 को मेरठ के मऊखास में भोले बाबा का समागम हुआ था. जिसे मानव मंगल मिलन सद्भावना समागम का नाम दिया गया था. लगभग एक माह तक समागम कार्यक्रम यहां चला था. उस वक्त मऊखास गांव के मैदान में हुए समागम में बड़ी संख्या में उनके अनुयायी पहुंचे थे. आयोजन की वजह से गढ़ रोड पर भीषण जाम की समस्या उत्पन्न हो गई थी.

उस वक्त कार्यक्रम की व्यवस्था नारायण साकार के वॉलेंटियर्स ने संभाली थी. उनके खुद के निजी सुरक्षा गार्ड बड़ी संख्या में चप्पे-चप्पे पर तैनात थे. वरिष्ठ पत्रकार हरिशंकर जोशी बताते हैं कि उस समागम में अनुयायियों की भारी भीड़ उमड़ी थी. कार्यक्रम में आने वाले लोगों को मोबाइल व कैमरे लेकर जाने पर भी प्रतिबंध था.
जब सड़क से बाइक सवार गुजरते थे तो कुछ लोग वीडियो बनाते थे या फोटो खींचते थे.

बाबा के आदमी उन्हें न सिर्फ हड़काते थे बल्कि फोन छीन लिया करते थे. हालांकि, बाद में वीडियो डिलीट करके मोबाइल लौटा देते थे. तब लगभग 70 पुलिसकर्मियों को वहां व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैनात किया गया था. सत्संग सुनने जाने वाले लोगों की भीड़ के चलते काफी अव्यवस्था यहां रहती थी.

हाथरस में सत्संग करने पहुंचे भोले बाबा कासगंज जिले के पटियाली के बहादुर नगर के रहने वाले हैं, इनका असल नाम एसपी सिंह है. माना जाता है कि भोले बाबा के लाखों अनुयायी हैं. भोले बाबा ने पूर्व में पुलिस में नौकरी की थी.

भोले बाबा का उत्तर प्रदेश के अलावा आसपास के राज्यों में भी फैन फॉलोइंग है. फिलहाल इस घटना के बाद स्वयं प्रदेश के मुख्यमंत्री हर छोटी बड़ी जानकारी हासिल कर अधिकारियों को आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दे रहे हैं. वहीं, उन्होंने स्वयं पीड़ित परिवारों के मध्य जाकर उनका हाल भी जाना है.

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