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हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो ने सहकारिता विभाग के संयुक्त रजिस्ट्रार नरेश कुमार गोयल को पंचकूला से किया गिरफ्तार - Cooperative Department Scam

100 Crore Scam In Haryana: सहकारिता विभाग में 100 करोड़ रुपये के घोटाले मामले में हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने सहकारिता विभाग के संयुक्त रजिस्ट्रार नरेश कुमार गोयल को पंचकूला से गिरफ्तार किया है.

Cooperative Department Scam
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Apr 3, 2024, 6:49 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने भ्रष्टाचार के आरोप में सहकारिता विभाग के संयुक्त रजिस्ट्रार नरेश कुमार गोयल को पंचकूला से गिरफ्तार किया है. एसीबी की टीम ने आरोपी की गिरफ्तारी बीते दिनों सहकारिता विभाग में उजागर हुए करोड़ों रुपये के घोटाले के मामले में की है.

सह-आरोपियों के साथ मिलकर करोड़ों रुपये की राशि का गबन: सहकारिता विभाग में घोटाले की जांच का जिम्मा एंटी करप्शन ब्यूरो को मिला था. मामले में पड़ताल के दौरान अब तक कई गिरफ्तारियां की जा चुकी हैं. आरोप हैं कि नरेश कुमार गोयल ने अपने सह-आरोपियों के साथ मिलकर सरकार के करोड़ों रुपए की धनराशि का गबन किया है.

आरोपियों ने गबन की राशि से फ्लैट और जमीन खरीदी: हरियाणा सहकारिता विभाग की ओर से संचालित एकीकृत सहकारी विकास परियोजना (आईसीडीपी) में 100 करोड़ रुपए के घोटाले का खुलासा हुआ था. इसमें शामिल सहकारिता विभाग के सहायक रजिस्ट्रार, सहकारी समिति के जिला रजिस्ट्रार और ऑडिटर ने मिलीभगत कर गोदाम व भवन का निर्माण कराए बिना ही फर्जी बिलों से राशि का भुगतान करा लिया. फिर इस राशि से आरोपियों ने फ्लैट और जमीन भी खरीदी ली.

14 आरोपियों को किया गया गिरफ्तार: हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) इस मामले में 10 अधिकारियों समेत 14 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. इनमें से चार लोगों को 31 जनवरी से एक फरवरी के बीच गिरफ्तार किया गया था. गौरतलब है कि इस मामले पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी नजरें हैं.

विभाग ने पांच जिलों में शुरू करवाए थे निर्माण कार्य: गौरतलब है कि सहकारिता विभाग ने 2018 में प्रदेश के पांच जिलों- रेवाड़ी, करनाल, पानीपत, कैथल व अंबाला में आईसीडीपी के तहत निर्माण कार्य शुरू कराए थे. इसके तहत सहकारी समितियों की सहायता और सुविधा के लिए भवन निर्माण, फर्नीचर, गोदाम का निर्माण कराना था. इसके लिए नेशनल कोआपरेटिव डेवलपमेंट कारपोरेशन (एनसीडीसी) और हरियाणा सरकार द्वारा 50-50 फीसदी राशि दी गई थी. गजटेड

अधिकारियों समेत अन्य अधिकारी व कर्मचारी गिरफ्तार: इससे पहले इस घोटाले में संलिप्त छह गजेटेड अधिकारियों, आईसीडीपी रेवाड़ी के चार अन्य अधिकारियों व चार निजी लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इन आरोपियों में ऑडिट ऑफिसर बलविंदर, डिप्टी चीफ ऑडिटर योगेंद्र अग्रवाल, कृष्ण बेनीवाल, आईडीपी रेवाड़ी के लेखाकार सुमित अग्रवाल, विकास अधिकारी नितिन शर्मा और विजय सिंह को गिरफ्तारी किया गया था. चार निजी लोगों स्तालिन जीत, नताशा कौशिक, सुभाष और रेखा को भी गिरफ्तार किया गया था.

इस मामले में करनाल और कैथल एसीबी ने चार आरोपियों को 31 जनवरी से एक फरवरी के बीच गिरफ्तार किया. इनमें करनाल की सहकारी समिति के जिला रजिस्ट्रार रोहित गुप्ता, पानीपत की सहायक रजिस्ट्रार सहकारी समिति (एआरसीएस) अनु कोशिश, रामकुमार और कैथल के अतिरिक्त रजिस्ट्रार जितेंद्र कौशिक शामिल हैं.

इस नंबर पर दे सकते हैं रिश्वत की सूचना: एंटी करप्शन ब्यूरो के अधिकारी ने आमजन से अपील करते हुए कहा कि यदि कोई भी अधिकारी या कर्मचारी सरकारी काम करने के एवज में रिश्वत की मांग करता है तो इसकी जानकारी तुरंत हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो के टोल फ्री नंबर-1800-180-2022 और 1064 पर दें.

ये भी पढ़ें- रेवाड़ी कोर्ट में पेश हुए 100 करोड़ घोटाले के मास्टरमाइंड, 27 मार्च को होगी अगली सुनवाई

ये भी पढ़ें- कैथल को ऑपरेटिव मार्केटिंग सोसायटी में गलत तरीके से 14 युवाओं की भर्ती, राज्यमंत्री कमलेश ढांडा ने भर्ती पर उठाए सवाल

चंडीगढ़: हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने भ्रष्टाचार के आरोप में सहकारिता विभाग के संयुक्त रजिस्ट्रार नरेश कुमार गोयल को पंचकूला से गिरफ्तार किया है. एसीबी की टीम ने आरोपी की गिरफ्तारी बीते दिनों सहकारिता विभाग में उजागर हुए करोड़ों रुपये के घोटाले के मामले में की है.

सह-आरोपियों के साथ मिलकर करोड़ों रुपये की राशि का गबन: सहकारिता विभाग में घोटाले की जांच का जिम्मा एंटी करप्शन ब्यूरो को मिला था. मामले में पड़ताल के दौरान अब तक कई गिरफ्तारियां की जा चुकी हैं. आरोप हैं कि नरेश कुमार गोयल ने अपने सह-आरोपियों के साथ मिलकर सरकार के करोड़ों रुपए की धनराशि का गबन किया है.

आरोपियों ने गबन की राशि से फ्लैट और जमीन खरीदी: हरियाणा सहकारिता विभाग की ओर से संचालित एकीकृत सहकारी विकास परियोजना (आईसीडीपी) में 100 करोड़ रुपए के घोटाले का खुलासा हुआ था. इसमें शामिल सहकारिता विभाग के सहायक रजिस्ट्रार, सहकारी समिति के जिला रजिस्ट्रार और ऑडिटर ने मिलीभगत कर गोदाम व भवन का निर्माण कराए बिना ही फर्जी बिलों से राशि का भुगतान करा लिया. फिर इस राशि से आरोपियों ने फ्लैट और जमीन भी खरीदी ली.

14 आरोपियों को किया गया गिरफ्तार: हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) इस मामले में 10 अधिकारियों समेत 14 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. इनमें से चार लोगों को 31 जनवरी से एक फरवरी के बीच गिरफ्तार किया गया था. गौरतलब है कि इस मामले पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी नजरें हैं.

विभाग ने पांच जिलों में शुरू करवाए थे निर्माण कार्य: गौरतलब है कि सहकारिता विभाग ने 2018 में प्रदेश के पांच जिलों- रेवाड़ी, करनाल, पानीपत, कैथल व अंबाला में आईसीडीपी के तहत निर्माण कार्य शुरू कराए थे. इसके तहत सहकारी समितियों की सहायता और सुविधा के लिए भवन निर्माण, फर्नीचर, गोदाम का निर्माण कराना था. इसके लिए नेशनल कोआपरेटिव डेवलपमेंट कारपोरेशन (एनसीडीसी) और हरियाणा सरकार द्वारा 50-50 फीसदी राशि दी गई थी. गजटेड

अधिकारियों समेत अन्य अधिकारी व कर्मचारी गिरफ्तार: इससे पहले इस घोटाले में संलिप्त छह गजेटेड अधिकारियों, आईसीडीपी रेवाड़ी के चार अन्य अधिकारियों व चार निजी लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इन आरोपियों में ऑडिट ऑफिसर बलविंदर, डिप्टी चीफ ऑडिटर योगेंद्र अग्रवाल, कृष्ण बेनीवाल, आईडीपी रेवाड़ी के लेखाकार सुमित अग्रवाल, विकास अधिकारी नितिन शर्मा और विजय सिंह को गिरफ्तारी किया गया था. चार निजी लोगों स्तालिन जीत, नताशा कौशिक, सुभाष और रेखा को भी गिरफ्तार किया गया था.

इस मामले में करनाल और कैथल एसीबी ने चार आरोपियों को 31 जनवरी से एक फरवरी के बीच गिरफ्तार किया. इनमें करनाल की सहकारी समिति के जिला रजिस्ट्रार रोहित गुप्ता, पानीपत की सहायक रजिस्ट्रार सहकारी समिति (एआरसीएस) अनु कोशिश, रामकुमार और कैथल के अतिरिक्त रजिस्ट्रार जितेंद्र कौशिक शामिल हैं.

इस नंबर पर दे सकते हैं रिश्वत की सूचना: एंटी करप्शन ब्यूरो के अधिकारी ने आमजन से अपील करते हुए कहा कि यदि कोई भी अधिकारी या कर्मचारी सरकारी काम करने के एवज में रिश्वत की मांग करता है तो इसकी जानकारी तुरंत हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो के टोल फ्री नंबर-1800-180-2022 और 1064 पर दें.

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