रोहतक : हरियाणा में इस बार विधानसभा का शीतकालीन सत्र बिना प्रतिपक्ष के नेता के शुरू होगा क्योंकि हरियाणा में कांग्रेस अब तक नेता प्रतिपत्र का चयन नहीं कर पाई है. इससे पहले भूपेंद्र सिंह हुड्डा कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभाते रहे हैं लेकिन इस बार विधानसभा चुनाव में हार के बाद अब तक नेता प्रतिपक्ष के नाम पर कांग्रेस बुरी तरह से मझधार में फंसी हुई है.
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने क्या कहा ? : रोहतक के डी पार्क स्थित अपने निवास पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि पार्टी ने नेता प्रतिपक्ष के चुनाव के लिए प्रस्ताव हाई कमान को भेज दिया है जिस पर कांग्रेस पार्टी महाराष्ट्र चुनाव के बाद फैसला लेगी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी को हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में लोगों ने भारतीय जनता पार्टी के बराबर वोट दिए हैं. हालांकि कांग्रेस पार्टी सरकार बनने से चूक गई लेकिन चुनाव में कार्यकर्ताओं ने कड़ी मेहनत की थी और अब विधानसभा सत्र के बाद पार्टी हर विधानसभा क्षेत्र में कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर उनका मनोबल बढ़ाएगी.
"चुनाव हारे हैं, लड़ाई नहीं" : हुड्डा ने कहा कि पार्टी चुनाव हारी है, लड़ाई नहीं. वो लड़ाई जारी रखेंगे. उन्होंने प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि इस सरकार के पास खाद है नहीं और पराली इन्होंने लेनी नहीं हैं. प्रदेश में डीएपी खाद के लिए किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, वहीं किसानों पर पराली जलाने के मामले में जुर्माने की रकम को दोगुना कर दिया गया है.
13 नवंबर से शीतकालीन सत्र : आपको बता दें कि हरियाणा में 13 नवंबर से विधानसभा सत्र का आगाज होने वाला है और शीतकालीन सत्र 18 नवंबर तक चलेगा. पिछली बार भूपेंद्र सिंह हुड्डा नेता प्रतिपक्ष थे लेकिन इस बार विधानसभा चुनाव में हुड्डा के नेतृत्व में कांग्रेस को हार मिली है. ऐसे में किसे हरियाणा का नेता प्रतिपक्ष बनाया जाएगा, ये देखने वाली बात होगी.
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