चंडीगढ़ : हरियाणा विधानसभा को भंग करने का फैसला आखिरकार ले लिया गया है. हरियाणा सीएम नायब सिंह सैनी ने आज कैबिनेट की बैठक बुलाई थी जिसमें हरियाणा विधानसभा को भंग करने को मंजूरी दे दी गई है. जानकारी के मुताबिक 13 सितंबर से हरियाणा विधानसभा को भंग करने की सिफारिश राज्यपाल से कैबिनेट ने की है. हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी आज रात 9:30 बजे राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से मिलने राजभवन भी जाने वाले हैं.
ईटीवी भारत की ख़बर पर मुहर : ईटीवी भारत ने आपको काफी पहले ही बता दिया था कि आज की कैबिनेट बैठक में राज्य सरकार हरियाणा विधानसभा को भंग करने जा रही है और आखिरकार ईटीवी भारत की ख़बर पर मुहर लग गई है. सीएम नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में बैठक बुलाई गई और मंथन के बाद विधानसभा को भंग करने के फैसले को मंजूरी दे दी गई है.
संवैधानिक संकट के चलते विधानसभा भंग : हरियाणा में संवैधानिक संकट के चलते राज्य में विधानसभा को चुनाव से पहले भंग करने की नौबत आन पड़ी है. संवैधानिक मामलों के जानकार राम नारायण यादव ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया था कि हरियाणा में पिछला विधानसभा सत्र 13 मार्च को हुआ था. संविधान के मुताबिक अगला सत्र छह महीने के अंदर होना चाहिए, लेकिन हरियाणा में छह महीने का समय 12 सितंबर को पूरा हो रहा है. ऐसे हालात में सरकार के पास विधानसभा को भंग करने का सिंगल ऑप्शन ही रह जाता है. उन्होंने आगे बताया कि विधानसभा भंग होने के बाद राज्यपाल कैबिनेट को अगली सरकार बनने तक केयर टेकर के तौर पर बने रहने को कह सकते हैं.
राष्ट्रपति शासन की अनुशंसा हो सकती है : संवैधानिक मामलों के जानकार रामनारायण यादव ने आगे बताया कि हरियाणा में इस तरह का ये पहला मामला है. अभी तक इस तरह का मामला देश में नहीं आया है.
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