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हाथरस Polling LIVE Updates;  शाम 5 बजे तक 53.48 फीसदी हुआ मतदान - Lok Sabha Election 2024

हाथरस लोकसभा सीट अनुसूचित जाति के प्रत्याशियों के लिए सुरक्षित है. हाथरस लोकसभा सीट में हाथरस जिले की तीन विधानसभा सीट तथा अलीगढ़ जिले की दो विधानसभा सीट आती हैं.

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हाथरस में मतदान के लिए कड़े सुरक्षा के प्रबंध किए गए हैं. (Photo Credit; Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : May 7, 2024, 7:47 AM IST

Updated : May 7, 2024, 5:32 PM IST

हाथरस: लोकसभा चुनाव 2024 के तीसरे चरण में आज हाथरस लोकसभा सीट के लिए वोट डाले जा रहे हैं. यह सीट अनुसूचित जाति के प्रत्याशियों के लिए सुरक्षित है. हाथरस लोकसभा सीट में हाथरस जिले की तीन विधानसभा सीट तथा अलीगढ़ जिले की दो विधानसभा सीट आती हैं.

हाथरस में मतदान केंद्रों पर सुबह से ही लंबी-लंबी कतार लग गई हैं. लोगों में मतदान के प्रति खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. इस बीच हाथरस में कई मतदान केंद्रों पर लोगों ने चुनाव का बहिष्कार किया. कहीं रोड की जर्जर स्थिति कीचड़ भरा जाना वजह है तो कहीं गांव में तीन-तीन स्वतंत्रता सेनानी होने के बावजूद उनको सम्मान न देना बहिष्कार का कारण बना हुआ है. दोपहर 3 बजे तक 47.2 फीसदी मतदान हुआ है.वहीं, पांच बजे तक 53.48 फीसदी मतदान लोकसभा क्षेत्र में हुआ है.

लोगों का कहना है कि हर बार लोग आते हैं काम का आश्वासन देकर चले जाते हैं और उसके बाद फिर 5 साल तक नहीं झांकते. वहीं सिकंदराराऊ विधानसभा क्षेत्र के एक केंद्र पर अधिकारियों के समझाने बुझाने के बाद लोग मतदान करने के लिए तैयार हो गए हैं.

हाथरस लोकसभा चुनाव के अंतर्गत अलीगढ़ की इगलास विधानसभा के गोंडा ब्लॉक में नगलावीरा गांव बूथ संख्या- 2 पर ग्रामीणों ने चुनाव का बहिष्कार किया. सुबह 7 बजे शुरू हुए मतदान के बाद करीब एक घंटे तक एक भी वोट नहीं पड़ा. इस सूचना पर मौके पर पहुंची इगलास एसडीएम महिमा राजपूत आश्वासन के बाद ही ग्रामीणों ने वोट डालना शुरू किया.फिलहाल मतदान शुरू हो चुका है.

स्थानीय महिला लक्ष्मी का कहना है कि वह बहिष्कार इसलिए कर रहे हैं क्योंकि गांव का रोड टूटा हुआ पड़ा है. उसका कोई समाधान नहीं होता है. हर बार बोलते हैं कि रोड को बनवा देंगे लेकिन कोई भी न बनवाता है और ना कोई प्रत्याशी वोट मांगने के लिए नहीं आया है.

मौके पर पहुंची इगलास एसडीएम महिमा राजपूत ने बताया कि यहां के लोगों की समस्या है कि उनकी गांव की सड़क यहां काफी वर्षों से नहीं बनी है, वह उसको बनवाना चाहते हैं. यहां आकर सभी ग्राम वासियों से वार्ता की गई. ग्राम प्रधान द्वारा बताया गया कि जिस रोड के संबंध में लोगों की मांग है उसके संबंध में कार्य योजना दो महीने पहले बनाई जा चुकी है.

अभी के लिए एप्लीकेशन ले ली गई है उस पर एक लेटर बनाकर कॉपी करके प्रधान को दे दिया जाएगा, ताकि जो भी समस्या है उसका निस्तारण हो जाये. लोगों ने बहिष्कार समाप्त कर दिया गया है और अब यहां वोट पड़ रहे हैं.

हाथरस संसदीय चुनाव के नदरोई(लोधा) मतदान केंद्र पर ग्रामीणों ने चुनाव का बहिष्कार कर रहे हैं. हाइटेंशन लाइन की समस्या को लेकर ग्रामीणों ने मतदान नहीं किया है. हाई टेंशन लाइन की चपेट में गांव में कई मौत हो चुकी है.

घटनाओं पर पुलिस द्वारा FIR और बिजली विभाग द्वारा कोई मदद नहीं करने से ग्रामीण नाराज हैं. बिजली के तार नहीं बदलने पर ग्रामीण आक्रोशित हैं. ग्रामीण विरोध स्वरूप धरने पर बैठे हैं. मौके पर प्रशासनिक अधिकारी मनाने में जुटे हैं. मतदान केंद्र पर एक हजार से ज्यादा वोटर हैं. हाथरस लोकसभा क्षेत्र में दो विधानसभा इगलास और छर्रा अलीगढ़ इलाके में पड़ती हैं.

इस बार यहां भाजपा, सपा और बसपा सहित कुल 10 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं, जिनकी किस्मत का फैसला 18 लाख 81 हजार मतदाता करेंगे. हाथरस लोकसभा सीट से इस बार बीजेपी ने अलीगढ़ जिले की खैर विधानसभा सीट के विधायक जो योगी कैबिनेट में राज्य मंत्री हैं को अपना प्रत्याशी बनाया है.

समाजवादी पार्टी ने सहारनपुर के जसवीर वाल्मीकि को तो बसपा ने हेमबाबू को मैदान में उतारा है. टिकट कटने के बाद यहां के मौजूदा भाजपा सांसद राजवीर सिंह दिलेर का हृदय गति रुकने से निधन हो चुका है.

चुनाव के दृष्टिकोण से हाथरस लोकसभा सीट बीजेपी के लिए फायदेमंद सीट रही है. राम लहर के बाद इस सीट पर भाजपा तथा सहयोगी दलों का ही कब्जा रहा है. दरअसल 1991 के बाद से जातीय गोट कुछ इस प्रकार बैठी है कि वह कुल मिलाकर भाजपा के पक्ष में चली जाती है. वैसे इस बार इस चुनाव में यहां चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी और वोटर बेहद खामोश रहे हैं.

बात रही मुद्दों की तो रोजगार, उच्च शिक्षा का अभाव औद्योगिक पातन, शहरी क्षेत्र में संगठित विकास, ग्रामीण क्षेत्रों में खारा पानी तथा खेती, किसानी के क्षेत्र में आलू तथा धान के किसानों का दुख दर्द भी प्रभावित मुद्दे हैं, जिसे लेकर मतदाता मतदान कर रहे हैं.

वैसे तो हाथरस सीट बीजेपी के लिए जीत की दृष्टि से सुरक्षित रही है. लेकिन, इस बार जितनी खामोशी के साथ चुनाव हो रहा है, उसमें यह अंदाजा लगाना मुश्किल है कि ऊंट किस करवट बैठेगा.

ये भी पढ़ेंः अखिलेश की पत्नी डिंपल यादव समेत इन सूरमाओं की किस्मत का फैसला आज, मुलायम के खानदान से तीन प्रत्याशी

हाथरस: लोकसभा चुनाव 2024 के तीसरे चरण में आज हाथरस लोकसभा सीट के लिए वोट डाले जा रहे हैं. यह सीट अनुसूचित जाति के प्रत्याशियों के लिए सुरक्षित है. हाथरस लोकसभा सीट में हाथरस जिले की तीन विधानसभा सीट तथा अलीगढ़ जिले की दो विधानसभा सीट आती हैं.

हाथरस में मतदान केंद्रों पर सुबह से ही लंबी-लंबी कतार लग गई हैं. लोगों में मतदान के प्रति खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. इस बीच हाथरस में कई मतदान केंद्रों पर लोगों ने चुनाव का बहिष्कार किया. कहीं रोड की जर्जर स्थिति कीचड़ भरा जाना वजह है तो कहीं गांव में तीन-तीन स्वतंत्रता सेनानी होने के बावजूद उनको सम्मान न देना बहिष्कार का कारण बना हुआ है. दोपहर 3 बजे तक 47.2 फीसदी मतदान हुआ है.वहीं, पांच बजे तक 53.48 फीसदी मतदान लोकसभा क्षेत्र में हुआ है.

लोगों का कहना है कि हर बार लोग आते हैं काम का आश्वासन देकर चले जाते हैं और उसके बाद फिर 5 साल तक नहीं झांकते. वहीं सिकंदराराऊ विधानसभा क्षेत्र के एक केंद्र पर अधिकारियों के समझाने बुझाने के बाद लोग मतदान करने के लिए तैयार हो गए हैं.

हाथरस लोकसभा चुनाव के अंतर्गत अलीगढ़ की इगलास विधानसभा के गोंडा ब्लॉक में नगलावीरा गांव बूथ संख्या- 2 पर ग्रामीणों ने चुनाव का बहिष्कार किया. सुबह 7 बजे शुरू हुए मतदान के बाद करीब एक घंटे तक एक भी वोट नहीं पड़ा. इस सूचना पर मौके पर पहुंची इगलास एसडीएम महिमा राजपूत आश्वासन के बाद ही ग्रामीणों ने वोट डालना शुरू किया.फिलहाल मतदान शुरू हो चुका है.

स्थानीय महिला लक्ष्मी का कहना है कि वह बहिष्कार इसलिए कर रहे हैं क्योंकि गांव का रोड टूटा हुआ पड़ा है. उसका कोई समाधान नहीं होता है. हर बार बोलते हैं कि रोड को बनवा देंगे लेकिन कोई भी न बनवाता है और ना कोई प्रत्याशी वोट मांगने के लिए नहीं आया है.

मौके पर पहुंची इगलास एसडीएम महिमा राजपूत ने बताया कि यहां के लोगों की समस्या है कि उनकी गांव की सड़क यहां काफी वर्षों से नहीं बनी है, वह उसको बनवाना चाहते हैं. यहां आकर सभी ग्राम वासियों से वार्ता की गई. ग्राम प्रधान द्वारा बताया गया कि जिस रोड के संबंध में लोगों की मांग है उसके संबंध में कार्य योजना दो महीने पहले बनाई जा चुकी है.

अभी के लिए एप्लीकेशन ले ली गई है उस पर एक लेटर बनाकर कॉपी करके प्रधान को दे दिया जाएगा, ताकि जो भी समस्या है उसका निस्तारण हो जाये. लोगों ने बहिष्कार समाप्त कर दिया गया है और अब यहां वोट पड़ रहे हैं.

हाथरस संसदीय चुनाव के नदरोई(लोधा) मतदान केंद्र पर ग्रामीणों ने चुनाव का बहिष्कार कर रहे हैं. हाइटेंशन लाइन की समस्या को लेकर ग्रामीणों ने मतदान नहीं किया है. हाई टेंशन लाइन की चपेट में गांव में कई मौत हो चुकी है.

घटनाओं पर पुलिस द्वारा FIR और बिजली विभाग द्वारा कोई मदद नहीं करने से ग्रामीण नाराज हैं. बिजली के तार नहीं बदलने पर ग्रामीण आक्रोशित हैं. ग्रामीण विरोध स्वरूप धरने पर बैठे हैं. मौके पर प्रशासनिक अधिकारी मनाने में जुटे हैं. मतदान केंद्र पर एक हजार से ज्यादा वोटर हैं. हाथरस लोकसभा क्षेत्र में दो विधानसभा इगलास और छर्रा अलीगढ़ इलाके में पड़ती हैं.

इस बार यहां भाजपा, सपा और बसपा सहित कुल 10 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं, जिनकी किस्मत का फैसला 18 लाख 81 हजार मतदाता करेंगे. हाथरस लोकसभा सीट से इस बार बीजेपी ने अलीगढ़ जिले की खैर विधानसभा सीट के विधायक जो योगी कैबिनेट में राज्य मंत्री हैं को अपना प्रत्याशी बनाया है.

समाजवादी पार्टी ने सहारनपुर के जसवीर वाल्मीकि को तो बसपा ने हेमबाबू को मैदान में उतारा है. टिकट कटने के बाद यहां के मौजूदा भाजपा सांसद राजवीर सिंह दिलेर का हृदय गति रुकने से निधन हो चुका है.

चुनाव के दृष्टिकोण से हाथरस लोकसभा सीट बीजेपी के लिए फायदेमंद सीट रही है. राम लहर के बाद इस सीट पर भाजपा तथा सहयोगी दलों का ही कब्जा रहा है. दरअसल 1991 के बाद से जातीय गोट कुछ इस प्रकार बैठी है कि वह कुल मिलाकर भाजपा के पक्ष में चली जाती है. वैसे इस बार इस चुनाव में यहां चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी और वोटर बेहद खामोश रहे हैं.

बात रही मुद्दों की तो रोजगार, उच्च शिक्षा का अभाव औद्योगिक पातन, शहरी क्षेत्र में संगठित विकास, ग्रामीण क्षेत्रों में खारा पानी तथा खेती, किसानी के क्षेत्र में आलू तथा धान के किसानों का दुख दर्द भी प्रभावित मुद्दे हैं, जिसे लेकर मतदाता मतदान कर रहे हैं.

वैसे तो हाथरस सीट बीजेपी के लिए जीत की दृष्टि से सुरक्षित रही है. लेकिन, इस बार जितनी खामोशी के साथ चुनाव हो रहा है, उसमें यह अंदाजा लगाना मुश्किल है कि ऊंट किस करवट बैठेगा.

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Last Updated : May 7, 2024, 5:32 PM IST
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