जींद: खनौरी बॉर्डर पर किसानों की मांगों को लेकर आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल को खापों ने समर्थन दिया. जुलाना क्षेत्र से दर्जनों किसान जगजीत सिंह दल्लेवाल को समर्थन देने के लिए खनौरी बॉर्डर पहुंचे. इस मौके पर किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष नरेंद्र ढांडा ने कहा कि सरकार किसानों की मांगों को जल्द से जल्द पूरा करें और किसानों को न्याय देने का काम करें.
हरियाणा की खापों का किसानों को समर्थन: ढांडा ने कहा कि एमएसपी सहित 13 मांगों को लेकर आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता दल्लेवाल किसानों के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं. प्रदेश के किसान दल्लेवाल के साथ हैं. जब तक किसानों की सभी मांगों को नहीं माना जाता. तब तक आंदोलन जारी रहेगा. ढांडा ने कहा कि मंडी में किसान की फसल औने-पौने दामों पर खरीदी जा रही है, लेकिन सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है.
सरकार पर अनदेखी का आरोप: उन्होंने कहा कि एक ओर तो सरकार किसान हितैषी होने का ढोंग करती है, दूसरी ओर किसानों पर लाठी बरसा रही है. सरकार का रवैया निंदनीय है. जब तक किसानों की मांगों को नहीं माना जाता. तब तक जुलाना से सैकड़ों किसान रोजाना खनौरी बॉर्डर पर पहुंचेंगे.
किसानों के मामले पर कुछ नहीं बोल रही सरकार: सोमवार को इनेलो महासचिव अभय सिंह चौटाला ने भी किसान नेता से मुलाकात की और पत्रकारों से बातचीत में कहा कि ना तो राज्य सरकार, ना ही केन्द्र सरकार और ना ही विपक्षी दल किसानों के मामले कोई बात कर रहे हैं. अडानी के मामले में तो लोकसभा व राज्यसभा को चलने दे रहे हैं, लेकिन किसानों के मामले में कुछ नहीं बोल रहे हैं. किसानों की फसल ओने-पौने दामों में खरीदी गई, लेकिन किसी ने भी आवाज नहीं उठाई.
सीएम नायब सैनी पर निशाना: हरियाणा के मुख्यमंत्री तो किसानों के हक में बोलने की बजाय हंस कर बात को टालने का काम करते हैं और सफेद झूठ बोल रहे हैं कि उनकी सरकार किसानों की फसल को एमएसपी पर खरीद रही है. धान की फसल 500 रुपये तक एमएसपी रेट से कम पर खरीदी गई है. दूसरी ओर कीड़े मार दवा नकली बिक रही है. पंजाब व हरियाणा में कांग्रेस के सांसद हैं, लेकिन किसी ने भी किसानों का मुद्दा उठाया है. सिर्फ अडानी-अडानी चिल्ला रहे हैं, क्योंकि वो सोने का अंडा देने वाली मुर्गी है. चुनाव के समय ही अन्नदाता की याद आती है और उसके बाद उसको भूल जाते हैं.
इससे पहले संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में नेताओं ने 23 दिसंबर को सभी जिलों में विरोध करने का फैसला किया. किसानों ने भाजपा के राज्य सभा सांसद रामचंद्र जांगडा के किसानों पर दिए विवादित बयान पर माफी मांगने की अपील की. किसानों ने कहा कि नहीं तो हम उनके खिलाफ आंदोलन करेंगे.
किसानों की मांगे: संयुक्त किसान मोर्चा हरियाणा ने स्मार्ट मीटर योजना वापस लेने, किसान आंदोलन, पराली और चुनावों के दौरान किसानों पर दर्ज किए मुकदमों को रद्द करने, एनीलम आजाद समेत अन्य प्रदर्शनकारियों के दमन रोकने की मांग की. किसानों ने कहा कि पांच जनवरी 2025 को नरवाना में बिजली कानून और नई कृषि व्यापार नीति पर राज्य स्तरीय कन्वेंशन की जाएगी.
13 जनवरी को हर जिले में प्रदर्शन: बैठक में किसान आंदोलन के आगामी अभियान और आंदोलन की योजना बनाई है. संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि भाजपा सरकार आज तानाशाही पर उतारू है. किसान अपनी जायज मांगों को लेकर दिल्ली प्रदर्शन करना चाहते हैं, जो कि उनका संवैधानिक अधिकार है. जिसका हनन करते हुए केंद्र और राज्य सरकार हरियाणा की सीमाओं पर पुलिस बल द्वारा जबरन रोकने, किसानों पर आंसू गैस के गोले दागने और गिरफ्तारियां करने का काम कर रही है.