जींद: हरियाणा विधानसभा चुनाव में जींद जिले की पांच में चार विधानसभा सीटों पर बीजेपी उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है. अब चर्चा तेज है कि मंत्रिमंडल में जींद के चारों विधायकों को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है. जींद विधानसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार कृष्ण मिड्ढा जीते हैं. नरवाना विधानसभा सीट से पूर्व मंत्री कृष्ण बेदी, सफीदों सीट से रामकुमार गौतम और उचाना से बीजेपी उम्मीदवार देवेंद्र अत्री ने जीत दर्ज की है. जींद जिले की पांचवीं सीट जुलाना से कांग्रेस उम्मीदवार विनेश फोगाट ने जीत दर्ज की है.
कृष्ण मिड्ढा मंत्री की रेस में: जींद जिले की जिन चार विधानसभा सीटों पर बीजेपी उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है. वो चारों मंत्री की रेस में दिखाई दे रहे हैं. जींद विधानसभा सीट की बात करें तो यहां से जीते बीजेपी उम्मीदवार कृष्ण मिड्ढा तीसरी बार विधायक बने हैं. मिड्ढा परिवार की ये लगातार पांचवीं जीत है. साल 2009 और 2014 में कृष्ण मिड्ढा के पिता स्वर्गीय हरिचंद मिड्ढा इनेलो की टिकट पर विधायक बने. हरिचंद मिड्ढा के निधन होने के बाद साल 2019 में उपचुनाव हुआ. जिसमें भाजपा की टिकट पर उनके बेटे कृष्ण मिड्ढा विधायक बने. 2019 और 2024 में कृष्ण मिड्ढा जीत कर लगातार तीसरी बार विधायक बने हैं. जिले में सबसे अधिक मार्जिन के साथ उनकी जीत हुई है. लिहाजा वो इस बार मंत्री की रेस में नजर आ रहे हैं.
रामकुमार गौतम का भी नाम: मंत्री की रेस में दूसरा नाम रामकुमार गौतम का है. इस बार सफीदों सीट पर कमल खिलाने वाले रामकुमार गौतम 2019 में नारनौंद सीट से जेजेपी की टिकट विधायक बने थे. तब भी वो मंत्री पद की चाह में गठबंधन सरकार में बागी बने रहे. चुनाव से पहले वो जेजेपी को छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए. बीजेपी ने रामकुमार गौतम को नारनौंद से ना उतार कर सफीदों से चुनावी मैदान में उतारा. यहां से उन्होंने अब जीत दर्ज की है. रामकुमार गौतम की गिनती मुखर नेताओं में होती है. बता दें कि 1991 के बाद से सफीदों को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है.
देवेंद्र अत्री का नाम भी मंत्री की रेस में: दिग्गजों को हरा कर देवेंद्र अत्री ने उचाना में कमल खिलाया है. उन्होंने राजनीतिक घरानों के दिग्गज पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के बेटे बृजेंद्र और पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला को हराया है. इस सीट पर वो पहली बार गैर जाट विधायक बने हैं. साल 2014 में प्रेमलता ने यहां पर पहली बार भाजपा का कमल खिलाया था, तब उन्हें भी मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली थी. 2019 में भाजपा की प्रेमलता को हरा गठबंधन में सरकार बनाने वाले जेजेपी के दुष्यंत चौटाला यहां से विधायक बने. यहां के लोग अब इनाम के तौर पर मंत्रिमंडल में जगह देख रहे हैं.
कृष्ण बेदी का भी नाम शामिल: पहली सरकार में मंत्री रहे कृष्ण बेदी ने शाहबाद को छोड़ कर नरवाना सीट पर अपनी किस्मत आजमाई और यहां पर भाजपा का कमल खिला दिया. उनका पैतृक गांव नरवाना विधानसभा सीट का कलौदा कलां गांव है. साल 2009 के परिसीमन के बाद यहां से दो बार इनेलो और एक बार जेजेपी से विधायक बने हैं. इस सीट को भी दो दशक से मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है. अब फिर से नरवाना को मंत्रिमंडल में शामिल होने की आस जगी है.
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