फतेहाबाद: हरियाणा सरपंच एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष रणबीर सिंह गिल ने हरियाणा सरकार को चेतावनी दी है. उन्होंने कहा "आने वाले दिनों में अगर पंचायत को उनका हक नहीं दिया गया, तो विधानसभा चुनाव में बीजेपी को इसका परिणाम झेलना पड़ेगा." उन्होंने कहा कि बीजेपी को लोकसभा चुनाव में बड़ा नुकसान देखने को मिला. लोकसभा चुनाव में सरपंचों ने बीजेपी का डटकर विरोध किया. तभी इस तरह का चुनाव परिणाम सामने आया है.
हरियाणा सरपंच एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष रणबीर सिंह गिल ने कहा कि अगर हरियाणा सरकार ने आने वाले दिनों में पंचायत को पूर्ण अधिकार नहीं दिए, तो 3 महीने बाद होने वाले हरियाणा विधानसभा चुनाव में बीजेपी को बड़ी हार का सामना करना पड़ेगा. रणबीर सिंह गिल ने कहा कि लोकसभा चुनाव में सरपंचों के द्वारा भाजपा का डटकर विरोध करने का ऐलान किया गया था और यही कारण है कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी को कई सीटों पर हार का सामना करना पड़ा.
रणबीर सिंह ने कहा कि सरपंचों के अधिकार सरकार द्वारा छीने गए हैं. सरकार को उनके हक वापस करना चाहिए और अगर सरकार ऐसा नहीं करती, तो विधानसभा चुनाव में बड़ी हार के लिए तैयार रहे. बता दें कि हरियाणा सरकार ने पंचायतों के लिए ईटेंडरिंग व्यवस्था लागू की थी. जिसके तहत गांव के विकास कार्य
ई टेंडरिंग क्या है? हरियाणा सरकार ने पंचायत में होने वाले कामों के लिए ई टेंडरिंग प्रक्रिया बनाई है. सरकार का दावा है कि इस प्रक्रिया से पंचायतों में भ्रष्टाचार के मामलों पर रोक लगेगी. इसके तहत 2 लाख रुपये से अधिक के कामों के लिए सरपंच को ऑनलाइन टेंडर जारी करना होगा. जिसके बाद सरकार फंड जारी करेगी और फिर अधिकारी ठेकेदार के जरिए गांव का विकास कार्य करवाएंगे. मतलब ये कि इस प्रक्रिया में सरपंच सरकार को विकास कार्यों का ब्योरा देगा. जिसके बाद सरकार ठेकेदार से ई टेंडरिंग के जरिए विकास कार्य करवाएगी.
सरपंच क्यों कर रहे विरोध? सरपंचों का कहना है कि सरकार की ई टेंडरिंग की ये स्कीम सरपंचों के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि ई टेंडरिंग से गांवों का अच्छे से विकास नहीं हो पाएगा. सरपंचों ने कहा कि अगर उन्हें विकास कार्यों के लिए पैसा सीधे तौर पर नहीं दिया जाएगा, तो ठेकेदार और अधिकारी मिलकर मनमर्जी से गांव में कार्य करवाएंगे. इस प्रक्रिया के चलते सरपंचों का गांव के विकास में कोई हाथ नहीं रह जाएगा. इसी को लेकर हरियाणा के जन प्रतिनिधि विरोध कर रहे हैं.