जींद: हरियाणा कृषि प्रबंधन एवं प्रशिक्षण संस्थान में कृषि सेवाओं में एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स की शुरुआत हुई. प्रशिक्षण कोर्स की शुरुआत कृषि महाविद्यालय हिसार के पूर्व डीन डॉक्टर राजकुमार पान्नू ने की. डिप्लोमा में हरियाणा के कई जिलों से 40 भावी कीटनाशक विक्रेताओं ने हिस्सा लिया.
कृषि विद्यालय में कोर्स: डॉक्टर पान्नू ने कहा कि कृषि उत्पादन में हम आज अव्वल स्तर पर हैं, लेकिन आज कृषि में अनेकों चुनौतियां हमारे सामने खड़ी हो गई हैं. उन्होंने कहा कि आज भूमि की घटती उर्वरा शक्ति, घटता भूजल स्तर, मौसम में बदलाव, खेती में किसान का बढ़ता खर्चा, कीट व बीमारियों में बढ़ती सहनशीलता, खाद्यान्न में बढ़ता जहर का स्तर आदि जैसी अनेकों समस्याएं हमारे सामने खड़ी हो गई हैं. जिनकी तरह ध्यान देना अति आवश्यक हो गया है. इसके लिए कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक एवं कृषि विभाग के अधिकारी तो प्रयासरत हैं.
खाद विक्रेता डिपलोमा कोर्स: डॉक्टर पान्नू ने कहा कि कीटनाशक विक्रेता भी इन चुनौतियों का सामना करने में विशेष योगदान दे सकते हैं. डॉक्टर पान्नू ने बताया कि बहुत से किसान विक्रेताओं से ही सलाह लेते हैं. इसलिए कीटनाशक विक्रेताओं को कृषि से संबंधित वैज्ञानिक ज्ञान का होना अति आवश्यक है. इसलिए कीटनाशक विक्रेताओं के ज्ञान में वृद्धि एवं नवीनतम तकनीकी ज्ञान की जानकारी के लिए भारत सरकार ने ये डिप्लोमा कोर्स विक्रेताओं के लिए अनिवार्य किया है, ताकि किसानों को सही समय पर सही सलाह मिल सके.
दसवीं पास युवाओं के लिए रोजगार: डॉक्टर कर्मचंद ने बताया कि ये डिप्लोमा दसवीं पास युवाओं के लिए रोजगार का बड़ा अवसर है. इसमें खाद, बीज व कीटनाशकों की बिक्री का लाइसेंस बनवा कर. युवा अपना कार्य कर सकते हैं. खाद, बीज व कीटनाशक बनाने व बेचने वाली कंपनियां भी डिप्लोमा धारकों को प्राथमिकता देती हैं. युवाओं को ये कोर्स करवाने में हमेटी अपना पूरा योगदान दे रही है. इस समय हमेटी में छह बैच ऑन कैंपस, चार बैच नूंह, दो बैच रेवाड़ी, दो बैच नारनौल में ऑफ कैंपस चलाए जा रहे हैं. प्रत्येक बैच में 40 प्रशिक्षणार्थियों को दाखिला दिया जाता है. जिन्हें कृषि वैज्ञानिकों व कृषि अधिकारियों द्वारा प्रशिक्षण दिया जाता है.