वाराणसी: ज्ञानवापी में कथित शिवलिंग को फव्वारा कहे जाने के मामले में असदुद्दीन ओवैसी और अखिलेश यादव पर एफआईआर की मांग करने वाली याचिका पर शनिवार को वाराणसी कोर्ट में सुनवाई पूरी हुई. अपर जिला जज नवम वाराणसी की कोर्ट में सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया गया है. माना जा रहा है कि कोर्ट अपना आदेश 2 सितंबर सुनाएगी.
वाराणसी के एडीजे नवम की कोर्ट में दोनों पक्षों के वकीलों को तलब किया गया था. इस मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय की तरफ से अखिलेश यादव, असदुद्दीन ओवैसी समेत मस्जिद की देखरेख करने वाली अंजुमन इंतजामियां मस्जिद कमेटी और लगभग 2000 अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है. हरिशंकर पांडेय का कहना है कि शिवलिंग को बार-बार फौव्वारा कहकर हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का काम ये दोनों नेता कर रहे हैं. इसके अलावा आस्था पर चोट पहुंचाते हुए वर्ग विशेष के लोगों ने उस स्थान पर गंदगी फैलाई और इतने दिनों तक उसे साफ-सुथरा भी नहीं रखा. इसलिए सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज होना आवश्यक है.
ओवैसी की तरफ से एहतेशाम आब्दी और शाहनवाज परवेज ने कोर्ट में अपना पक्ष रखा, जबकि अखिलेश यादव की तरफ से अनुज यादव ने बहस की है. एडवोकेट हरिशंकर पांडेय ने वजू खाने में मिले शिवलिंग जैसी संरचना को लेकर अखिलेश यादव और ओवैसी पर धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप लगाया है.
वहीं वाराणसी के जिला जज न्यायालय में आज श्रृंगार गौरी के मुख्य मुकदमे सहित अन्य समेकित मुकदमों की भी सुनवाई होनी थी. हालांकि जिला जज अवकाश पर हैं. इसलिए माना जा रहा है कि सुनवाई के लिए अगली तिथि निर्धारित होगी.