आगरा: देश में लोकसभा चुनाव 2024 का बिगुल बज चुका है. वहीं, शुक्रवार से तीसरे चरण के चुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई. इसी क्रम में जिले के ताजनगरी में शुक्रवार एक उम्मीदवार नामांकन पत्र खरीदने के लिए पहुंचा, जो अब-तक 98 बार चुनाव लड़ चुका है. इसमें ग्राम पंचायत से लेकर राष्ट्रपति तक का चुनाव शामिल हैं.
आगरा के हसनूराम आंबेडकरी आगरा (सुरक्षित) और फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट से निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरने के लिए नामांकन पत्र खरीदा है. ईटीवी भारत से बातचीत में हसनूराम ने कहा कि मेरी हर चुनाव में हार की दिली ख्वाहिश है. इस बार में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि रकम से चुनाव लड़ रहा हूं. विधानसभा चुनावों 2022 में मैंने खेरागढ़ विधानसभा से चुनाव लड़ा था.
चुनाव के लिए सरकारी नौकरी छोड़ी
बता दें कि 77 वर्षीय हसनूराम पहले राजस्व विभाग में अमीन थे. बाद में वह बामसेफ से जुड़ गए. 1985 में बामसेफ ने उन्हें बसपा से टिकट देने का वादा किया था और इसके लिए सरकारी नौकरी भी हसनूराम ने छोड़ दिए, लेकिन बसपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया. इसके बाद हसनूराम ने फतेहपुर सीकरी विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा और 171711 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे.
हर बार हार की हसरत
हसनूराम ने बताया कि मैं हर बार हार की हसरत लेकर चुनाव मैदान में उतरता हूं. मेरा लोगों से यही कहना है कि मुझे हारने के लिए वोट दीजिए. अगर आप जिताने के लिए अपना वोट देना चाहते हैं तो, किसी भी प्रत्याशी को वोट दें. पहले मैं मजदूरी और मनरेगा से मिलने वाले पैसे को जमा करके चुनाव लड़ता था, लेकिन, इस बार प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से जो मुझे राशि मिली है, उससे चुनाव लड़ रहा हूं. मुझे एक साल में 12 हजार रुपए किसान सम्मान निधि से मिले हैं. साथ ही जो राशन का अनाज मिलता है, उसे बेचकर, उस रकम से मैं चुनाव लड़ रहा हूं.
इन पदों के लिए लड़ चुके हैं चुनाव
हसनूराम ने बताया कि 'ग्राम पंचायत सदस्य से लेकर क्षेत्र पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान, एमएलसी, सहकारी बैंक, विधायक, सांसद, राष्ट्रपति पद के लिए भी चुनाव लड़ चुका हूं. मैं 12 बार आगरा ग्रामीण से, 13 बार खैरागढ़ विधानसभा से और छह बार फतेहपुर सीकरी विधानसभा से चुनाव लड़ा हूं. इसके साथ ही लोकसभा क्षेत्र आगरा (सुरक्षित) से भी चुनाव मैंने लड़ा है. अब तक में 98 बार चुनाव मैदान में उतरा हूं. मैं राष्ट्रपति पद के लिए भी नामांकन किया था. भगवान का आशीर्वाद रहा तो मैं 100 चुनाव हारने का रिकॉर्ड भी बनाउंगा'.
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