चंडीगढ़: हरियाणा ग्रुप-सी भर्ती के चयनित उम्मीदवारों की दस्तावेज जांच प्रक्रिया को स्वास्थ्य विभाग द्वारा गत वीरवार शुरू किया गया. सुबह से ही पंचकूला सेक्टर-6 स्थित डायरेक्टर जनरल हेल्थ सर्विसेज कार्यालय में प्रदेश भर से सैकड़ों उम्मीदवार पहुंचने लगे. लेकिन, अचानक देर रात (गुरुवार, 7 फरवरी) उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब यह फैसला लिया गया कि उम्मीदवारों की मेडिकल प्रक्रिया भी साथ ही साथ पूरी की जाएगी.
हरियाणा ग्रुप सी भर्ती मेडिकल: इस आदेश के बाद जो उम्मीदवार दस्तावेज जांच प्रक्रिया पूरी कर लौट गए थे. वे भी दोबारा अस्पताल पहुंचे. ऐसे में डॉक्टरों के कक्ष के बाहर प्रदेश भर से आए सैकड़ों उम्मीदवारों की लंबी लाइन लग गई. जबकि, मेडिकल में देरी होने पर उम्मीदवार ठंड में कंबल लेकर बैठने को भी मजबूर हुए.
सिविल सर्जन और पीएमओ ने कराया बंदोबस्त: स्वास्थ्य विभाग हरियाणा के अधिकारियों से उम्मीदवारों का मेडिकल रात में ही करवाने के आदेश जारी होने पर सिविल सर्जन पंचकूला डॉक्टर मुक्ता और सिविल अस्पताल के पीएमओ डॉक्टर उमेश मोदी सेक्टर-6 सिविल अस्पताल पहुंचे. उन्होंने मेडिकल प्रक्रिया शुरू करने संबंधी सभी बंदोबस्त कराए, लेकिन अस्पताल में मौजूद स्टाफ के अलावा 25 अतिरिक्त कर्मचारियों को बुलाने की नौबत आ गई.
रात भर हुआ उम्मीदवारों का ईसीजी टेस्ट: हरियाणा ग्रुप सी भर्ती में सभी चयनित उम्मीदवारों को पहले रजिस्ट्रेशन के लिए लंबी-लंबी लाइनों में लगना पड़ा. फिर जब यह फैसला हुआ कि मेडिकल भी साथ होना है तो उन्हें अपने ईसीजी टेस्ट के लिए भी रात भर लाइन में लगकर इंतजार करना पड़ा. दरअसल उम्मीदवारों के अनुसार इस भर्ती संबंधी मामला किन्हीं कारणों के चलते कोर्ट पहुंच गया है. इस कारण किसी अड़चन से पहले हर उम्मीदवार ज्वाइनिंग की जल्दबाजी में रहा और रात में ही मेडिकल के लिए अस्पताल पहुंचा.
रात में बुलाए गए स्पेशलिस्ट डॉक्टर: उम्मीदवारों के मेडिकल करवाने के फैसले के बाद 6 से अधिक यूनिट के स्पेशलिस्ट डॉक्टर को बुलाया गया. इससे पहले सभी रजिस्ट्रेशन काउंटर शुरू करवाए गए. महिला और पुरुष के लिए ईसीजी की दो मशीनें लगाई गई और साथ ही पैरामेडिकल स्टाफ भी तैनात किया गया.
डॉक्टरों को लेनी पड़ी पुलिस की मदद: उम्मीदवारों के बड़ी संख्या में अस्पताल पहुंचने पर अस्पताल प्रबंधन को पुलिस विभाग से मदद लेनी पड़ी. नतीजतन पुलिसकर्मियों ने अस्पताल परिसर के अंदर वाहनों की आवाजाही बंद कर दी. इससे आम लोगों को भारी परेशानी झेलनी पड़ी. यहां तक कि तीमारदारों को अपने-अपने मरीजों को गोदी उठाकर अस्पताल (इमरजेंसी) लाना पड़ा. क्योंकि वाहन चालकों को अस्पताल के बाहर ही रोक दिया गया. इस कारण वह अपने मरीजों के लिए व्हील चेयर की मदद भी नहीं ले सके.
क्या बोले पीएमओ और सीएमओ?: सिविल अस्पताल के पीएमओ, डॉ. उमेश मोदी ने बताया कि उम्मीदवारों के रजिस्ट्रेशन के साथ ही स्पेशलिस्ट डॉक्टरों द्वारा उनका मेडिकल किया गया. वहीं, सीएमओ, डॉक्टर मुक्ता ने बताया कि उम्मीदवारों का मेडिकल आज (शुक्रवार, 9 फरवरी) भी जारी रहेगा. इसके लिए अन्य जिलों के डॉक्टरों को भी पंचकूला सिविल अस्पताल भेजा गया है.
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