पंचकूला: हरियाणा के मंत्रियों को अब करोड़ों रुपए की कीमती नई लग्जरी गाड़ियों का बेसब्री से इंतजार है. हालांकि प्रदेश सरकार की ओर से फिलहाल गाड़ियों के खरीदने पर अंतिम फैसला नहीं लिया गया है. लेकिन प्रदेश सरकार मंत्रियों की इच्छा के अनुसार फॉर्च्यूनर, मर्सिडीज और वोल्वो कारों की खरीद के बारे में विचार कर रही है.
दरअसल बीते दिनों हरियाणा के मंत्रियों ने मुख्यमंत्री नायब सैनी के सामने नई गाड़ियों की इच्छा जाहिर की थी. गौरतलब है कि हरियाणा सरकार में मुख्यमंत्री समेत कुल 14 मंत्री हैं. लेकिन करोड़ों रुपए की कीमत से खरीदी जाने वाली कारों की संख्या पर फिलहाल फैसला लिया जाना शेष है.
सीएम लैंड क्रूजर से करते हैं सफर- मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी सुरक्षा के मद्देनजर हरियाणा पुलिस द्वारा खरीदी गई लैंड क्रूजर में सफर करते हैं. हालांकि उनके काफिले में अन्य महंगी गाड़ियां जैसे- फॉर्च्यूनर और एंडेवर भी शामिल हैं. उनके अलावा खट्टर सरकार में उपमुख्यमंत्री रहे दुष्यंत चौटाला भी लैंड क्रूजर और फोर्ड एंडेवर गाड़ी में सफर करते थे.
मंत्रियों को मिलती हैं 2 गाड़ियां- गौरतलब है कि प्रदेश के मंत्रियों को कुल 2 गाड़ियां दी जाती हैं, जिनमें एक गाड़ी मुख्य और दूसरी अचानक या आपात परिस्थितियों में रिलीवर के तौर पर इस्तेमाल की जाती हैं. इसकी शुरुआत कांग्रेस सरकार में तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा के समय में की गई थी.
मंत्री अनिल विज को वॉल्वो कार अलॉट- ऊर्जा एवं परिवहन मंत्री अनिल विज को पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के समय बतौर गृहमंत्री रहते हुए वॉल्वो कार दी गई थी. लेकिन इस कार में पानी भरने से इसके सेंसर खराब होने पर इंश्योरेंस के कारण उन्हें नई गाड़ी दी गई. लेकिन अनिल विज के दोबारा मंत्री बनने से पहले यह कार वर्तमान सीएम नायब सैनी अपने इस्तेमाल में लाए. इससे पहले भी विज की मर्सिडीज कार का गुरुग्राम में शॉकर टूट गया था.
पहले खरीदी 11 फॉर्च्यूनर- प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सरकार में तत्कालीन परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा परिवहन मंत्री थे तो उस दौरान सरकार ने हाई पावर परचेज कमेटी की मीटिंग में मंजूरी के बाद मंत्रियों के लिए 11 फॉर्च्यूनर खरीदी थी. यह सभी कार 3 करोड़ रुपए से अधिक के खर्च से खरीदी गई थी. सरकार द्वारा इन कारों को रकम में छूट के लिए सीधे कंपनी से खरीदा गया था.
वर्तमान गाड़ियां रिलीवर कार से होंगी रिप्लेस- प्रदेश सरकार द्वारा 3-4 लाख किलोमीटर तक चल चुकी गाड़ियों को मंत्रियों के काफिले से बाहर किया जा सकता है. जबकि वर्तमान में इस्तेमाल में लाई जा रही कारों को रिलीवर कार के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है. बीते करीब दो सप्ताह पूर्व प्रदेश सरकार 80 करोड़ की लागत से हेलिकॉप्टर खरीद चुकी है. मुख्यमंत्री नायब सैनी ने पुराने हेलिकॉप्टर में परेशानी आने की बात कही थी. नये हेलीकॉप्टर की खरीद की मंजूरी पिछली सरकार में हाई लेवल परचेज कमेटी द्वारा दी गई थी.