चंडीगढ़: हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा तृतीय और चतुर्थ श्रेणी की सरकारी भर्तियों के लिए आवश्यक CET नीति को सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराया है. सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि इस नीति को नियमानुसार बनाया गया है. इससे साफ है कि अब हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) अपनी भर्ती प्रक्रियाओं को जारी रख सकेगा. हालांकि प्रदेश में 5 अक्टूबर 2024 को होने वाले विधानसभा चुनाव के बीच किसी नई भर्ती को शुरू नहीं किया जा सकता.
इस तथ्य को दी गई थी चुनौती
सुप्रीम कोर्ट में कुछ उम्मीदवारों ने संयुक्त पात्रता परीक्षा (CET) पॉलिसी के खंड 9 (आई) को चुनौती दी गई थी. इसमें एक पद के लिए ग्रुप के अनुसार चार गुणा उम्मीदवार बुलाने की बात कही गई थी. जबकि कर्मचारी चयन आयोग परीक्षा के लिए अभ्यर्थियों को श्रेणी के अनुसार बुलाता है.
29 हजार पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया पूरी
आयोग द्वारा CET नीति के तहत करीब 29 हजार पदों पर भर्ती प्रक्रिया को पूरा कर लिया गया है. जबकि करीब 4-5 हजार पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया अधर में है. लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट द्वारा CET नीति सही ठहराए जाने पर ये भर्ती प्रक्रियाएं भी सुचारू रूप से पूरी की जा सकेंगी.
केस को निराधार बताते हुए दी सलाह
सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा की सीईटी पॉलिसी को सही बताते हुए इस संदर्भ में संजीव कुमार बनाम हरियाणा सरकार एवं अन्य के केस को निराधार ठहराया है. इस कारण अब कर्मचारी चयन आयोग को अपनी भर्ती प्रक्रिया जारी रखने में कोई परेशानी नहीं है. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को अपनी बात पहले हाईकोर्ट के समक्ष रखने की सलाह भी दी थी.
HSSC ने 9 भर्ती प्रक्रियाएं पूरी की
गौरतलब है कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) द्वारा अब तक CET नीति के तहत 9 परीक्षाएं ली जा चुकी हैं, जिनमें करीब 90 हजार उम्मीदवार शामिल हुए. इस श्रेणी के करीब 33 हजार पदों में से 29 हजार पर भर्ती प्रक्रिया पूरी कर ली गई है और शेष 4 हजार भी अब पूरी की जा सकेंगी.
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