चंडीगढ़: हरियाणा में विधानसभा चुनाव का माहौल हर दिन बदल रहा है. 5 अक्टूबर को वोटिंग है. इस बार सत्ता के लिए बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला बताया जा रहा है. कांग्रेस मजबूत स्थिति में दिख रही है. इस चुनाव में कई सीटें ऐसी हैं, जहां बागी बीजेपी और कांग्रेस दोनों का खेल बिगाड़ रहे हैं. खासकर बीजेपी के लिए उनके बागी सत्ता से बाहर कर सकते हैं.
1. लाडवा में बागी ने बढ़ाई सीएम सैनी मुश्किल
कुरुक्षेत्र की लाडवा सीट से मुख्यमंत्री नायब सैनी चुनाव लड़ रहे हैं. लेकिन राजनीतिक जानकारों का कहना है कि सैनी इस सीट पर कड़े मुकाबले में फंस गये हैं. भाजपा से टिकट की उम्मीद कर रहे संदीप गर्ग टिकट कटने के बाद निर्दलीय लड़कर सैनी की टेंशन बढ़ा रहे हैं. मनाने की सारी कोशिश बेकार रही और वो पूरी मजबूती के साथ प्रचार करते रहे, जो सैनी को हराने का काम कर सकते हैं.
2. पृथला में नयनपाल रावत बने कांटा?
फरीदाबाद की पृथला विधानसभा सीट पर भी लड़ाई रोचक है. यहां से 2019 में नयनपाल रावत निर्दलीय जीते थे. उन्होंने पूरे 5 साल बीजेपी सरकार को समर्थन किया. लेकिन बीजेपी से उन्हें टिकट नहीं मिला तो फिर से निर्दलीय लड़ रहे हैं. जो कि भाजपा प्रत्याशी को नुकसान पहुंचा रहे हैं. पृथला से बीजेपी के टेकचंद शर्मा और कांग्रेस से रघुवीर तेवतिया को टिकट दिया है.
3. गन्नौर में भी बीजेपी के बागी टेंशन
सोनीपत की गन्नौर सीट से देवेंद्र कादियान भाजपा से टिकट मांग रहे थे. लेकिन उन्हे पार्टी ने टिकट ना देकर पूर्व सांसद रमेश कौशिक के भाई देवेंद्र कौशिक को प्रत्याशी बना दिया, जिससे नाराज होकर देवेंद्र कादियान निर्दलीय लड़ रहे हैं. इलाके में उनका अच्छा वोट बैंक बताया जा रहा है, जो भाजपा की नींद उड़ा रहे हैं.
4. असंध में जिले राम शर्मा बिगाड़ रहे खेल
करनाल की असंध सीट से जिले राम शर्मा भाजपा की मुश्किल बढ़ाये हुए हैं. वो यहां से भाजपा के उम्मीदवार योगेंद्र राणा को इसका खामिजाया भुगतना पड़ सकता है. कांग्रेस के शमेशर सिंह गोगी उन्हें कड़ी टक्कर दे रहे हैं.
5. हिसार में सावित्री जिंदल बनी बीजेपी की मुसीबत
हिसार से मशहूर उद्योगपति और बीजेपी नेता सावित्री जिंदल टिकट नहीं मिलने के बाद निर्दलीय मैदान में उतर गईं हैं. सावित्री जिंदल बीजेपी प्रत्याशी कमल गुप्ता के लिए टेंशन बन गई हैं. जनता के बीच सावित्री जिंदल की अच्छी छवि है. उनके पति ओपी जिंदल भी इस सीट से विधायक रह चुके हैं. सावित्री बीजेपी को यहां से हरा सकती हैं.
6. अंबाला में चित्रा सरवारा ने फंसाया पेंच
अंबाला कैंट से कांग्रेस की बागी चित्रा सरवारा ने मुकाबले को रोचक बना दिया है. चित्रा कांग्रेस से टिकट की उम्मीद कर रहीं थी लेकिन नहीं मिला. जिसके बाद वो निर्दलीय मैदान में उतर गईं. यहां से बीजेपी से पूर्व गृह मंत्री अनिल विज चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं कांग्रेस ने परिमल परी को उतारा है. चित्रा सरवारा कांग्रेस को नुकसान पहुंचा रही हैं.
7. तिगांव में भी मुकाबला त्रिकोणीय
फरीदाबाद की एक और सीट तिगांव में भी बागी उम्मीदवार ने मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है. इस सीट पर कांग्रेस ने ललित नागर का टिकट इस बार काट दिया. और उनकी जगह युवा नेता रोहित नागर को मैदान में उतारा है. टिकट कटने से नाराज ललित नागर निर्दलीय मैदान में उतर गये हैं. यहां बीजेपी ने राजेश नागर को टिकट दिया है. ललित नागर कांग्रेस के लिए टेंशन बन गये हैं.
8. पूंडरी में सतबीर भाना कांग्रेस की टेंशन
पूंडरी सीट से इस बार कांग्रेस ने सुलतान सिंह जडोला को टिकट दिया है. जिससे नाराज होकर सतबीर भाना निर्दलीय मैदान में हैं. सतबीर भाना पिछले चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार थे और 28 हजार से ज्यादा वोट मिले थे.
9. बल्लभगढ़ में कांग्रेस की बागी उम्मीदार
बल्लभगढ़ सीट पर कांग्रेस की बागी शारदा राठौर मैदान में हैं. कांग्रेस ने इस बार पराग शर्मा को टिकट दिया है जो कि पूर्व विधायक योगेश शर्मा की बेटी हैं. शारदा राठौर के मैदान में आने से मुकाबला त्रिकोणीय हो चुका है. यहां से बीजपी के मूलचंद शर्मा चुनाव लड़ रहे हैं.
10. पानीपत सिटी पर त्रिकोणीय मुकाबला
पानीपत सिटी सीट पर मुकाबला जबरदस्त हो गया है. यहां से बीजेपी की पुरानी नेता रोहिता रेवड़ी ने निर्दलीय मैदान में उतरकर लड़ाई को त्रिकोणीय बना दिया है. रोहिता 2014 में बीजेपी से विधायक थीं. लोकसभा चुनाव के दौरान वो कांग्रेस में शामिल हो गईं थी. टिकट नहीं मिलने के बाद वो निर्दलीय चुनाव लड़ रही हैं. बीजेपी के प्रमोद विज और कांग्रेस के वरिंदर शाह के बीच मुकाबले में रोहिता रेवड़ी बीजेपी को नुकसान पहुंचा सकती हैं.