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हाथरस हादसे की पीड़ितों को अपने सांसद और विधायक का इंतजार, चेक थमाने के बाद पूछने तक नहीं आए - Hathras Satsang Stampede

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 11, 2024, 10:19 PM IST

हाथरस हादसे के पीड़ित अब भी अपने सांसद और विधायक का इंतजार कर रहे हैं. बाहरी नेता तो उनसे मिलने पहुंच रहे हैं, लेकिन जिसे वोट दिया, वह नदारद हैं.

हाथरस कांड पीड़ित.
हाथरस कांड पीड़ित. (Etv Bharat)
हाथरस कांड के पीड़ितों को स्थानीय नेताओं का इंतजार. (Video Credit; Etv Bharat)

हाथरसः सिकंदराराऊ के गांव फुलरई व मुगलगढ़ी के बीच सत्संग के दौरान 10 दिन पहले बड़ा दर्दनाक हादसा हुए था. भोले बाबा के सत्संग में करीब 121 लोगों की जान चली गई थी. हादसे के बाद से सत्ताधारी दल और विपक्ष के नेताओं का पीड़ित परिवारों से मिलने आने का सिलसिला जारी है. लेकिन स्थानीय नेता नदारद हैं. जिससे लोगों में खासी नाराजगी है.

हाथरस के नवनिर्वाचित सांसद अनूप बाल्मीकि और विधायक अंजुला माहौर तो राहुल गांधी जिस दिन सुबह आए थे, यह लोग सुबह तड़के ही कुछ पीड़ितों के घर पहुंचे मुआवजे के चेक थमा गए. चेक थमाने की इतनी जल्दी थी कि मृतकों के परिजनों से उनका हालचाल तक लेना भूल गए. अलीगढ़ तथा आगरा रहने वाले यह जनप्रतिनिधि इसके बाद हाथरसआए लेकिन पीड़ितों के यहां जाने की बात मानो उनके दिमाग में नहीं आई.


अपनी मां आशा देवी को खोने वाली मोहनी ने बताया कि बाहर के नेता आ रहे हैं लेकिन स्थानीय कोई नेता नहीं आया. चेक देने आए थे उसके बाद फिर नहीं आए. बाहर के नेता स्थानीय स्तर पर कुछ कर नहीं सकते, जो कर सकते हैं वह आ नहीं रहे हैं. अपनों को खोने वाले युवक सुरजीत ने बताया कि सांसद, विधायक कोई नहीं आया. इसकी वजह कि लोकसभा और विधानसभा में बाहर के नेता हैं. यहां से जीत कर चले गए. सुरजीत ने बताय कि जिस दिन राहुल गांधी आए थे, उनके आने से 2 घंटे पहले चेक देकर चले गए. किसी से कोई बातचीत भी नहीं की और न ही हालचाल जाना.

इसे भी पढ़ें-वोट की राजनीति के लिए भोले बाबा के खिलाफ नहीं हो रही कोई कार्रवाई, हाथरस कांड पीड़ितों का छलका दर्द

हाथरस कांड के पीड़ितों को स्थानीय नेताओं का इंतजार. (Video Credit; Etv Bharat)

हाथरसः सिकंदराराऊ के गांव फुलरई व मुगलगढ़ी के बीच सत्संग के दौरान 10 दिन पहले बड़ा दर्दनाक हादसा हुए था. भोले बाबा के सत्संग में करीब 121 लोगों की जान चली गई थी. हादसे के बाद से सत्ताधारी दल और विपक्ष के नेताओं का पीड़ित परिवारों से मिलने आने का सिलसिला जारी है. लेकिन स्थानीय नेता नदारद हैं. जिससे लोगों में खासी नाराजगी है.

हाथरस के नवनिर्वाचित सांसद अनूप बाल्मीकि और विधायक अंजुला माहौर तो राहुल गांधी जिस दिन सुबह आए थे, यह लोग सुबह तड़के ही कुछ पीड़ितों के घर पहुंचे मुआवजे के चेक थमा गए. चेक थमाने की इतनी जल्दी थी कि मृतकों के परिजनों से उनका हालचाल तक लेना भूल गए. अलीगढ़ तथा आगरा रहने वाले यह जनप्रतिनिधि इसके बाद हाथरसआए लेकिन पीड़ितों के यहां जाने की बात मानो उनके दिमाग में नहीं आई.


अपनी मां आशा देवी को खोने वाली मोहनी ने बताया कि बाहर के नेता आ रहे हैं लेकिन स्थानीय कोई नेता नहीं आया. चेक देने आए थे उसके बाद फिर नहीं आए. बाहर के नेता स्थानीय स्तर पर कुछ कर नहीं सकते, जो कर सकते हैं वह आ नहीं रहे हैं. अपनों को खोने वाले युवक सुरजीत ने बताया कि सांसद, विधायक कोई नहीं आया. इसकी वजह कि लोकसभा और विधानसभा में बाहर के नेता हैं. यहां से जीत कर चले गए. सुरजीत ने बताय कि जिस दिन राहुल गांधी आए थे, उनके आने से 2 घंटे पहले चेक देकर चले गए. किसी से कोई बातचीत भी नहीं की और न ही हालचाल जाना.

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